Up board Class 10 Hindi paper (801 DE) 2023 यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 विषय हिन्दी का पेपर हल सहित
901 801(DE)
कक्षा 10 हिंदी केवल प्रश्न पत्र
समय: 3 घण्टा पूर्णाक : 70
निर्देश:-
(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) प्रश्न-पत्र दो खण्ड अ तथा खण्ड व में विभाजित है ।
(ii) प्रश्न-पत्र के खण्ड अ में बहुविकल्पीय प्रश्न है जिसमें सही विकल्प का चयन करके O.M.R. शीट पर नीले अथवा काले बाल प्वाइंट पेन से सही विकल्प वाले गोले को पूर्ण रूप से काला करें।
(iv) खण्ड अ में बहुविकल्पीय प्रश्न हेतु प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
(v) प्रत्येक प्रश्न के सम्मुख उनके निर्धारित अंक दिए गए हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
- पं. प्रताप नारायण मिश्र लेखक हैं :
(A) द्विवेदी युग के
(B) भारतेन्दु युग के
(C) शुक्ल युग के
(D) शुक्लोत्तर युग के
- ‘गुनाहों का देवता’ रचना की विधा है :
(A) कहानी
(B) उपन्यास
(C) नाटक
(D) एकांकी
- ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक थे
(A) मुंशी प्रेमचन्द
(B) जयशंकर प्रसाद
(C) निराला
(D) महादेवी वर्मा
- ‘कलम का सिपाही’ की विधा है :
(A) संस्मरण
(B) रेखाचित्र
(C) जीवनी
(D) आत्मकथा
- ‘लहरों के राजहंस’ के लेखक हैं :
(A) धर्मवीर भारती
(B) मोहन राकेश
(C) कमलेश्वर
(D) राजेन्द्र यादव
- ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’ एक हैं।
(A) कवि
(B) उपन्यासकार
(C) आलोचक
(D) नाटककार
- ‘आकाश दीप’ के लेखक हैं :
(A) अमरकान्त
(B) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) निराला
- मौला आँचल’ के रचनाकार हैं:
(A) मोहन राकेश
(B) फणीश्वरनाथ रेणु
(C) प्रेमचन्द
(D) जयशंकर प्रसाद
- केशवदास काव्यधारा के कवि हैं:
(A) रीतिबद्ध
(B) रीतिसिद्ध
(C) रीतिमुक्त
(D) प्रयोगवादी
- ‘रामचन्द्रिका’ रचना है:
(A) केशवदास की
(B) बिहारीलाल की
(C) घनानन्द की
(D) भूषण की
- ‘करुण रस’ का स्थायी भाव है।
(A) रति
(B) शोक
(C) हास
(D) निर्वेद
- सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने गात ।
मनो नील मणि शैल पर आतप परयो प्रकाश ।। उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है:
(A) उपमा
(B) रूपक
(C) उत्प्रेक्षा
(D) यमक
- रोला छन्द में कितने चरण होते हैं ?
(A) तीन
(B) दो
(C) चार
(D) पाँच
- ‘अधिग्रहण’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है :
(A) अति
(B) अधि
(c) अध
(D) अ
- प्रत्यय के कितने भेद हैं ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) एक
- ‘तिरंगा’ में कौन-सा समास है ?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) कर्मधारय
(D) तत्पुरुष
- ‘प्रत्येक’ शब्द में कौन-सी सन्धि है ?
(A) दीर्घ सन्धि
(B) यण् सन्धि
(c) वृद्धि सन्धि
(D) गुण सन्धि
- “खीर का तत्सम रूप है :
(A) छीर
(B) क्षीर
(C) क्षीण
(D) खीन
- ‘नौ’ शब्द का वचन और विभक्ति है :
(A) चतुर्थी, दद्विवचन
(B) पंचमी, बहुवचन
(C) षष्ठी, एकवचन
(D) चतुर्थी, एकवचन
- ‘हसिष्यथः ‘ धातु का वचन एवं पुरुष है :
(A) एकवचन, मध्यम पुरुष
(B) बहुवचन, उत्तम पुरुष
(C) द्विवचन, मध्यम पुरुष
(D) एकवचन, प्रथम पुरुष
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) मित्रता के लिए यह आवश्यक नहीं है कि दो मित्र एक ही प्रकार का कार्य करते हों या एक ही रुचि के हों। इसी प्रकार प्रकृति और आचरण की समानता भी आवश्यक या वांछनीय नहीं है । दो भिन्न प्रकृति के मनुष्यों में बराबर प्रीति और मित्रता रही है। राम धीर और शान्त प्रकृति के बे, लक्ष्मण उम्र और उद्धत स्वभाव के थे दोनों भाइयों में अत्यन्त प्रगाढ़ स्नेह था। उदार तथा उच्चाशय कर्ण और लोभी दुर्योधन के स्वभावों में कुछ विशेष समानता न थी, पर उन दोनों की मित्रता खूब निभी।
(i) प्रस्तुत अवतरण का संदर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए
(iii) राम और लक्ष्मण के स्वभाव में क्या अंतर है ?
अथवा
(ख) अहिंसा का दूसरा नाम या दूसरा रूप त्याग है और हिंसा का दूसरा रूप या दूसरा नाम स्वार्थ है, जो प्रायः भोग के रूप में हमारे सामने आता है। पर हमारी सभ्यता ने तो भोग भी त्याग से निकाला है और भोग भी त्याग में ही पाया जाता है। श्रुति कहती है तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः’ – इसी के द्वारा हम व्यक्ति-व्यक्ति के बीच का विरोध, व्यक्ति और समाज के बीच विरोध समाज और समाज के बीच का विरोध देश और देश के बीच के विरोध को मिटाना चाहते हैं। हमारी सारी नैतिक चेतना इसी तत्त्व से ओत-प्रोत है ।
(i) प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
(ii) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
(iii) हमारे नैतिक सिद्धान्तों में किस चीज को प्रमुख स्थान दिया गया है?
