up board solution class 9 hindi gadhy ka itihas हिंदी गद्य का इतिहास

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Up board solution for class 9 hindi हिंदी गद्य का इतिहास सम्पूर्ण हल

गद्य खंड
अभ्यास (क) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 — गद्य किस प्रकार पद्य से भिन्न है ? संक्षेप में लिखिए ।
उत्तर — गद्य और पद्य की विषय-वस्तु, भाषा-शैली आदि में पर्याप्त अंतर है । वहीं गद्य- साहित्य की विषय-वस्तु प्रायः हमारी बोध-वृत्ति पर आधारित होती है और पद्य की हमारी संवेदनशीलता पर || विषय अधिकांशत: वही होते हैं, जिनके बारे में हम अधिक सोचते हैं । गद्य मस्तिष्क के तर्कप्रधान चिंतन की उपज है । इसके मुख्य विषय हमारे दैनिक कार्य-कलाप, ज्ञान-विज्ञान, कथा, वर्णन, व्याख्या आदि हैं । संक्षेप में, पद्य का संसार बहुत कुछ काल्पनिक है किन्तु गद्य का व्यावहारिक ।

2 — हिंदी गद्य का आविर्भाव किस शताब्दी में हुआ ?
उत्तर — हिंदी गद्य के आविर्भाव के संबंध में विद्वान एकमत नहीं हैं । कुछ 10 वीं शताब्दी मानते हैं, कुछ 13 वीं शताब्दी । ‘राजस्थानी’ एवं ‘ब्रजभाषा’ में हमें गद्य के प्राचीनतम प्रयोग मिलते हैं । राजस्थानी गद्य की समय-सीमा ग्यारहवीं शताब्दी से चौदहवीं शताब्दी तथा ब्रजभाषा गद्य की समय-सीमा चौदहवीं शताब्दी से सोलहवीं शताब्दी तक मानी जाती है । माना जाता है कि दसवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी के मध्य ही हिंदी गद्य का आविर्भाव हुआ था ।

3 — हिंदी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग किस भाषा में मिलते हैं ?
उत्तर — हिंदी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग हमें ‘राजस्थानी’ एवं ‘ब्रजभाषा’ में मिलते हैं ।

4 — गद्य की मध्यम स्थिति से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — ज्ञान-विज्ञान, दर्शन, इतिहास आदि की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे गद्य की मध्यम स्थिति कहा जा सकता है ।

5 — कथा साहित्य में प्रयोग की जाने वाली सामान्य भाषा कौन-सी है ?
उत्तर — कथा साहित्य में प्रयोग की जाने वाली सामान्य भाषा खड़ीबोली गद्य है ।

6 — सृजनात्मक तथा उपयोगी गद्य की प्रमुख विधाओं के नाम बताइए ।
उत्तर — निबंध, प्रबंध, आलोचना, कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, रेखाचित्र, संस्मरण, डायरी आदि सभी प्रचलित विधाओं से हिंदी गद्य का सृजनात्मक स्वरूप संपन्न है । उपयोगी साहित्य के अंतर्गत, दर्शन, इतिहास, राजनीति, शिक्षा, विज्ञान आदि सभी विषयों से संबंधित विधाएँ आती हैं ।

7 — मनुष्य अपने विचारों को तत्काल अभिव्यक्त करने के लिए भाषा के किस रूप का प्रयोग करता है ?
उत्तर — मनुष्य अपने विचारों को तत्काल अभिव्यक्त करने के लिए भाषा के गद्य रूप का प्रयोग करता है ।

8 — मेरठ और दिल्ली के आस-पास बोली जाने वाली खड़ीबोली का साहित्यिक रूप क्या कहलाता है ?
उत्तर — मेरठ और दिल्ली के आस-पास बोली जाने वाली खड़ीबोली का साहित्यिक रूप शुद्ध परिनिष्ठित रूप कहलाता है ।

9 — राजस्थानी गद्य हमें किस प्रकार की रचनाओं में देखने को मिलता है ?
उत्तर — राजस्थानी गद्य हमें दसवीं शताब्दी के दानपत्रों, पट्टे-परवानों, टीकाओं व अनुवाद ग्रंथों के रूप में देखने को मिलता है ।

