अहिंसा परमो धर्मः पर संस्कृत निबंध || Essay on Ahinsa Parmo Dharma in Sanskrit language
यहां पर हम ”कक्षा 10 संस्कृत विषय ” के लिए महत्वपूर्ण निबंध प्रदान कर रहे हैं । छात्र कक्षा 10 के संस्कृत के लिए निबंधों को आसानी से डाउनलोड और उपयोग कर सकते हैं। “एनसीईआरटी बुक्स क्लास 10 संस्कृत पीडीएफ” का डिजिटल संस्करण हमेशा उपयोग करना आसान होता है। यहां आप ”कक्षा 10 संस्कृत यूपी बोर्ड एनसीईआरटी सोल्यूशंस प्राप्त कर सकते हैं। “up board solution for sanskrit essay ” यूपी बोर्ड एनसीईआरटी solution “कक्षा 10 संस्कृत” UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit निबन्ध Hindi Medium हिंदी में एनसीईआरटी सॉल्यूशंस पर काम करना छात्रों को उनके होमवर्क और असाइनमेंट को समय पर हल करने के लिए सबसे अधिक लाभ दायक होगा। UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit निबन्ध Hindi Medium हिंदी में पीडीएफ के लिए छात्र एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को ऑफलाइन मोड में भी एक्सेस करने के लिए डाउनलोड कर सकते हैं।
Essay on Ahinsa Parmo Dharma in Sanskrit आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ।
अहिंसा परमो धर्मः पर निबंध [2007,08]
[अन्य शीर्षकः-अहिंसा]
1- परेषां हिंसनं पीडनम् एव हिंसा भवति, एतद् विपरीता भावना अहिंसा भवति ।
2- मनसा वाचा कर्मणा कथमपि कस्यचित् कष्टं न देयम् इति एव अहिंसा ।
3- मनुना निर्दिष्टेषु दशसु धर्मलक्षणेषु अहिंसा एव प्रथम: धर्मः अस्ति ।
4- अहिंसापालकाः कारुणिकाः दयावन्तश्च भवन्ति ।
5- अहिंसया एव आत्मा सुखम् अनुभवति मनश्च परां शान्ति लभते ।
6- अहिंसाबलेन शत्रवोऽपि मित्राणि भवन्ति ।
7- सर्वाणि कार्याणि अहिंसया एव सिध्यन्ति अतएव मुनिभिः ‘अहिंसा परमो धर्मः’ इति स्वीकृतः ।
8- जैनबौद्धधर्मी अहिंसाधर्मे परमौ निष्ठावन्तौ ।
9- महात्मागान्धिमहोदयः अहिंसाधर्मस्य परमोपासकः आसीत् ।
10- सः अहिंसाशस्त्रेण भारतं स्वतन्त्रमकरोत् ।
11- अहिंसायां महती शक्तिः वर्तते, अनया अधिकृताः जनाः सदा वशवर्तिनः भवन्ति ।
12- अतः सर्वैः अहिंसा धर्मः पालनीया ।