Up Board 12th Hindi paper 302(DK) 2024

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Up Board 12th Hindi paper 302(DK) 2024

2024 सामान्य हिन्दी 302(DK)
पूर्णांक : 100 समय : तीन घण्टे 15 मिनट |

नोट :- प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

निर्देश: i) सम्पूर्ण प्रश्नपत्र दो भागों खण्ड ‘क’ तथा खण्ड ‘ख’ में विभाजित है ।

ii) दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

(खण्ड-क) Up Board 12th Hindi paper 302(DK) 2024

  1. क) ‘आचरण की सभ्यता’ के लेखक हैं

i) रामचन्द्र शुक्ल

ii) महावीर प्रसाद द्विवेदी

iii) सम्पूर्णानन्द

iv) अध्यापक पूर्ण सिंह

ख) ‘चिंतामणि’ निबन्ध संग्रह के लेखक हैं

i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

ii) महावीर प्रसाद द्विवेदी

iii) रामचन्द्र शुक्ल

iv) हजारी प्रसाद द्विवेदी

ग) ‘उसने कहा था’ कहानी के लेखक हैं

i) जयशंकर प्रसाद

ii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

iii) चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’

iv) महावीर प्रसाद द्विवेदी

घ) ‘राष्ट्र का स्वरूप’ निबन्ध वासुदेवशरण अग्रवाल के किस निबन्ध संग्रह से लिया गया है ?

i) भारत की एकता

ii) पृथिवी पुत्र

iii) कल्पवृक्ष

ङ) ‘बहादुर’ कहानी के लेखक हैं

i) फणीश्वर नाथ रेणु

iv) कला और संस्कृति

ii) मुंशी प्रेमचन्द

iii) जैनेन्द्र कुमार

iv) अमरकान्त

2 क) उर्मिला का विरह वर्णन ‘साकेत’ महाकाव्य के किस सर्ग में है ?

1) चतुर्थ सर्ग में

ii) नवम सर्ग में

iii) पंचम सर्ग में

iv) तृतीय सर्ग में

ख) ‘कुकुरमुत्ता’ के रचयिता हैं

i) महादेवी वर्मा

ii) भवानी प्रसाद मिश्र

iii) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

iv) जयशंकर प्रसाद

ग) ‘पलाशवन’ काव्य-संकलन के प्रणेता हैं

i) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

ii) जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’

iii) जयशंकर प्रसाद

iv) नरेन्द्र शर्मा

घ) निम्नलिखित में से कौन-सा कवि छायावाद का नहीं है ?

i) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

ii) जयशंकर प्रसाद

iii) महादेवी वर्मा

iv) ‘अज्ञेय’

ङ) ‘निशा निमंत्रण’ के रचनाकार हैं

i) धर्मवीर भारती

iii) हरिवंशराय ‘बच्चन’

ii) मैथिलीशरण गुप्त

iv) जयशंकर प्रसाद

3 – दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

भाषा स्वयं संस्कृति का एक अटूट अंग है। संस्कृति परम्परा से निःसृत होने पर भी परिवर्तनशील और गतिशील है। उसकी गति विज्ञान की प्रगति के साथ जोड़ी जाती है। वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रभाव के कारण उद्भूत नयी सांस्कृतिक हलचलों को शाब्दिक रूप देने के लिये भाषा के परम्परागत प्रयोग पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिये नये प्रयोगों की, नयी भाव-योजनाओं को व्यक्त करने के लिए नये शब्दों की खोज की महती आवश्यकता है ।
i) पाठ का शीर्षक एवं लेखक का नाम लिखिए ।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iii) नये शब्दों की खोज क्यों आवश्यक है ?

iv) संस्कृति का एक अटूट अंग क्या है ?

v) किसके लिए भाषा के परम्परागत प्रयोग पर्याप्त नहीं हैं ?

अथवा

पृथ्वी और आकाश के अंतराल में जो सामग्री भरी है, पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए गंभीर सागर में जो जलचर एवं रत्नों की राशियाँ हैं, उन सबके प्रति चेतना और स्वागत के नये भाव राष्ट्र में फैलने चाहिए । राष्ट्र के नवयुवकों के हृदय में उन सबके प्रति जिज्ञासा की नयी किरणं जब तक नहीं फूटती हैं, तब तक हम सोये हुए के समान हैं। विज्ञान और उद्यम दोनों को मिलाकर राष्ट्र के भौतिक स्वरूप का एक नया ठाट खड़ा करना है। यह कार्य प्रसन्नता, उत्साह और अथक परिश्रम द्वारा नित्य आगे बढ़ाना चाहिए । हमारा यह ध्येय हो कि राष्ट्र में जितने हाथ हैं, उनमें से कोई भी इस कार्य में भाग लिये बिना रीता न रहे ।

i) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए ।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iii) राष्ट्रीय चेतना में भौतिक ज्ञान-विज्ञान के महत्व को लिखिए ।

iv) लेखक ने राष्ट्र की सुप्त अवस्था कब तक स्वीकार की है ?

v) विज्ञान और श्रम के संयोग से राष्ट्र प्रगति के पथ पर कैसे अग्रसर हो सकता है ?

4- दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

कोई प्यारा कुसुम कुम्हला गेह में जो पड़ा हो

तो प्यारे के चरण पर ला डाल देना उसी को

यों देना ऐ पवन बतला फूल-सी एक बाला

म्लान हो हो कमल पग को चूमना चाहती है

i) उपर्युक्त पद्यांश का सदंर्भ लिखिए ।

ii) प्रस्तुत पद्यांश में राधा ने अपनी तुलना किससे की है ?

-iii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iv) श्रीकृष्ण के कमलवत् चरणों को कौन चूमना चाहता है ?

v) राधा पवन दूतिका से मुरझाये हुए पुष्प के माध्यम से क्या संदेश देना चाहती है ?

अथवा

सावधान मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार ,
इसे दे फेंक तजकर मोह स्मृति के पार ।
हो चुका है सिद्ध है तू शिशु अभी नादान,
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान ।
खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार,
काट लेगा अंग तीखी है बड़ी यह धार ।

i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iii) कवि ने वैज्ञानिक युग के मानव को क्या चेतावनी दी है ?.

iv) पद्य में फूल और काँटों से क्या तात्पर्य है ?

v) कवि ने ‘विज्ञान-तलवार’ के प्रयोग करने से क्यों मना किया है ?

5 (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द ) 3 + 2 = 5

i) हजारी प्रसाद द्विवेदी

ii) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

iii) हरिशंकर परसाई ।

(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द ) 3 + 2 = 5

i) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

ii) मैथिलीशरण गुप्त

iii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ।

6- ‘लाटी’ अथवा ‘ध्रुवयात्रा’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द:

अथवा

‘पंचलाइट’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। (अधिकतम शब्द सीमा ४० शब्द )

7-स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दें।( अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

ⅰ) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

अथवा

‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

ii) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कर्ण’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

अथवा

‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य का कथानक संक्षेप में लिखिए ।

iii) त्यागपथी’ खण्डकाव्य की कथा संक्षेप में लिखिए ।


अथवा

‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘हर्षवर्द्धन’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

iv) ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य का नायक कौन है? उसका चरित्र चित्रणं कीजिए ।

अथवा

‘आलोकवृत्त’ के कथानक पर प्रकाश डालिए ।

v) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘द्रौपदी’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
अथवा

सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की कथावस्तु लिखिए ।

vi) मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘गाँधीजी’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

अथवा

‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की कथा संक्षेप में लिखिए ।

(खण्ड-ख)

8- (क) दिये गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिये 2 + 5 = 7

मयूरः अद्यापि तावन्मे बलं न पश्यसि इति अतिगर्वेण लज्जाञ्च त्यक्त्वा तावन्महतः शकुनि संघस्य मध्ये पक्षौ प्रसार्य नर्तितुमारब्धवान् चा प्रतिच्छन्नोऽभूत् । सुर्वणराजहंसः लज्जितः – अस्य नैव हीः अस्ति न बर्हाणां समुत्त्थाने लज्जा । नास्यैगतत्रपाय स्वदुहितरं दास्यामि इत्य कथयत् ।

अथवा

महामना विद्वान् वक्ता, धार्मिको नेता, पटुः पत्रकारश्चासीत् । परमस्य सर्वोच्चगुणः जनसेवैव आसीत् । यत्र कुत्रापि अयं जनान् दुःखितान् पीड्यमानांश्चापश्यत् तत्रैव सः शीघ्रमेव उपस्थितः सर्वविधं साहाय्यश्च अकरोत् । प्राणिसेवा अस्य स्वभाव एवासीत् । अद्यास्माकं मध्येऽनुपस्थितोऽपि महामना मालवीयः स्वयशसोऽमूर्तरूपेण प्रकाशं वितरन् अन्धे तमसि निमग्नान् जनान् सन्मार्गं दर्शयन् स्थाने स्थाने जने जने उपस्थित एव ।