10 — खड़ीबोली गद्य के प्रथम चार उन्नायकों के नाम व उनकी रचनाएँ लिखिए ।
उत्तर — खड़ीबोली गद्य के प्रथम चार उन्नायकों के नाम व उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं
(अ) सदासुखलाल-सुखसागर (ब) इंशा अल्ला खाँ- रानी केतकी की कहानी (स) सदल मिश्र- नासिकेतोपाख्यान (द) लल्लूलाल- प्रेमसागर

11 — खड़ीबोली गद्य के प्रसार में ईसाई पादरियों का क्या योगदान रहा ?
उत्तर — ईसाई पादरियों का प्रधान उद्देश्य अपने धर्म का प्रचार करना था और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने प्रेस की स्थापना की । उन्होंने हिंदी खड़ीबोली गद्य में ‘बाइबिल’ के अनेक अनुवाद प्रकाशित किए || स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाने के लिए अनेक पाठ्य पुस्तकें तैयार की तथा भारतीय पुराणों आदि को गद्य में लिखवाकर छपवाया । इस प्रकार उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से हिंदी गद्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।

12 — आर्य समाज के आंदोलन ने हिंदी गद्य के विकास में क्या भूमिका निभाई ?
उत्तर — आर्य समाज के संस्थापक ‘महर्षि दयानंद सरस्वती’ ने अपने उपदेशों का प्रचार-प्रसार हिंदी भाषा में किया तथा अपने
प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की रचना भी हिंदी भाषा में की ।

13 — राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद’ तथा राजा लक्ष्मण सिंह की भाषा-शैली में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर — राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद’ ने अपनी भाषा में अरबी और फारसी भाषा के शब्दों का समावेश उचित समझा, जिससे
उनकी भाषा बोझिल हो गई । राजा लक्ष्मण सिंह हिंदी उसी भाषा को मानते थे, जिसमें संस्कृत शब्दों की अधिकता हो ||
यही इन दोनों की भाषा-शैली का मुख्य अंतर था ।

14 — बीसवीं शताब्दी में किस व्यक्ति ने हिंदी गद्य के निर्माण व प्रसार के लिए सर्वाधिक स्तुत्य कार्य किया ?
उत्तर — बीसवीं शताब्दी में ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी’ ने हिंदी गद्य के निर्माण व प्रसार के लिए सर्वाधिक स्तुत्य कार्य किया ।

15 — पूर्व भारतेंदुअथवा प्राचीन युग की समय-सीमा क्या है ?
उत्तर — पूर्व भारतेंदु अथवा प्राचीन युग का समय 13 वीं शताब्दी से 1868 ई० तक का है ।

16 — भारतेंदु युग की दो मुख्य विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर — भारतेंदु युग की दो मुख्य विशेषताएँ हैं
(अ) इस युग में संस्कृत के सरल शब्दों के साथ-साथ सर्वसाधारण में प्रचलित विदेशी शब्दों को भी ग्रहण किया गया ।
(ब) इन्होंने तद्भव व देशज शब्दों के साथ कहावतों और मुहावरों का प्रयोग कर भाषा को सजीवता प्रदान की ।

17 — भारतेंदु मंडल के लेखकों में से किन्हीं दो का नामोल्लेख कीजिए ।
उत्तर — भारतेंदु मंडल के लेखकों में प्रतापनारायण मिश्र व बालकृष्ण भट्ट प्रमुख हैं ।

18 — द्विवेदी युग की समय-सीमा क्या है ?
उत्तर — द्विवेदी युग की समय-सीमा 1900 ई० से 1922 ई० तक मानी जाती है ।

19 — द्विवेदी युगके दो महत्वपूर्ण गद्य लेखकों के नाम बताइए ।
उत्तर — द्विवेदी युग के दो महत्वपूर्ण गद्य लेखक हैं- महावीर प्रसाद द्विवेदी व श्यामसुंदर दास ।

