UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 9 HINDI CHAPTER 6 PARAMHANS RAMKRISHNA SANSKRIT KHAND
पष्ठः पाठः परमहंसः रामकृष्णः
1- निम्नलिखित का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए
(क) रामकृष्णः एकः ———— —————चरित्रम् अदर्शयत् ।
[विलक्षणः = अलौकिक, अभवत् = हुए, महात्मना गान्धिना = महात्मा गाँधी द्वारा, उक्तम् = कहा गया, प्रायोगिकम् = आचरण में लाया गया, विद्यते = है, प्रददाति = प्रदान करता है, मूर्तिमान् = साक्षात् , बङ्गेषु = बंगाल प्रदेश में, ख्रिस्ताब्दे = ईसवीं सन् में, पितरौ = माता-पिता, आस्ताम् = थे ।]
सन्दर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘हिंदी’ के ‘संस्कृत खंड’ के ‘परमहंसः रामकृष्णः’ नामक पाठ से उद्धृत है ।
अनुवाद —- रामकृष्ण एक अलौकिक महापुरुष थे । उनके विषय में महात्मा गाँधी ने कहा था-“रामकृष्ण परमहंस का जीवन-चरित धर्म के आचरण का व्यावहारिक विवरण है । उनका जीवन हमें ईश्वर के दर्शनों के लिए शक्ति प्रदान करता है । उनके वचन न केवल किसी के नीरस ज्ञान के वचन हैं, अपितु उनकी जीवनरूपी पुस्तक के पृष्ठ ही हैं । उनका जीवन अहिंसा का साक्षात पाठ है ।” स्वामी रामकृष्ण का जन्म बंगाल में हुगली प्रदेश के ‘कामारपुकुर’ नामक स्थान में 1836 ईसवीं में हुआ था । उनके माता-पिता अत्यधिक धार्मिक विचारों के थे । बाल्यकाल से ही रामकृष्ण ने (अपने) अद्भुत चरित्र को प्रदर्शित किया । )
परम सिद्धोऽपि————————————————-प्रदर्शनेन॥
[नोचितम् = उचित नहीं है, ठीक नहीं है, अमन्यत् = मानते हैं, केनचित् = किसी, पादुकाभ्याम् =दोनों पादुकाओं से, तरति = पार कर लेता है, पण = पुराने जमाने का सिक्का, एतादृश्याः = इस प्रकार की ।]
संदर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- परमसिद्ध होते हुए भी वे सिद्धियों के प्रदर्शन को उचित नहीं मानते थे । एक बार किसी भक्त ने किसी की महिमा का इस प्रकार वर्णन किया- “ वह महात्मा पादुकाओं से नदी पार कर लेता है । यह बड़े आश्चर्य की बात है ।” परमहंस रामकृष्णन धीरे से हँसे और बोले-“ इस सिद्धि का मूल्य केवल दो पैसे है । दो पैसे से साधारण व्यक्ति नाव द्वारा नदी पार कर लेता है । इस सिद्धि से केवल दो पैसों का लाभ होता है । इस प्रकार की सिद्धि के प्रदर्शन से क्या प्रयोजन है?’
