Up rajaswa sanhita dhara 93 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 93

Up rajaswa sanhita dhara 93 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 93

धनराशि प्राप्त करने के लिए कब्जा का अन्तरण विक्रय माना जायेगा-

यदि कोई भूमिधर ऋण के रूप में या ऐसे ऋण पर ब्याज के बदले में अग्रिम ली गयी किसी धनराशि को प्राप्त करने के प्रयोजन के लिये किसी जोत या उसके किसी भाग का कब्जा अंतरित करता है तो किसी विधि या संविदा या अन्तरण के अभिलेख में किसी बात के होते हुए भी यह संव्यवहार सदैव और इस संहिता के प्रयोजनों के लिए. अंतरिती को विक्रय गाना जायेगा और ऐसे प्रत्येक विक्रय पर धारा 89 के उपबन्ध लागू होंगे।

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