20 — हिंदी गद्य के विकास में महावीर प्रसाद द्विवेदी का क्या योगदान है ?
उत्तर — आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक के रूप में भाषा को शुद्ध, सुसंस्कृत व परिमार्जित बनाने में पूर्ण योगदान दिया तथा नवीन विषयों पर गद्य रचना के लिए लेखकों को प्रोत्साहित किया ।

21 — छायावादी युग के गद्य साहित्य की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर — छायावादी युग के गद्य साहित्य की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं- प्रतीकात्मकता व लाक्षणिकता ।

22 — विषय-वस्तु के आधार पर कहानी कितने प्रकार की होती हैं ?
उत्तर — विषय-वस्तु के आधार पर कहानी चार प्रकार की होती हैं
(अ)घटनाप्रधान, (ब) चरित्रप्रधान, (स) भावप्रधान, (द) वातावरणप्रधान

23 — ब्रजभाषा गद्य का सूत्रपात कब हुआ ?
उत्तर — ब्रजभाषा गद्य का सूत्रपात चौदहवीं शताब्दी से माना जाता है ।

24 — खड़ीबोली गद्य का प्रारंभ कविगंग की किस कृति से माना गया है ?
उत्तर — खड़ीबोली गद्य का प्रारंभ कवि गंग की ‘चंद छंद बरनन की महिमा’ से माना गया है ।

25 — ब्रह्म समाज के प्रवर्तक कौन हैं ?
उत्तर — ब्रह्म समाज के प्रवर्तक राजा राजमोहन राय हैं ।

26 — ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रमुख संपादक कौन हैं ?
उत्तर — ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रमुख संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी जी हैं ।

27 — नाटक को रूपक क्यों कहा जाता है ?
उत्तर — नाटक में पात्रों एवं घटनाओं को अन्य पात्रों व घटनाओं पर आरोपित किया जाता है, इसलिए इसे रूपक भी कहा जाता है ।

28 — ‘अजातशत्रु’नाटक के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर — ‘अजातशत्रु’ नाटक के रचयिता जयशंकर प्रसाद जी हैं ।

29 — हिंदी के दो प्रगतिवादी लेखकों के नाम लिखिए ।
उत्तर — हिंदी के दो प्रगतिवादी लेखक हैं- (अ) विद्यानिवास मिश्र, (ब) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ||

30 — आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी तथा नंददुलारे वाजपेयी किस काल के लेखक हैं ?
उत्तर — आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी तथा नंददुलारे वाजपेयी छायावादी युग के लेखक हैं । आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की कुछ रचनाओं में हमें छायावादोत्तर काल की विशेषताएँ भी दृष्टिगोचर होती हैं ।

31 — किन्हीं तीन यात्रावृत्त लेखकों के नाम लिखिए ।
उत्तर — तीन यात्रावृत्त लेखक हैं- (अ) राहुल सांकृत्यायन, (ब) मोहन राकेश, (स) धर्मवीर भारती ||

32 — ‘एक घुट’ व अँधेर नगरी’किस विधा की रचनाएँ हैं ?
उत्तर — ‘एक चूंट’ व ‘अँधेर नगरी’, क्रमशः एकांकी व नाटक विधा की रचनाएँ हैं ।

33 — उपन्यास किसे कहते हैं ?
उत्तर — उपन्यास शब्द का शाब्दिक अर्थ है- ‘उप’ अर्थात् निकट या सामने, ‘न्यास’ अर्थात् रखना; अर्थात् सामने रखना । अत: मानव जीवन, समाज या इतिहास के यथार्थ सत्य को संवाद एवं दृश्यात्मक घटनाओं पर आधारित चित्रण के माध्यम से पाठकों के सम्मुख यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने वाली विधा को उपन्यास कहा जाता है ।

34 — उपन्यास सम्राट किन्हें कहा जाता है ?
उत्तर — मुंशी प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा जाता है ।

35 — हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास किसे माना जाता है ?
उ० लाला श्रीनिवासदास द्वारा रचित ‘परीक्षा गुरु’ को हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास माना जाता है ।

