UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 9 HINDI CHAPTER 7 GOPALNANDAN SANSKRIT KHAND

UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 9 HINDI CHAPTER 7 GOPALNANDAN SANSKRIT KHAND सप्तम पाठ गोपालनंदन:

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सप्तम पाठः कृष्णः गोपालनन्दनः

1- निम्नलिखित का सन्दर्भ सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए:-


(क) सुविदितमेव- —————श्रीकृष्णः जातः ।
सुविदितम् = भली प्रकार ज्ञात, एव = ही, लोकोत्तरः = लोक में उच्च, अलौकिक, सहस्रेभ्यः वर्षेभ्यः प्राक् = हजारों वर्ष पूर्व, मातुल:= माता, अद्य = आज, स्व = अपनी, भगिन्याः = बहन का, उभावपि = दोनों ही, न्यक्षिपत् = डाल दिया, जातः = उत्पन्न हुए ।
सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘हिंदी’ के ‘संस्कृत खंड’ के ‘कृष्णः गोपालनन्दनः’ नामक पाठ से उद्धृत है । अनुवाद —- यह भली प्रकार से ज्ञात ही है कि श्रीकृष्ण अलौकिक महापुरुष थे । हजारों वर्ष पहले उत्पन्न हुए ये महापुरुष आज भी लोगों के हृदयों में विराजमान हैं । श्रीकृष्ण का मामा कंस एक अत्याचारी शासक था । पहले उसने अपनी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ कर दिया, बाद में आकाशवाणी द्वारा देवकी के पुत्र द्वारा अपनी मृत्यु का समाचार सुनकर दोनों को जेल में डाल दिया । वहीं पर कारागार में श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए ।

(ख) श्रीकृष्णस्य जन्म—————–अभवत् ।
(अष्टम्यां तिथौ = अष्टमी के दिन, यदायम् = जब से, घटाटोपाः = घटाओं से घिरे, सद्योजातं = तुरंत पैदा हुए, नवजात, आदाय = लेकर, उत्तालतरङ्गा = ऊँची-ऊंची लहरों वाली, उत्तीर्य = पार करके, प्रापयत् = पहुँचा दिया, हृदयवल्लभः = हृदय के प्रिय ।
संदर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मथुरा में हुआ था । मध्य रात्रि में जब ये उत्पन्न हुए, तब आकाश में घिरे घने मेघ मूसलाधार वर्षा कर रहे थे । उस समय रात अँधेरी थी । परन्तु वसुदेव ने तुरंत पैदा हुए (नवजात) पुत्र की रक्षा के लिए तत्काल उसको लेकर ऊँची-ऊंची लहरों वाली यमुना को पार करके गोकुल में नन्दजी के घर पहुंचा दिया । वहाँ बचपन से ही श्रीकृष्ण लोगों के हृदय के प्यारे हो गए ।

  कापिगोपिका-------------------------------------------------------स्निह्यन्ति ।
    ( अङ्के = गोद, निधाय = रखकर अर्थात् लेकर, नयति = लेकर, अपरा = दूसरी, पाययति = पिलाती है, नवनीतम् = मक्खन, अवशिष्टम् =बचे हुए, पातयति = गिरा देता है, दधिभाण्डं = दही का बर्तन, त्रोटयति = तोड़ देता है, कुर्वतोऽपि = करते हुए भी, कोऽपि = कोई भी, क्रुध्यति = क्रोध करता है, स्निह्यन्ति = स्नेह करते हैं ।

संदर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- कोई गोपी उन्हें अपनी गोद में लेकर घर ले जाती, दूसरी उन्हें दूध पिलाती और उन्हें मक्खन देती । श्रीकृष्ण प्रेमपूर्वक दिया गया दूध पीते और मक्खन खाते । अवसर पाकर वे अपने मित्र ग्वालों के साथ किसी के घर में घुसकर दही खाते, मित्रों को देते, शेष दही को भूमि पर गिरा देते और कभी-कभी दही का बर्तन भी तोड़ देते । यह सब करते हुए भी उनके शील और सौंदर्य से प्रभावित होकर कोई उन पर क्रोध नहीं करता था, वरन् सब उनसे स्नेह करते थे ।

अनन्तरं श्रीकृष्णः————————————-अकरोत् ।
( अनन्तरम = इसके बाद, चारयति = चराते हैं, वेणुं = बाँसुरी को, गावः = गायें, विहाय = छोड़कर, वादयति = बजाते हैं, शृण्वन्ति = सुनते हैं । )
संदर्भ- पहले की तरह
अनुवाद —- इसके बाद श्रीकृष्ण ग्वालों के साथ वन में जाकर गायें चराते हैं और वहाँ बाँसुरी बजाते हैं । इससे सभी गायें और ग्वाले सब कार्यों को छोड़कर उनका बाँसुरी-वादन सुनते हैं । महाकवि व्यास ने संस्कृत भाषा में (और) भक्तकवि सूरदास ने हिंदी भाषा में उनकी बाल लीला का अत्यधिक सुंदर वर्णन किया है ।

