UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 9 HINDI CHAPTER 3 purushottam ram SANSKRIT KHAND
तृतीयः पाठः पुरुषोत्तमः रामः
1– निम्नलिखित अवतरणों का संदर्भ सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए
(क) इक्ष्वाकुवंशप्रभवो——————————————–वशी॥
[वंशप्रभवः = वंश में उत्पन्न, जनैः = लोगों के द्वारा, नियतात्मा = जिसका मन वश में हो, आत्मसंयमी, महावीरः = महान वीर, द्युतिमान् = कांतिमान्, धृतिमान् = धैर्यवान, वशी = इंद्रियों को जीतने वाले । ]
संदर्भ- प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य पुस्तक ‘हिंदी’ के ‘संस्कृत खंड’ के ‘पुरुषोत्तमः रामः’ नामक पाठ से उद्धृत है |
अनुवाद- इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न हुए राम का नाम लोगों के द्वारा सुना गया है । वे अपने मन को वश में रखने वाले, महान वीर, कांतिमान, धैर्यवान और इंद्रियों को जीतने वाले हैं ।
विपुलांसो.———————————-गूढजत्रुररिन्दमः॥
[विपुलांसो = पुष्ट कंधों वाले, कम्बुग्रीवो = शंख के समान गर्दन वाले, महाहनुः = बड़ी ठोड़ी वाले, महोरस्को = विशाल वक्षस्थल वाले, महेष्वासो = विशाल धनुष वाले, गूढजत्रुः = मांस में दबी हुई नसों वाले, अरिन्दमः = शत्रुओं का नाश करने वाले । ]
संदर्भ- पूर्ववत् अनुवाद-वे (राम) पुष्ट कंधों वाले, विशाल भुजाओं वाले,शंख के समान गर्दन वाले, बड़ी ठोड़ी वाले, विशाल वक्षस्थल वाले, विशाल धनुष वाले, मांस में दबी हुई नसों वाले, शत्रुओं का नाश करने वाले हैं ।
(ग) समः ———————- ————————लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः॥
[समविभक्ताङ्ग = समान रूप से विभक्त अंग वाले, समः = पक्षपात रहित, स्निन्धवर्णः = सुंदर वर्ण वाले, पीनवक्षा = पुष्ट वक्षस्थल वाले, विशालाक्षो = विशाल नेत्रों वाले । ]
संदर्भ- पूर्ववत् अनुवाद- वे (राम) पक्षपातरहित, समान रूप से विभक्त अंग वाले, सुंदर वर्ण वाले, प्रतापी, पुष्ट वक्षस्थल वाले, विशाल नेत्रों वाले लक्ष्मीवान तथा शुभ लक्षणों से संपन्न हैं ।
रक्षिता स्वस्य———————————————-निष्ठितः॥
[स्वस्य = अपने, वेदवेदाङ्गतत्त्वज्ञों = वेद और वेदांगों के तत्व को जानने वाले, धनुर्वेदे = धनुर्विद्या में, निष्ठितः = निपुण । ]
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