Up Board Solution For Class 12 Sanskrit Character sketch of chandal kanya चाण्डालकन्या का चरित्र चित्रण

Up Board Solution For Class 12 Sanskrit Character sketch of chandal kanya चाण्डालकन्या का चरित्र चित्रण

Up Board Solution For Class 12 Sanskrit Character sketch of chandal kanya चाण्डालकन्या का चरित्र चित्रण

चाण्डालकन्या का चरित्र चित्रण (2018 BD, 19 DA, 20 ZU)

सौन्दर्य की प्रतिमा— अपने अत्यधिक सौन्दर्य के कारण चाण्डालकन्या सौन्दर्य की प्रतिमा के सदृश थी। राजा शूद्रक जैसा पराक्रमी तथा चक्रवर्ती सम्राट् भी उसके अप्रतिम सौन्दर्य को देखकर चकित रह जाता है-

“असुरगृहीतामृतापहरणकृत- कपटपटुविलासिनीवेशस्य श्यामतया भगवतो हरेरिवानुकुर्वतीम् ।

उसका रूप लावण्य विष्णु के मोहिनी रूप का अनुकरण करनेवाला था। अपलक नेत्रों से चाण्डालकन्या के रूप-सौन्दर्य को देखते हुए वह सोचता है कि यदि विधाता ने उसे इतना रूप दिया तो उसे ऐसे कुल में जन्म क्यों दिया। वह सोचता है कि शायद अछूत को छूने के दोष के भय से इसे बिना छुए ही बना डाला है-

यदि नामेयमात्मरूपोपहसिता शेषरूपसम्पदुत्पादिता किमर्थमपगत स्पर्शसम्भोगसुखे कृतं कुले जन्म।”

अन्ततः शूद्रक विधाता को धिक्कारता है कि ऐसे अनुपयोगी स्थान पर सर्व सौन्दर्य तथा रूपलावण्यता की कमनीयता क्यों स्थापित की सर्वथा धिग्धिग्विधातारमसदृशसंयोगकारिणम्, अतिमनोहराकृतिरपि क्रूरजातितया—.”

Up board solution for class 12 sanskrit Character sketch of mahashweta महाश्वेता का चरित्र चित्रण

Up Board Solution For class 12 sanskrit Character sketch of shuknash शुकनास का चरित्र चित्रण

चतुरता – रूपवती होने के साथ ही चाण्डालकन्या अत्यन्त चतुर एवं विवेकशील स्त्री है। शूद्रक के समक्ष सभाभवन में प्रवेश करके वह सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने के लिए जर्जर बाँस के टुकड़े को फर्श पर जोर से पटकती है, जिससे उत्पन्न तेज आवाज के कारण पूरी सभा का ध्यान उसकी ओर चला जाता है। इससे स्पष्ट है कि वह कितनी चतुराई से सभा मण्डप में अपनी उपस्थिति का महत्त्व उत्पन्न करती है।

वात्सल्यमयी – चाण्डालकन्या का हृदय स्नेह तथा वात्सल्य से परिपूर्ण है। पिंजड़े में बन्द तोते के रूप में भी पुत्र के लिए उसके हृदय में अगाध स्नेह तथा वात्सल्य है। वह अपने पुत्र की देख-रेख तथा रक्षा के लिए मृत्युलोक में निवास करना स्वीकार करती है और चाण्डाल कुल में जन्म लेकर अपने आचरण को पवित्र रखती है। शुक रूप में स्थित पुत्र का अन्त समीप समझकर वह सम्पूर्ण वृत्तान्त राजा को सुनाती है।

वस्तुतः कादम्बरी के अनुसार चाण्डालकन्या महामुनि श्वेतकेतु की पत्नी एवं पुण्डरीक की माता है, जिसके शापग्रस्त हो जाने पर उसकी रक्षा के लिए चाण्डाल कुल में जन्म लेती है, जिससे स्पर्श के दोष से बची रहे। वैशम्पायन नामक शुक के शापमुक्त होने पर वह पुनः अपने लोक को चली जाती है।

HOME PAGE

How to download online Ayushman Card pdf 2024 : आयुष्मान कार्ड कैसे ऑनलाइन डाउनलोड करें

संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1

Garun Puran Pdf In Hindi गरुण पुराण हिन्दी में

Bhagwat Geeta In Hindi Pdf सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी में

MP LOGO

Leave a Comment