यदा अयं बालः——————————-अभवत् ।
बालः एव = बालक ही, हन्तुम् = मारने के लिए, प्रेषयत् = भेजा, अहन् = मार डाला, अविगणय्य = न गिरकर, परवाह न करके, निवारयन् = दूर करते हुए, सन्दीप्ते वह्नौ = जलती हुई आग में, पदमधारयत् = स्थान बना लिया, स्वोत्तमैः = अपने उत्तम (गुणों से) ।
संदर्भ- पहले की तरह


अनुवाद —- जब ये बालक ही थे, तब कंस ने इन्हें मारने के लिए एक के बाद एक बहुत से राक्षसों को भेजा, परंतु श्रीकृष्ण ने अपने कौशल और पराक्रम से उन सबको मार दिया । उन्होंने केवल राक्षसों से ही नहीं अपितु दूसरी -विपत्तियों से भी गोकुल में रहने वाले लोगों की रक्षा की । एक बार वर्षा ऋतु में गोकुल में यमुना का जल तेजी से बढ़ रहा था तब श्रीकृष्ण ने अपने प्राणों की चिंता न करके सभी गोकुलवासियों की रक्षा की । इसी प्रकार आग लग जाने पर इन्होंने सब पशुओं और ग्वालों की उससे रक्षा की । इस प्रकार निरन्तर गोकुलवासियों के कष्टों को दूर करते हुए इन्होंने उनके हृदय में स्थान बना लिया था । अत: श्रीकृष्ण बचपन से ही अपने उत्तम गुणों और परोपकार की भावना से लोकप्रिय हो गए थे ।

2- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए


(क) श्रीकृष्णः कीदृशः महापुरुषः आसीत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णः लोकोत्तरो महापुरुषः आसीत् ।

(ख) श्रीकृष्णस्य जन्म कुत्र अभवत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णस्य जन्म मथुरायां कंसस्य कारागारे अभवत् ।

(ग) श्रीकृष्णस्य जन्म कदा अभवत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णस्य जन्म भाद्रपदमासस्य कृष्णपक्षस्य अष्टम्यां तिथौ अभवत् ।

(घ) श्रीकृष्णस्य मातुलः कः आसीत्?
उत्तर– – कंसः श्रीकृष्णस्य मातुल: आसीत् ।

(ङ) श्रीकृष्णस्य जन्मस्य अवसरे रात्रि कीदृशी आसीत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णस्य जन्मस्य अवसरे रात्रि अन्धकारपूर्णा आसीत् ।

(च) किं ज्ञात्वा कंसः स्वभग्नीम् कारागारेन्यक्षिपत्?

उत्तर– – आकाशवाण्या देवकीपुत्रेण स्वमृत्यु समाचारं ज्ञात्वा कंसः स्वभग्नीम् कारागारे न्यक्षिपत् ।

(छ) श्रीकृष्णस्य मातुलः कंसः कीदृशः नृपः आसीत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णस्य मातुल: कंस: अत्याचारी नृपः आसीत् ।

(ज) कः कविः श्रीकृष्णस्य बाललीलायाः वर्णनम् हिन्दी भाषायाम् अकरोत्?
उत्तर– – महाकविः सूरदासः श्रीकृष्णस्य बाललीलायाः वर्णनम् हिन्दी भाषायाम् अकरोत् ।

(झ) कदा श्रीकृष्ण: जनानां हृदयवल्लभः अभवत्?
उत्तर– – श्रीकृष्ण: बाल्यादेव जनानां हृदयवल्लभः अभवत् ।

(ञ) श्रीकृष्णस्य पितुः किं नाम अस्ति?
उत्तर– – श्रीकृष्णस्य पितुः नाम वसुदेवः अस्ति ।

(ट) श्रीकृष्णः कदा सर्वान् गोकुलवासिनाम् अरक्षत्?
उत्तर– – एकदा वर्षाकाले गोकुले यमुनायाः जलं वेगेन अवर्धत्, तदा श्रीकृष्णः स्वप्राणान् अविगणय्य सर्वान्
गोकुलनिवासिनः अरक्षत् । एवमेव सन्दीप्ते वह्नौ अयं सर्वान् पशून् गोपालान् च ततः अत्रायत ।

(ठ) सूरदासः कस्याम् भाषायां श्रीकृष्णस्य बाललीलायाः वर्णनम् अकरोत्?
उत्तर– – सूरदास: हिन्दी भाषायां श्रीकृष्णस्य बाललीलायाः वर्णनम् अकरोत् ।

(ड) श्रीकृष्णः केन गुणेन जनानां मनांसि अहरत्?
उत्तर– – श्रीकृष्णः बाललीलायाः स्वसौन्दर्येण च जनानां मनांसि अहरत् ।

(ब) अनुवादात्मक:-
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए

1- श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था ।
अनुवाद —- श्रीकृष्णस्य जन्म मथुरायाम् अभवत् ।

2- श्रीकृष्ण के मामा कंस एक अत्याचारी शासकथे ।
अनुवाद —- श्रीकृष्णस्य मातुल: कंस: एकः अत्याचारी शासकः आसीत् ।

