Up Rajaswa Sanhita dhara 38 उ0 प्र0 राजस्व संहिता धारा 38
इस धारा के अंतर्गत खसरा खतौनी में कोई त्रुटि हो जाती है उसको दुरस्त किया जाता है।
गलती और लोप का सुधार – (1) नक्शा खसरा या अधिकार अभिलेख (खतौनी) में किसी गलती और लोप के सुधार के लिए प्रार्थना-पत्र तहसीलदार को विहित रीति से दिया जाएगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन प्रार्थना-पत्र प्राप्त होने पर या अन्यथा उसकी जानकारी में प्राप्त किसी गलती या लोप पर, तहसीलदार ऐसी जाँच करेगा जो उसे आवश्यक प्रतीत हो और नक्शा में संशोधन सम्बन्धी मामले को अपनी रिपोर्ट के साथ कलेक्टर को तथा अन्य संशोधन सम्बन्धी मामले को अपनी रिपोर्ट के साथ उप जिलाधिकारी को निर्दिष्ट करेगा।
(3) कलेक्टर या उप जिलाधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा अपने समक्ष दाखिल या तहसीलदार के समक्ष दाखिल किसी आपत्ति एवं प्रस्तुत किये गये साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात मामले का निर्णय किया जाएगा।
(4) उपधारा (3) के अधीन कलेक्टर या उप जिलाधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, के किसी आदेश द्वारा व्यथित कोई व्यक्ति, आयुक्त को ऐसे आदेश के दिनांक से तीस दिन के भीतर अपील कर सकता है और आयुक्त का निर्णय अन्तिम होगा।
(5) नक्शा, खसरा या अधिकार अभिलेख (खतौनी) की कोई फर्जी या छलसाधित प्रविष्टि को इस धारा के अन्तर्गत खारिज किया जा सकता है।
(6) इस संहिता के अन्य प्रावधानों में किसी बात के होते हुये भी, राजस्व निरीक्षक अधिकार अभिलेख अथवा खसरा की किसी अविवादित त्रुटि या लोप को ऐसी रीति से और ऐसी जांच, जो विहित की जाय, करने के बाद ठीक कर सकेगा।
स्पष्टीकरण – इस धारा के अधीन किसी गलती या लोप का सुधार करने की शक्ति का यह अर्थ नहीं लगाया जाय कि इसमें हक के प्रश्न से संबंधित किसी विवाद के निर्णय की शक्ति सम्मिलित है।