
Mp board class 10 hindi solution charaiveti jan garaba
चरैवेति-जन गरबा
चलते चलो, चलते चलो
सूरज के संग-संग चलते चलो, चलते चलो !!
तम के जो बन्दी थे
सूरज ने मुक्त किये
किरनों से गगन पोंछ
धरती को रंग दिये,
सूरज को विजय मिली, ऋतुओं की रात हुई कह दो इन तारों से चन्दा के संग-संग चलते चलो !!
रत्नमयी वसुधा पर
चलने को चरण दिये
बैठी उस क्षितिज पार
लक्ष्मी, श्रृंगार किये
आज तुम्हें मुक्ति मिली, कौन तुम्हें दास कहे स्वामी तुम ऋतुओं के, संवत् के संग-संग चलते चलो !!
नदियों ने चलकर ही
सागर का रूप लिया
मेघों ने चलकर ही
धरती को गर्भ दिया
रुकने का मरण नाम, पीछे सब प्रस्तर है।
आगे है देवयान, युग के ही संग-संग चलते चलो !!
मानव जिस ओर गया
नगर बसे, तीर्थ बने
तुमसे है कौन बड़ा
गगन सिंधु मित्र बने
भूमा का भोगो सुख, नदियों का सोम पियो त्यागो सब जीर्ण बसन, नूतन के संग-संग चलते चलो !!