नाभिकीय रिएक्टर क्या है 12th Physics hand written notes

नाभिकीय रिएक्टर क्या है 12th Physics hand written notes

प्रश्न – नाभिकीय रिएक्टर का सचित्र वर्णन कीजिए।प्रमुख अवयवों के कार्य बताइए |

अथवा

नाभिकीय विखण्डन तथा नाभिकीय संलयन में अन्तर लिखिए।

उत्तर- नाभिकीय रिएक्टर :- नाभिकीय रिएक्टर एक ऐसा यन्त्र जो नाभिकीय अभिक्रियाओं को नियंत्रित करके इससे उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग निर्माणकारी कार्यों के लिए करता है ।

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रचना:- नाभिकीय रिएक्टर के प्रमुख भाग – निम्नलिखित है-

ईंधन :- ईधन वे पदार्थ होते हैं। जिनका विखण्डन किया जाता है। इसके लिए यूरेनियम, थोरियम इत्यादि का उपयोग किया जाता है।

न्यूट्रॉन :- विखण्डन अभिक्रिया के लिए उच्च ऊर्जा के न्यूट्रॉन की आवश्यकता होती है।

3 मंदक :- मन्दक वे पदार्थ होते हैं, जो न्यूट्रॉन की गति कम करते हैं।

जिससे ये आसानी से ईधन द्वारा अवशोषित हो सकते हैं। इसके लिए भारी जल, बेरेलियम आक्साइड का उपयोग करते हैं।

शीतलक:- विखण्डन की अभिक्रिया से उष्मा उत्सर्जित होती है। इसके प्रभाव से बचने के लिए जल, वायु इत्यादि का उपयोग करते हैं जिसे शीतलक करते हैं।

© परिरक्षक:- रिएक्टर से अनेक प्रकार की हानिकारक विकिरण उत्सर्जित होती रहती है। इनसे बचने के लिए रिएक्टर के चारों ओर स्पात या कंकरीट की मोटी दिवार बनाई जाती है। जिसे परिरक्षक कहते हैं।

© नियंत्रक :- रिएक्टर में बोरान की कुछ छड़े होती है। जब अचानक से रिएक्टर में विखण्डन की अभिक्रिया तेज हो जाती है तो यह रिएक्टर में प्रवेश कर जाता है और न्यूट्रॉन को अवशोषित करके अभिक्रिया की दर कम कर देती है।

कार्यविधि – रिएक्टर में न्यूट्रॉन पहले से उपस्थित होता है। जब यूरेनियम की छड़े रिएक्टर में प्रवेश करते हैं। तो विखण्डन चालू हो जाता है। यदि रिएक्टर में अभिक्रिया की दर कम करनी होती है तो कैडमियम युरेनियम की छड़ अन्दर प्रवेश करा देते हैं। यदि अचानक से की पर बहुत तेज हो जाय तो सुरक्षा छड़ स्वयं रिएक्टर में प्रवेश करके न्यूट्रॉन को अवशोषित कर लेता है। जिससे अभिक्रिया रुक जाती है।

नाभिकीय विखण्डन नाभिकीय संलयन में अन्तर –

1 इसमें उर्जा उत्सर्जन प्रतिशत कम होती है।

2 इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

3 यह परमाणु बम पर आधारित है।

4 यह भारी नाभिक में होता है।

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नाभिकीय संलयन.

© इसमें उर्जा उत्सर्जन प्रतिशत अधिक होती है

@ इसे आसानी से नियन्त्रित नहीं किया जा सकता।

यह हाइड्रोजन बम पर आधारित है।

यह हल्के नाभिको में होता है।

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