“जले निमज्जिताः ————————————————–उदयो भवति ।”
[निमज्जिताः = डूबे हुए, प्राणाः = प्राण, निष्क्रमितुम् = निकलने के लिए, आकुलाः = व्याकुल, चेत् = यदि, समुत्सका: = उत्सुक, भवितुम् अर्हति =हो सकती है, साधयितुम् = साधना करने में, दिनत्रयाधिक = तीन दिन से अधिक,मृत्कृते = मेरे लिए, अपेक्ष्यते = आवश्यक है ।]
संदर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- 1-” जल में डूबे हुए प्राण जिस प्रकार बाहर निकलने के लिए व्याकुल होते हैं, उसी प्रकार यदि लोग ईश्वर दर्शन के लिए भी उत्सुक होवें, तब उसके (ईश्वर के) दर्शन हो सकते हैं ।” 2-“किसी भी साधना को पूरा करने के लिए मुझे तीन दिन से अधिक का समय नहीं चाहिए ।’ 3-“ मैं भौतिक (सांसारिक) सुखों को प्रदान करने वाली विद्या नहीं चाहता हूँ । मैं तो उस विद्या को चाहता हूँ, जिससे हृदय में ज्ञान का उदय होता है ।”
(घ) अयं महापुरुषः ———- ————–महान सन्देशः ।
[स्वकीयेन = अपने, एतावान् = इतने, सञ्जातः = हुए, मानवकृत = मानव के द्वारा बनाए गए, विभेदा: = भेदभाव, निर्मूला:= व्यर्थ, बेकार, अजायन्त = हो गए थे, साधितम् = सिद्ध किया, विश्व विश्रुत: = संसार में प्रसिद्ध, अस्यैव = इन्हीं, महाभागस्य = महानुभाव के, डिण्डिमघोषः कृतः = दुन्दुभि बजाई, पुष्यति = पुष्ट होता है ।]
सन्दर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- यह महापुरुष अपने योगाभ्यास के बल से ही इतने महान हो गए थे । वे ऐसे विवेकशील और शुद्ध चित्त वाले थे कि उनके लिए मानव के द्वारा बनाए गए भेदभाव बेकार हो गए थे । अपने आचरण से ही उन्होंने सब कुछ सिद्ध किया । संसार में प्रसिद्ध स्वामी विवेकानंद इन्हीं महानुभाव के शिष्य थे । उन्होंने केवल भारतवर्ष में ही नहीं, अपितु पश्चिमी देशों में भी व्यापक मानव धर्म का डंका बजाया (दुन्दुभि बजाई) । उन्होंने और उनके दूसरे शिष्यों ने लोगों के कल्याण के लिए स्थान-स्थान पर रामकृष्ण सेवाश्रम स्थापित किए । “ईश्वर का अनुभव दुःखी लोगों की सेवा से ही पुष्ट होता है ।” यह रामकृष्ण का महान संदेश है ।
2- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए
(क) कः महापुरुषः विलक्षणः अभवत् ?
उत्तर– – रामकृष्ण परमहंसः महापुरुषः विलक्षणः अभवत् ।
(ख) महात्मना गान्धिना रामकृष्णस्य विषये किम् उक्तम्?
उत्तर– – रामकृष्णस्य विषये महात्मना गान्धिना उक्तम् – “यत् तस्य जीवनम् अस्मभ्यम् ईश्वरदर्शनाय् शक्ति प्रददाति’
इति ।”
(ग) स्वामिनः रामकृष्णस्य जन्म कुत्र कदाच अभवत्?
उत्तर– – स्वामिनः रामकृष्णस्य जन्म बङ्गेषु हुगली प्रदेशस्य कामारपुकुर स्थाने 1836 ख्रिस्ताब्दे अभवत् ।
(घ) परमहंसस्य रामकृष्णस्य पितरौ कस्य प्रवृत्या आसीत्? ।
उत्तर– – परमहंसस्य रामकृष्णस्य पितरौ परमधार्मिकौ प्रवृत्या आसीत् ।
(ङ) रामकृष्णस्य जीवनम् अस्मभ्यम् किम सन्देशम् ददाति?
उत्तर– – रामकृष्णस्य जीवनम् अस्मभ्यम् सन्देशम् ददाति ईश्वरानुभव: दुःखितानां जनानां सेवया पुष्यति ।
(च) कदाईश्वरस्य दर्शनम् भवितुम अर्हति?
उत्तर– – जले निमज्जिताः प्राणाः यथा निष्क्रिमितुम् आकुलाः भवन्ति तथैव चेत् ईश्वरदर्शनाय अपि सुमुत्सुकाः भवन्तुः
जनाः तदा तस्य दर्शनं भवितुम् अर्हति ।
(छ) रामकृष्णः केन प्रकारेण महान् सञ्जातः?
उत्तर– – रामकृष्ण: योगाभ्यासबलेन महान् सञ्जातः ।
(ज) रामकृष्णाय किमपि साधनम् साधयितुम् कियतः कालः अपेक्ष्यते?