36 — संस्मरण से आप क्या समझते हैं ?
उ० ‘संस्मरण’ का अर्थ है- ‘स्मृत’ वस्तु अथवा व्यक्ति । लेखक द्वारा अपनी स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति, परिस्थिति अथवा विषय पर कोई लेख लिखा जाता है, उसे ‘संस्मरण’ कहा जाता है ।

37 — डायरी किसे कहते हैं ?
उत्तर — लेखक द्वारा प्रतिदिन घटित होने वाली प्रमुख घटनाओं अथवा तथ्यों को दिनांक के क्रम में सुव्यवस्थित रूप से लिखा जाना ‘डायरी’ कहलाती है । यह लेखक के स्वयं के जीवन से संबंधित होती है । यह संक्षिप्त या विस्तृत किसी भी प्रकार की हो सकती है ।

38 — ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की रचना किसने की ?
उत्तर — सत्यार्थ प्रकाश की रचना महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने की ।
39 — जीवनी व आत्मकथा में मूलभूत अंतर क्या है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर — जीवनी में लेखक के द्वारा किसी महान या व्यक्ति के जीवन की जन्म से मृत्यु पर्यंत घटनाओं का वर्णन किया जाता हैं, जबकि आत्मकथा में लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा पाठकों के समक्ष आत्मीयता के साथ प्रस्तुत करता है ।

40 — साहित्य में रेखाचित्र से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — रेखाचित्र में शब्दों की कलात्मक रेखाओं के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के बाह्य तथा आंतरिक स्वरूप का वर्णन इस प्रकार व्यक्त किया जाता है कि पाठक के हृदय में उसका सजीव तथा यथार्थ चित्र अंकित हो जाए । रेखाचित्र में चित्रकला तथा साहित्य का सुंदर समन्वय दिखाई पडता है । इसमें लेखक की निजी अनुभूति यथार्थ रूप से अभिव्यक्त होती है ||

(ख) वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1 — ब्रजभाषा का सूत्रपात माना जाता है
(अ) संवत 1500 (ब) सवंत 1400 के आस-पास (स) संवत 1543 के आस-पास (द) संवत 1600
उत्तर –ब) सवंत 1400 के आस-पास

2 — शुक्ल युग की समय-सीमा है
(अ) सन् 1868 से 1900 तक (ब) सन् 1900 से 1922 तक (स) सन् 1938 से 1947 तक (द) सन् 1919 से 1938 तक
उत्तर –(द) सन् 1919 से 1938 तक

3 — छंद, ताल,तुक व लय से मुक्त रचना कहलाती है
(अ) काव्य (ब) गद्य (स) श्लोक (द) कविता
उत्तर –ब) गद्य

4 — भारतेंदु युग की समय-सीमा है
(अ) सन् 1368 से 1600 तक (ब) सन् 1868 से 1900 तक (स) सन् 1400 से 1533 तक (द) सन् 1900 से 1922 तक
उत्तर –(ब) सन् 1868 से 1900 तक

5 — सन् 1900 से 1922 ई० तक की अवधि कहलाती है
(अ) भारतेंदु युग (ब) शुक्ल युग (स) द्विवेदी युग (द) शुक्लोत्तर युग
उत्तर –(स) द्विवेदी युग

6 — स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘सत्यार्थ प्रकाश की रचना -भाषा में की थी ।
(अ) बंगला (ब) हिंदी (स) अंग्रेजी (द) फारसी
उत्तर — हिन्दी

7 — सदासुखलाल शहर के निवासी थे ।
(अ) मेरठ (ब) कानपुर (स) बरेली (द) दिल्ली
उत्तर –दिल्ली

8 — हिंदी गद्य का जनक कहा जाता है(अ) बालकृष्ण भट्ट को
(ब) प्रेमचंद को (स) पूर्णसिंह जी को (द) भारतेंदु हरिश्चंद्र को
उत्तर —

