Rajaswa sanhita

Up rajaswa sanhita dhara 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 67

Up rajaswa sanhita dhara 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 67 धारा 67 — ग्राम पंचायत की सम्पत्ति की क्षति, उसका दुरूपयोग और गलत अधिभोग को रोकने की शक्ति – उपधारा (1) –– जहां किसी ग्राम पंचायत या अन्य स्थानीय प्राधिकरण को इस संहिता के उपबन्धों के अधीन सौंपी गयी या सौंपी गयी समझी […]

Up rajaswa sanhita dhara 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 67 Read More »

Up rajaswa sanhita dhara 93 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 93

Up rajaswa sanhita dhara 93 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 93 धनराशि प्राप्त करने के लिए कब्जा का अन्तरण विक्रय माना जायेगा- यदि कोई भूमिधर ऋण के रूप में या ऐसे ऋण पर ब्याज के बदले में अग्रिम ली गयी किसी धनराशि को प्राप्त करने के प्रयोजन के लिये किसी जोत या उसके किसी

Up rajaswa sanhita dhara 93 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 93 Read More »

Up rajaswa sanhita dhara 92 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 92

Up rajaswa sanhita dhara 92 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 92 असंक्रमणीय अधिकारों वाले भूमिधर द्वारा भूमि को बंधक रखना:– इस संहिता के उपबन्धों के अधीन किसी जोत अथवा उसके किसी भाग में असंक्रमणीय अधिकारों वाले किसी भूमिधर का हित — (क) राज्य सरकार या किसी बैंक या किसी सहकारी सगिति या यू०पी० स्टेट

Up rajaswa sanhita dhara 92 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 92 Read More »

Up rajaswa sanhita dhara 91 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 91

Up rajaswa sanhita dhara 91 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 91 बन्धक द्वारा अन्तरण पर प्रतिबन्ध – किसी भूमिधर को किसी जोत या उसके किसी भाग को बंधक रखने का अधिकार न होगा जहां बन्धक सम्पत्ति का कब्जा अग्रिम दी गयी या अग्रिम दी जाने वाली या उस पर ब्याज के लिये बंधक की

Up rajaswa sanhita dhara 91 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 91 Read More »

Up rajaswa sanhita dhara 90 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 90

Up rajaswa sanhita dhara 90 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 90 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 भारतीय नागरिकों से भिन्न व्यक्तियों द्वारा भूमि का अर्जन न किया जाना:- इरा सहिता में या – तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में दी गयी किसी बात के होते हुए भी भारतीय नागरिक से भिन्न किसी व्यक्ति को

Up rajaswa sanhita dhara 90 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 90 Read More »

Up Rajaswa Sanhita dhara 96 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 96

Up Rajaswa Sanhita dhara 96 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 96 धारा 96 निःशक्त सह–अंशधारकों द्वारा पट्टा करना– उपधारा – (1) जहां कोई जोत एक व्यक्ति से अधिक व्यक्तियों द्वारासंयुक्त रूप से धृत की जाती है और उनमें से सभी धारा 95 की उपधारा (1) में उल्लिखित निःशक्तताओं के अधीन नहीं है तो निःशक्त सह–अंशधारक

Up Rajaswa Sanhita dhara 96 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 96 Read More »

Up Rajaswa Sanhita dhara 95 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 95

Up Rajaswa Sanhita dhara 95 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 95 धारा 95 किसी निःशक्त व्यक्ति द्वारा पट्टा करना- उपधारा -1 कोई भूमिधर या ग्राम पंचायत से प्राप्त भूमि धारण करने वाला कोई असामी एक बार में तीन वर्ष की सीमा से अनधिक अवधि के लिए अपने पूरे जोत या भाग को पट्टे पर दे

Up Rajaswa Sanhita dhara 95 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 95 Read More »

Up Rajaswa Sanhita dhara 80 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 80

Up Rajaswa Sanhita dhara 80 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 80 औद्योगिक, वाणिज्यिक या आवासीय प्रयोजनों के लिए जोत का उपयोग– ( 1 ) जहां संक्रमणीय अधिकार वाला भूमिधर अपनी जोत या उसके भाग का, औद्योगिक, वाणिज्यिक या आवासीय प्रयोजन के लिए उपयोग करता है, वहां उप जिलाधिकारी स्वप्रेरणा से या ऐसे भूमिधर द्वारा आवेदन

Up Rajaswa Sanhita dhara 80 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 80 Read More »

Up Rajaswa Sanhita dhara 38 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 38

Up Rajaswa Sanhita dhara 38 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 38 इस धारा के अंतर्गत खसरा खतौनी में कोई त्रुटि हो जाती है उसको दुरस्त किया जाता है। गलती और लोप का सुधार – (1) नक्शा खसरा या अधिकार अभिलेख (खतौनी) में किसी गलती और लोप के सुधार के लिए प्रार्थना-पत्र तहसीलदार को विहित रीति

Up Rajaswa Sanhita dhara 38 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 38 Read More »

join us
Scroll to Top