उत्तर– – रामकृष्णाय किमपि साधनम् साधयितुम् दिनत्रयाधिकः कालः नैव अपेक्ष्यते ।
(झ) रामकृष्णस्य श्रेष्ठः शिष्यः कः आसीत्?
उत्तर– – रामकृष्णस्य श्रेष्ठःशिष्यः स्वामी विवेकानन्दः आसीत् ।
(ञ) रामकृष्णः काम् विद्याम् अवाञ्छत्?
उत्तर– – रामकृष्णः ताम् विद्याम् अवाञ्छत् यथा हृदये ज्ञानस्य उदयो भवति ।
(ट) ईश्वरानुभवः केषां जनानाम् सेवया पुष्यति?
उत्तर– – ईश्वरानुभवः दुःखितानां जनानाम् सेवया पुष्यति ।
(ठ) स्वामी विवेकानन्देन पाश्चात्यदेशेषुकः डिण्डिमघोषः कृतः?
उत्तर– – स्वामी विवेकानन्देन पाश्चात्यदेशेषु व्यापकस्य मानवधर्मस्य डिण्डिमघोषः कृतः ।
(ड) रामकृष्णः सेवाश्रमाः केन स्थापिताः?
उत्तर– – रामकृष्ण: सेवाश्रमाः स्वामी विवेकानन्देन स्थापिताः ।
अनुवादात्मक निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
1- रामकृष्ण एक विलक्षण महापुरुष हुए ।
अनुवाद —- रामकृष्णः एकः विलक्षणः महापुरुषः अभवत् ।
2- उनका जन्म बंगाल में हुआ था ।
अनुवाद —- तस्य जन्म बङ्गालप्रान्ते अभवत् ।
3- उनके वचन जीवन ग्रन्थ के पृष्ठही हैं ।
अनुवाद —- तस्य वचनानि जीवनग्रन्थस्य पृष्ठानि एव सन्ति ।
4- रामकृष्ण की ईश्वर में आस्था थी ।
अनुवाद —- रामकृष्णस्य ईश्वरे निष्ठा आसीत् ।
5- रामकृष्ण भौतिक सुख नहीं चाहते थे ।
अनुवाद —-रामकृष्णः भौतिकं सुखं न अवाञ्छत् ।
6- रामकृष्ण बड़े महात्मा थे ।
अनुवाद —- रामकृष्णः उदारः महात्मा आसीत् ।
7- तुम वन जाओ ।
अनुवाद —- त्वं वनं गच्छ ।
8- तुम पुस्तक पढ़ो ।
अनुवाद —- त्वं पुस्तकं पठ ।
(स) व्याकरणात्मक
1- निम्नलिखित शब्दों में सन्धि-विच्छेदकीजिए तथा सन्धि का नाम भी बताइए
सन्धि शब्द…………………… सन्धि विच्छेद………………………..सन्धि का नाम
बाल्यकालादेव…………………… बाल्यकालात् + एव…………………… व्यंजन सन्धि
तदानीमेव …………………… तदानीम् इव…………………… गुण सन्धि
समुत्सुकाः …………………… सम्+उत्सुकाः…………………… पररूप सन्धि
बलेनैव …………………… बलेन+एव…………………… वृद्धि सन्धि
आराधनावसरे…………………… आराधना+अवसरे…………………… दीर्घ सन्धि
नोचितम् …………………… न+उचितम्…………………… गुण सन्धि
नाह …………………… न+अहं…………………… दीर्घ सन्धि
सेवाश्रमाः …………………… सेवा+आश्रमाः…………………… दीर्घ सन्धि
ईश्वरानुभवः…………………… ईश्वर+अनुभवः…………………… दीर्घ सन्धि
धर्माचरणस्य …………………… धर्म+आचरणस्य…………………… दीर्घ सन्धि
परमसिद्धोऽपि …………………… परमसिद्धो+अपि…………………… पूर्वरूप सन्धि
अस्यैव …………………… अस्य+एव…………………… वृद्धि सन्धि
2- निम्नलिखित शब्दों के समास-विग्रह करते हुए समास का नाम भी लिखिए
समस्त पद…………………… समास-विग्रह…………………… समास का नाम
प्रतिदिनम्…………………… दिनं दिनं प्रति…………………… अव्ययीभाव समास
विश्वविश्रुतः …………………… विश्वे विश्रुतः…………………… सप्तमी तत्पुरुष समास
