Mitra ko patra in sanskrit

Mitra ko patra in sanskrit यात्रा के लिए मित्र को बुलाने हेतु पत्र प्रिय छात्रो मित्र के लिए संस्कृत में पत्र लिखने के लिए परीक्षा में पूछा जाता है। इसका हल हम यहां पर लिख रहे है । मित्र के साथ यात्रा पर जाने के लिए पत्र संस्कृत में अजयमेरुतःदिनाङ्कः— 02/06/2021 प्रियमित्र रमेश:नमस्ते अत्र अहं … Read more

MP BOARD CLASS 12 CHEMISTRY CHAPTER 5 PRASTH RASAYAN प्रष्ठ रसायन

MP BOARD CLASS 12 CHEMISTRY CHAPTER 5 PRASTH RASAYAN प्रष्ठ रसायन पाठ – 5 प्रष्ठ रसायन महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न ( 12th Chemistry Important Questions in hindi 2022 ) किसी रासायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक का प्रभाव को परिवर्तित करना होता है—(अ) साम्य सान्द्रता (ब) सक्रियण ऊर्जा(स) अभिक्रिया ऊष्मा (द) अंतिम उत्पाद किस प्रकार की धातुए प्रभावी … Read more

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 6:

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 6: Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 6 विश्वभारतीयम् पाठ का हिंदी अनुवाद प्रश्न उत्तर संधि और समास | सप्तमः पाठः |. |◆विश्वभारतीयम् ◆| संस्कृतभाषा न केवलं विश्वस्य प्राचीनतमा भाषा, अपितु वैज्ञानिकी भाषाअप्यस्ति।अस्याम् अस्माकं भारतीयानांपूर्वजानां सर्वमपिज्ञान-विज्ञानं निहितमस्ति। एषा भाषैव भारतीयभाषाणाम्, भारतीयसाहित्यस्य च उपजीव्यभाषाअस्ति।संस्कृतेन विना भारतीयभाषाणां, भारतीयसाहित्यस्य, वेद-पुराणोपनिषत्-कला … Read more

Kim Striling Shabd Roop magic formula किम् स्त्रीलिंग शब्द रूप संस्कृत में 2 मिनट मे करें याद

Kim Striling Shabd Roop किम् स्त्रीलिंग शब्द रूप संस्कृत में Kim Striling Shabd Roop: किम् शब्द रूप पुल्लिंग ( कौन, कौन लोग) प्राय: प्रश्न पूछने के समय किम शब्द के रूप प्रयोग में लाए जाते हैं कर्ता जिस लिंग का होता है किम शब्द के रूप भी उसी लिंग के लाए जाते हैं जैसे यदि … Read more

MpBoard Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5

MpBoard Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 सम्पूर्ण पाठ संस्कृति और हिंदी में प्रश्न उत्तर हल सहित MpBoard Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 षष्ठः पाठः यशः शरीरम् पाठ का हिंदी अनुवाद संस्कृत सहित संसारे बहवः जना: जन्म ग्रह्णन्ति किन्तु तेषु अल्पजना: एव संसारे ख्याति प्राप्य यशो लभन्ते। ये स्वसुखं स्वार्थं च परित्यज्य लोकमङ्गलभावनया लोककल्याणार्थं … Read more

Kim Ke Shabd Roop in Sanskrit

Kim Ke Shabd Roop in Sanskrit किम् पुल्लिंग शब्द रूप संस्कृत में किम् शब्द रूप पुल्लिंग ( कौन, कौन लोग) प्रायर प्रश्न पूछने के समय किम शब्द के रूप प्रयोग में लाए जाते हैं करता जिस लिंग का होता है किम शब्द के रूप भी उसी लिंग के लाए जाते हैं जैसे यह दया करता … Read more

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 कुटुम्बानुरक्तिः पाठ का हिंदी अनुवाद प्रश्न और उत्तर खली स्थान संधि विच्छेद समास आदि पञ्चमः पाठः कुटुम्बानुरक्तिः संस्कृतनाटककारेषु प्रमुखेन महाकविभासेन “नाटकान्तं कवित्वम्” इति उक्तिं चरितार्थं कृत्वा त्रयोदशनाटकानि विरचितानि।तानि च दूतवाक्यम्, कर्णभारम्, दूतघटोत्कचः, मध्यमव्यायोगः, पञ्चरात्रम्, उरुभङ्गम्, अभिषेकनाटकम्, बालचरितम्, अविमारकम्, प्रतिमानाटकम्, … Read more

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 4

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 4 सुभाषितानि चतुर्थ पाठ: – सुभाषितानि Mp Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 4“सुभाषितम्” इत्यस्य अर्थ: ‘सु’-सुष्ठु ‘भाषितम्’-कथितम् इति। सम्यक् भाषितं सुभाषितं भवति। शोभनं वचनंसुभाषितम्इति कथ्यते। सुभाषिते महापुरुषाणाम् अनुभव: छन्दोबद्धेन श्लोकेनप्रस्तूयते। तादृशानि कानिचित् सुभाषितानि अत्र वर्तन्ते। (सज्जन-प्रशंसा)गङ्गा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा।पापं तापं च दैन्यं च घ्नन्ति सन्तो … Read more

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution chapter 3

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution chapter 3 महर्षिः दयानन्दः पाठ का हिन्दी अनुवाद संस्कृत सहित भारतीया संस्कृति: संसारस्य पुरातनसंस्कृतिषु प्रधानतमा वर्तते । समये-समये अनेके महापुरुषाः भारते अवतीर्य एताम् अस्मद्देशीयां संस्कृति श्रेष्ठताया: चरमसीमां नीतवन्तः। महर्षि दयानन्द: तेषु प्रधानतम: उन्नायक: आसीत्। अस्मिन् पाठे महर्षे: दयानन्दस्य जीवनचरितं प्रस्तूयते। 1. महर्षेः दयानन्दस्य जन्म गुर्जरप्रदेशे ब्राह्मणपरिवारे फरवरीमासे द्वादशे दिनाङ्के … Read more

Mp board class 10 sanskrit solution chapter 2

Mp board class 10 sanskrit solution chapter 2 Mp board class 10 sanskrit solution chapter 2 न्यग्रोधवृक्षः पाठ का हिंदी अनुवाद संस्कृत सहित 1 . न्यग्रोधवृक्षकस्मिंश्चित् ग्रामे एक: प्राचीन: विशाल: च न्यग्रोधवृक्षः आसीत् । स: पशुपक्षिभ्य: बहुविधेभ्य: जीवजन्तुभ्य: मनुष्येभ्यः अपि नित्यं बहूपकारकः आसीत् । पथिका: तस्य वृक्षस्य छायायां पाथेयं भक्षयित्वा मार्गायासं परिहरन्ति स्म । पशव: … Read more