9 — सन् 1900 से 1922 ई० तक की अवधि का नाम द्विवेदी युग’किसके नाम पर पड़ा ?
(अ) श्यामसुंदर दास (ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी (स) भारतेंदु हरिश्चंद्र (द) महावीर प्रसाद द्विवेदी
उत्तर –स) भारतेंदु हरिश्चंद्र

10 — हिंदी का सर्वप्रथम साप्ताहिक समाचार-पत्र था
(अ) उदंत मार्तंड (ब) धर्मयुग (स) बंगदूत (द) मर्यादा
उत्तर –(अ) उदंत मार्तंड

11 — ‘चंद छंद बरनन की महिमा के रचयिता हैं
(अ) सूरदास (ब) कबीरदास (स) गंग (द) सदासुखलाल
उत्तर —

12 — सर्वप्रथम साप्ताहिक समाचार-पत्र प्रकाशित हुआ
(अ) कानपुर से (ब) कोलकाता से (स) मुंबई से (द) आगरा से
उत्तर —

13 — ‘रानी केतकी की कहानी’ के लेखक हैं
(अ) सदासुखलाल (ब) लल्लूलाल (स) इंशा अल्ला खाँ (द) सदल मिश्र
उत्तर —

14 — लल्लूलाल की रचना है
(अ) प्रेम सागर (ब) सुखसागर (स) पंचांग दर्शन (द) नासिकेतोपाख्यान
उत्तर –(अ) प्रेम सागर

15 — ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संपादक हैं
(अ) प्रतापनारायण मिश्र (ब) प्रेमचंद (स) जयशंकर प्रसाद (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर –(अ) प्रतापनारायण मिश्र

16 — आर्य समाज के संस्थापक हैं
(अ) स्वामी दयानंद सरस्वती (ब) राजाराम मोहनराय (स) नवीनचंद्र राय (द) गुलाबराय
उत्तर — अ) स्वामी दयानंद सरस्वती

17 — किस महान साहित्यकार के कारण सन् 1868 से 1900 ई० तक की अवधि को भारतेंदु युग’ नाम दिया गया ?
(अ) भारतेंदु हरिश्चंद्र (ब) संपूर्णानंद जी (स) प्रतापनारायण मिश्र (द) प्रेमचंद
उत्तर –(अ) भारतेंदु हरिश्चंद्र

18 — महादेवी वर्मा द्वारा रचित ‘गिल्लू’किस विधा की रचना है ?
(अ) आत्मकथा (ब) रेखाचित्र (स) संस्मरण (द) जीवनी
उत्तर –(ब) रेखाचित्र

19 — ‘भारत दुर्दशा’ नाटक के लेखक हैं
(अ) जयशंकर प्रसाद (ब) भारतेंदु हरिश्चंद्र (स) गोविंद बल्लभ पंत (द) हरिकृष्ण प्रेमी
उत्तर — (ब) भारतेंदु हरिश्चंद्र

20 — हिंदी साहित्य की सबसे लोकप्रिय विधा है
(अ) नाटक (ब) उपन्यास (स) रेखाचित्र (द) कहानी
उत्तर — (द) कहानी

21 — संस्मरण विधा की रचना है
(अ) स्मृति की रेखाएँ (ब) भारतीय संस्कृति (स) ममता (द) नए मेहमान
उत्तर –(अ) स्मृति की रेखाएँ

22 — ‘राष्ट्रमत’नामक मराठी पत्र के संपादक हैं
(अ) काका कालेलकर (ब) भारतेंदु हरिश्चंद्र (स) महावीर प्रसाद द्विवेदी (द) प्रतापनारायण मिश्र
उत्तर —

23 — प्रेमचंद जी की पहली कहानी है
(अ) नमक का दरोगा (ब) सौत (स) बलिदान (द) ईदगाह
उत्तर —

24 — प्रेमचंद जी की आखिरी कहानी है
(अ) ईदगाह (ब) बलिदान (स) कफन (द) पंच परमेश्वर
उत्तर —

25 — ‘गोदान’ उपन्यास किस उपन्यासकार से संबंधित है ?
(अ) शिवानी (ब) जयशंकर प्रसाद (स) पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ (द) प्रेमचंद
उत्तर –(द) प्रेमचंद

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