3- श्रीकृष्ण बचपन से ही लोगों के हृदय में बसे हुए थे ।
अनुवाद —- श्रीकृष्णः बाल्यकालात् एव जनानाम् हृदयेषु अवसत् ।

4- श्रीकृष्ण ने राक्षसों को मारा ।
अनुवाद —- श्रीकृष्णः राक्षसान् अहन् ।

5- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया ।
अनुवाद —- श्रीकृष्ण: अर्जुनाय गीताया: उपदेशम् अयच्छत् ।

6- वह बाजार से सब्जी लाता है ।
अनुवाद —- स: आपणात् साकम् आनयति ।

7- राम विद्यालय जाता है ।
अनुवाद —- रामः विद्यालयम् गच्छति ।

8- पेड़ से पत्ते गिरते हैं ।
अनुवाद —- वृक्षात् पत्राणि पतन्ति ।

9- तुम सब पढ़ते हो ।
अनुवाद —- यूयम् पठथ ।

UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 9 HINDI CHAPTER 6 PARAMHANS RAMKRISHNA SANSKRIT KHAND

(स) व्याकरणात्मक प्रश्न


1- निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद कीजिए तथा सन्धि का नाम भी बताइए


सन्धि शब्द———————————– सन्धि विच्छेद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सन्धि का नाम
उभावपि————————————– उभौ + अपि———————-अयादि सन्धि
अत्याचारी ————————————अति + आचारी———————————-यण सन्धि
यदायम् —————————————यदा + अयम्——————————-दीर्घ सन्धि
परोपकार———————————- पर + उपकार——————————गुण सन्धि
तत्रैव ——————————————तत्र + एव————————————वृद्धि सन्धि
लोकोत्तरो————————————लोक + उत्तरो ————————————–
अद्यापि —————————————-अद्य + अपि———————————दीर्घ सन्धि
स्वोत्तमैः ———————————–स्व + उत्तमैः———————————-गुण सन्धि
बाल्यकालादेव —————————-बाल्यकालात् + एव————————व्यंजन सन्धि
कुर्वतोऽपि —————————–कुर्वतो + अपि—————————पूर्वरूप सन्धि

2—निम्नलिखित पदों का समास-विग्रह कीजिए-


समस्त पद——————-समास-विग्रह
महापुरुषः————महान् पुरुषः
महात्मा——————–महान् आत्माः
लोकप्रियः———————-लोके प्रियः
दधिभाण्डम्————————दन: भाण्डम्
गोकुलवासिनः———————–गोकुलस्य वासिनः
अन्धकारपूर्णा———————-अन्धकारेण पूर्णा
मृत्युसमाचारम्——————–मृत्योः समाचारम्
नन्दगृहम्———————-नन्दस्य गृहम्
पीताम्बरः———————-पीत: अम्बरः

3- विभक्ति व वचन बताइए


शब्द —————-विभक्ति—————-वचन
पुत्रेण—————- तृतीया—————-एकवचन
कारागारे —————-सप्तमी—————-एकवचन
मासस्य—————- षष्ठी—————-एकवचन
गोकुले—————-सप्तमी—————-एकवचन
भाषायां—————-सप्तमी—————-एकवचन
बाल्यकालात्—————-पञ्चमी —————-बहुवचन
वर्षेभ्यः—————-चतुर्थी/पञ्चमी —————-बहुवचन
हृदयेषु—————-सप्तमी —————-बहुवचन
जनानाम्—————-षष्ठी —————-बहुवचन
वसुदेवेन—————-तृतीया —————-एकवचन

4- निम्नलिखित धातु-रूपों की धातु,लकार, पुरुष व वचन बनाइए


धातु-रूप—————लकार—————-पुरुष
पिबति—————-लट्————— प्रथम
कुरु—————-लोट—————-मध्यम
अकुर्वन्—————-लङ्—————-प्रथम
ददाति—————-लट—————-प्रथम
नयति —————-लट—————-प्रथम
आसीत् —————-अस्—————-प्रथम

करिष्यामि—————-लृट —————-उत्तम

5- आकाश, सूर्य, जल, पृथ्वी तथा हरि के दो-दो पर्यायवाची संस्कृत में लिखिए
आकाश—————-नभ, गगन ।
सूर्य—————-भानु, दिनकर ।
जल—————– नीर, तोय ।
पृथ्वी —————– भूमि, वसुंधरा ।
हरि —————- ईश्वर, प्रभु ।

6- निम्नलिखित अव्यय शब्दों के हिंदी में अर्थ लिखिए
अव्यय—————-हिन्दी अर्थ
यत्र-तत्र—————-जहाँ-तहाँ
यथा-तथा—————-जैसे-तैसे
यदा-कदा—————-जब-कब
इदानीम्—————-अब यथा
अधुना—————-अब
प्राक्——————पहले
कथम्—————-क्यों
तदा—————-तब (उस समय)
यदा —————- जब (जिस समय)
कड़ा —————-कब (किस समय)
यथा ———————- जैसे

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