(ख) दिये गये पद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए :-

जयन्ति ते महाभागा जनसेवा परायणाः ।

जरामृत्युभयं नास्ति येषां कीर्ति तनोः क्वचित् ।

अथवा

न मे रोचते भद्रं वः उलूकस्याभिषेचनम् ।

अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो भविष्यति ।।

9- निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(i) ईंट से ईंट बजाना

(iii) आँखें चार होना

(ii) अंग अंग ढीला होना

(iv) समरथ को नहिं दोष गुसाईं ।

10- अपठित गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

हमारी सांस्कृतिक अस्मिता का ह्रास तो हो रहा है, हम लक्ष्य भ्रम से भी पीड़ित हैं। विकास के विराट उद्देश्य पीछे हट रहे हैं, हम झूठी तुष्टि के तात्कालिक लक्ष्यों का पीछा कर रहे हैं। मर्यादायें टूट रही हैं। नैतिक मानदंड ढीले पड़ रहे हैं। व्यक्ति केन्द्रिकता बढ़ रही है। स्वार्थ परमार्थ पर हावी हो रहा है। भोग की आकांक्षायें आसमान को छू रही हैं। उपभोक्ता संस्कृति हमारी सामाजिक नींव को हिला रही है।

(i) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए ।

(ii) उपभोक्ता संस्कृति का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।

(iii) हमारे लक्ष्य भ्रम से पीड़ित क्यों हैं ?

अथवा

किसी देश की उन्नति अथवा अवनति वहाँ के नारी समाज पर निर्भर करती है। जिस देश की नारी जाग्रत, शिक्षित तथा गुणवती होती है वही देश संसार में सबसे अधिक उन्नत समझा जाता है। इस दृष्टिकोण से भारत के वैदिक युग में नारी का महत्वपूर्ण स्थान था। उस समय भारत सब देशों का सिरमौर माना जाता था । सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा आदि देवियाँ विद्या, धन और शक्ति की प्रतीक मानी जाती थीं। जीवन के लिए भी ये तीनों ही महत्वपूर्ण साधन हैं। ये नारी रूपी देवियों की कृपा से ही प्राप्त हो सकते थे । अतः भारतवर्ष में सर्वत्र देवियों का पूजन होता था। मनु ने तो यहाँ तक कह दिया कि जिस घर में नारी को सम्मान नहीं मिलेगा उसको कभी ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती ।

(i) जीवन के लिए कौन से साधन महत्वपूर्ण बताये गये हैं ?

(ii) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक निर्धारित कीजिए ।

(iii) भारत में नारी का महत्वपूर्ण स्थान किस काल में था ?

11 (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करके लिखिए :

(i) मनोज-मनोज्ञ

(अ) मन का ओज-मन का ज्ञान

(ब) मनुष्य का जन्म-मन की सुन्दरता

(स) कामदेव-सुन्दर

(द) मन के अनुसार-मन की बात जाननेवाला ।

(ii) शूर-सुर

(ब) वीर-देवता

(अ) अन्धा-स्वर

(द) विद्वान्-देवता

(स) सोया हुआ-संगीत

(ख) निम्नलिखत शब्दों में से किसी एक शब्द के दो सही अर्थ लिखिए :

(i) नाक

(ii) वारिद

(iii) पयोधर

(iv) अर्क ।

(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक सही शब्द का चयन करके लिखिए :

(i) किये हुये उपकार को माननेवाला –

(अ) परोपकारी

(ब) सज्जन

(स) कृतज्ञ

(द) महापुरुष

(ii) जो किये गये उपकार को न मानता हो –

(अ) अपकारी

(ब) दुष्ट

(स) कृतघ्न

(द) हानिप्रद

(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए :

(i) मोहन ने अलमारी खरीदा ।

(ii) अध्यापक ने हमसे निबन्ध लिखाया ।

(iii) शिक्षक ने क्षात्र की प्रशंसा की।

(iv) महादेवी वर्मा कवियित्री थीं।

  1. (क) ‘वीर’ रस अथवा ‘हास्य’ रस की परिभाषा लिखते हुए एक उदाहरण लिखिए ।

(ख) ‘उपमा’ अलंकार अथवा ‘श्लेष’ अलंकार का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए ।

(ग) ‘दोहा’ छन्द अथवा ‘कुण्डलिया’ छन्द का मात्रा सहित लक्षण उदाहरण लिखिए। 1 + 1 = 2

13 – विद्यालय के प्रधानाचार्य को शिक्षक पद पर अपनी नियुक्ति हेतु (योग्यता सहित) आवेदन-पत्र लिखिए ।

अथवा

विद्यालय में खेलकूद की सामग्री की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए ।

14 . निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए: 2 + 7 = 9

(i) आतंकवाद की समस्या-कारण और निवारण

(ii) पर्यावरण प्रदूषण के निराकरण के उपाय

(iii) विज्ञान वरदान है या अभिशाप

(iv) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व

(v) मेरा प्रिय खेल ।

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