- दिए गए पद्यांश पर आधारित तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) अतुलनीय जिसके प्रताप का साक्षी है प्रत्यक्ष दिवाकर ।
घूम-घूम कर देख चुका है जिनकी निर्मल कीर्ति निशाकर ।।
ये नभ के अनन्त तारागण । अगणित बार सुन चुका है नभ
देख चुके हैं जिनका वैभव
जिनका विजय घोष रण गर्जन ||
(i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
अथवा
(ख) ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं ।
वृन्दावन गोकुल बन उपवन, सघन कुंज की छाँही ।
प्रात समय माता जसुमति अरु नंद देखि सुख पावत ।
माखन रोटी दहयो सजायौ, अति हित साथ खवावत ॥
गोपी ग्वाल बाल सँग खेलत, सब दिन हँसत सिरात ।
सूरदास धनि धनि ब्रजवासी, जिनसौ हित जदु-तात ॥
(i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) उपर्युक्त पंक्तियों में किस समय का वर्णन है ?
- दिए गए संस्कृत गद्यांश में से किसी एक का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
(क) इयं नगरी विविधधर्माणां सङ्गमस्थली | महात्मा बुद्धः तीर्थङ्करः पार्श्वनाथ:, शङ्कराचार्य: कबीरः, गोस्वामी तुलसीदास, अन्ये च बहवः महात्मानः अत्रागत्य स्वीयान् विचारान् प्रासारायन् । न केवलं दर्शने, साहित्ये, धर्मे, अपितु कलाक्षेत्रेऽपि इयं नगरी विविधानां कलानां, शिल्पानां च कृते लोके विश्रुता । अत्रत्याः कौशेयशाटिका : देशे-देशे सर्व स्पृहयन्ते
अथवा
(ख) एषा कर्मवीराणां संस्कृतिः “कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतं समाः” इति अस्याः उद्घोषः । पूर्व कर्म, तदनन्तरं फलम् इति अस्माकं संस्कृते नियमः । इदानीं यदा वयम् राष्ट्रस्य नवनिर्माणे संलग्नाः स्मः निरन्तरम् कर्मकरणम् अस्माकं मुख्यं कर्तव्यम् । निजस्य भ्रमस्य फलं भोग्यं अन्यस्य श्रमस्य शोषणं सर्वथा वर्जनीयम् । यदि वयं विपरीत आचरामः तदा न वयं सत्यं भारतीय संस्कृतेः उपासकाः ।
- दिए गए संस्कृत पद्यांश में से किसी एक का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए:
(क) किंस्विद् गुरुतरं भूमेः किंश्विदुच्चतरं च खात् ? किंस्विद शीघ्रतरं वात् किंचिद् बहुत तृणात माता गुरुतरा भूमेः खात् पितोच्चतरस्तथा मनः शीघ्रतरं वातात् चिन्ता बहुतरी तृणात् ।।
अथवा
(ख) हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्ग जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम ।
निराशीर्निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः ।।
- अपने पठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए: ।
(क) (i) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के आधार पर नायक महात्मा गाँधी की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए
(ii) मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के ‘चतुर्थ सर्ग’ की कथावस्तु लिखिए ।
(ख) (i) ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
(ii) “ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य के आधार पर जवाहरलाल नेहरू का चरित्र चित्रण कीजिए
(ग) (i) ‘मेवाड़-मुकुट’ खण्डकाव्य के ‘लक्ष्मी सर्ग की कथा संक्षेप में लिखिए ।
(ii) ‘मेवाड़-मुकुट’ खण्डकाव्य का कथासार लिखिए ।
(घ) (i) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के आयोजन सर्ग’ का कथासार अपने शब्दों में लिखिए ।
(ii) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
(ङ) (i) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य की कथावस्तु लिखिए ।
(ii) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
(च) (i) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘तृतीय सर्ग’ (बलिदान सर्ग) का सारांश लिखिए
(ii) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के नायक चन्द्रशेखर ‘आजाद’ का चरित्र-चित्रण कीजिए
(छ) (i) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के ‘षष्ठ सर्ग’ (कर्ण वध) की कथा संक्षेप में लिखिए ।
(ii) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के आधार पर नायक ‘कर्ण’ की वीरता और त्याग पर प्रकाश डालिए।
(ज) (i) ‘कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए
(ii) कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के ‘द्वितीय सर्ग’ की कथा संक्षेप में लिखिए ।
(झ) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर लक्ष्मण का चरित्र चित्रण कीजिए ।
‘तुमुल’ खण्डकाव्य की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए
- (क) दिए गए लेखकों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख
रचना का उल्लेख कीजिए :
(i) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(ii) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(iii) जयशंकर प्रसाद
(ख) दिए गए कवियों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए:
(i) गोस्वामी तुलसीदास
(ii) सुमित्रानन्दन पन्त
(ii) महाकवि सूरदास,
- अपनी पाठ्य-पुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो ।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए:
(i) पुरुराजः कः आसीत् ?
(ii) वीरः केन पूज्यते ?
(iii) कुत्र मरणं मङ्गलम् भवति ?
(iv) चन्द्रशेखर का आसीत् ?
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए
(i) भारत में आतंकवाद कारण और निवारण –
(ii) जनसंख्या वृद्धि के कारण लाभ और हानि
(ii) बेरोजगारी की समस्या
(iv) विज्ञान के चमत्कार
(v) मेरा प्रिय कवि