ईश्वरानुभवः …………………… ईश्वरस्य अनुभवः…………………… षष्ठी तत्पुरुष समास
महापुरुषः …………………… महान् पुरुष…………………… कर्मधारय समास
शुद्धचित्तः …………………… शुद्धः चितः…………………… कर्मधारय समास
पीताम्बरः…………………… पीत: अम्बरः…………………… कर्मधारय समास
यथाशक्ति…………………… शक्तिं अनतिक्रम्य…………………… अव्ययीभाव समास
प्रजाहितम् …………………… प्रजायाः हितं…………………… चतुर्थी तत्पुरुष समास
विद्याहीनः …………………… विद्येन हीनः…………………… तृतीया तत्पुरुष समास
नीलकमलम्…………………… नीलं कमलम्…………………… कर्मधारय समास
3- निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त विभक्तिव वचन बताइए
शब्द …………………… विभक्ति…………………… वचन
नौकया…………………… तृतीया…………………… एकवचन
आचरेण…………………… तृतीया…………………… एकवचन सप्तमी
ग्रन्थस्य…………………… एकवचन…………………… षष्ठी
द्वितीया…………………… एकवचन……………………
विषये …………………… सप्तमी…………………… एकवचन
बङ्गेषु …………………… सप्तमी…………………… बहुवचन \
लोके …………………… सप्तमी…………………… एकवचन
दर्शनाय……………………चतुर्थी…………………. एकवचन
ईश्वरानुभवः…………………… प्रथमा…………………… एकवचन
आराधनावसरे …………………… सप्तमी……………………एकवचन
4- ‘एव’ तथा ‘एवम्’शब्दों का अन्तर स्पष्ट करते हुए दोनों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर– – ‘एव’ का अर्थ ‘ही’ तथा ‘एवम्’ का अर्थ ‘इस प्रकार’ है । दोनों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है
रामकृष्णस्य विषये महात्मना गान्धिना एवम् उक्तम् – तस्य जीवन-ग्रन्थस्य पृष्ठानि एव ।
5- निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग बताइएशब्द
उपसर्ग आजीवनं विभेदाः विलक्षणः अहिंसा स्वागत आयामि निर्गच्छति प्रहरति
पराभवति
6- ‘पठ’ धातु में ‘तुमुन’ प्रत्यय जोड़ने से पठितुम्’ शब्द बनता है, उसी प्रकार भू, हन् , दृश, गम् धातुओं में ‘तुमुन’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए
प्रत्यय—————–शब्द
भू———————-भवितुम्
हन्——————हन्तुम
तुमुन 7- निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्तधातु,लकार,पुरुष एवं वचन बताइए
शब्द…………………लकार……………………पुरुष
भवति…………………लट…………………प्रथम
तरति………………… लट्…………………एकवचन
8- निम्नलिखित सन्धि-विच्छेदों की उचित सन्धि के सामने ()का चिह्न लगाइए
(क) भानु+उदयः
(i) भानूदयः (ii) भानुदयः (iii) भानूउदयः (iv) भानुउदयः
(ख) महा+ऋषिः
(i) महार्षिः (i) महोर्षिः (iii) महर्षिः (iv) महारीषिः
(ग) सु+आगतम्
(i) स्वगतम् (ii) स्वागतम् (iii) सूवागतम् (iv) सवागतम्
(घ) कवे+ए
(i) कवेए (ii) कवऐ (iii) कवेय (iv) कवये
(ङ) पौ+अकः
(i) पवकः (ii) पायक: (iii) पावकः (iv) पौवकः
(च) सो+अहम्
(i) सावहम् (ii) सवहम् (iii) सायहम् (iv) सोऽहम्
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