Up Board Solution For Class 11 hindi gady ka itihas

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UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 6 नृपतिदिलीप, part of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 6 नृपतिदिलीप:.

Up Board Solution For Class 11 hindi gady ka itihas

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न-

  1. मेरठ और दिल्ली के आस-पास बोली जाने वाली खड़ी बोली का साहित्यिक रूप क्या कहलाता है?
    उ०- मेरठ और दिल्ली के आस-पास बोली जाने वाली खड़ी बोली के साहित्यिक रूप को ‘हिन्दी’ कहते हैं।

2. हिन्दी की कितनी उपभाषाएँ हैं?

उ०- हिन्दी की उपभाषाएँ ब्रजभाषा, खड़ीबोली, बुन्देली, हरियाणवी, कन्नौजी, अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, मैथिली, राजस्थानी एवं पहाड़ी हैं।

  1. पूर्ववर्ती गद्य के हिन्दी साहित्य को कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है?

उ०- पूववर्ती गद्य के हिन्दी साहित्य को मुख्यतः चार वर्गों में बाँटा जा सकता है- (1) राजस्थानी गद्य, (2) मैथिली गद्य, (3) ब्रजभाषा का गद्य और (4) खड़ीबोली का प्रारम्भिक गद्य ।

  1. हिन्दी की आठ बोलियों के नाम बताइए।

उ०- हिन्दी की आठ बोलियाँ है- ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बुन्देली, हरियाणवी, कन्नौजी, बघेली, अवधी एवं छत्तीसगढ़ी।

  1. गद्य एवं पद्य में मुख्य अन्तर क्या हैं?

उ०- गद्य मुख्यतः छन्दमुक्त वाक्यों में की गई रचना होती है, जबकि पद्म लयबद्ध या छन्दोबद्ध रचना होती है । यति, गति, लय, पद्य लेखक के सहायक तत्व होते हैं, जबकि गद्य लेखक के लिए विराम चिह्न सहायक तत्व सिद्ध होते हैं।

  1. ब्रजभाषा के गद्य की दो रचनाओं के नाम लिखिए।

उ०- ब्रजभाषा गद्य की दो रचनाएँ शृंगार रस मण्डन तथा दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता है।

  1. ब्रजभाषा के सबसे प्राचीन मौलिक ग्रन्थ का नाम बताइए।

उ०- ब्रजभाषा का सबसे प्राचीन मौलिक ग्रन्थ गोरखनाथ कृत ‘गोरखसार’ माना जाता है।

  1. मैथिली गद्य का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थ कौन-सा है ?

उ०- मैथिली गद्य का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थ ज्योतिरीश्वरकृत ‘वर्ण-रत्नाकर’ है।

  1. ब्रजभाषा के गद्य साहित्य को कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है?

उ०- ब्रजभाषा के गद्य साहित्य को मुख्यतः तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है- (1) मौलिक ग्रन्थ, (2) टीका-साहित्य और (3) अनूदित ग्रन्थ

  1. राजस्थानी गद्य की प्रमुख रचनाओं के नाम बताइए।

उ०- राजस्थानी गद्य की प्रमुख रचनाएँ आराधना, अतिचार एवं बाल शिक्षा आदि हैं।

  1. हिन्दी की प्रथम पत्रिका कौन-सी है? यह कब व कहाँ से प्रकाशित हुई?

उ०- हिन्दी की प्रथम पत्रिका ‘उदन्त मार्तण्ड’ है। यह सन् 1826 ई० में कानपुर से प्रकाशित हुई।

  1. ‘सत्यार्थ प्रकाश’ तथा ‘ भाषा योगवाशिष्ठ’ के लेखकों का नाम बताइए।

उत्तर – उ०- ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक स्वामी दयानन्द सरस्वती तथा ‘भाषा योगवाशिष्ठ’ के लेखक रामप्रसाद निरंजनी हैं।

13. मुंशी सदासुखलाल की भाषा की विशेषताएँ बताइए ।

उ०- मुंशी सदासुखलाल की भाषा परिमार्जित तथा फारसी शैली से प्रभावित है।

  1. भारतेन्दु युग से पूर्व किन दो राजाओं ने हिन्दी गद्य के निर्माण में योगदान दिया?

उ०- भारतेन्दु युग से पूर्व राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिन्द’ तथा राजा लक्ष्मण सिंह ने हिन्दी गद्य के निर्माण में योगदान दिया।

  1. ‘विलफोर्स एक्ट’ कब पास हुआ?

उ०- सन् 1813 ई० में ‘विलफोर्स एक्ट’ पास हुआ।

  1. खड़ी बोली के गद्य की सबसे पहली रचना कौन सी है?

उ०- खड़ीबोली के गद्य की सबसे पहली रचना जटमल कृत ‘गोरा बादल की कथा’ है।

  1. कलकत्ता स्थित फोर्ट विलियम कॉलेज के उन दो हिन्दी शिक्षकों के नाम लिखिए, जिन्हें खड़ी बोली गद्य का प्रारम्भिक उन्नायक माना जाता है।
    उ०- कलकत्ता स्थित फोर्ट विलियम कॉलेज के दो हिन्दी – शिक्षकों लल्लूलाल तथा सदल मिश्र को खड़ी बोली गद्य का प्रारम्भिक उन्नायक माना जाता है।

18- इंशा अल्ला खाँ, रामप्रसाद निरंजनी एवं लल्लूलाल की प्रसिद्ध रचनाओं के नाम लिखिए।

उ०- ईशा अल्ला खाँ रामप्रसाद निरंजनी

रानी केतकी की कहानी

लल्लूलाल प्रेमसागर

भाषा योगवाशिष्ठ

  1. सदल मिश्र व इंशा अल्ला खाँ की भाषा शैली में अन्तर बताइए
    उ०- इंशा अल्ला खाँ की रचनाएँ शुद्ध खड़ी बोली में लिखी गई है, फिर भी कहीं-कहीं फारसी शैली का प्रभाव परिलक्षित होता है।

इनकी भाषा मुहावरेदार तथा हास्य से परिपूर्ण है।

सदल मिश्र जी की भाषा अधिक स्पष्ट, व्यवहारोपयोगी तथा सुधरी हुई है।

  1. खड़ी बोली गद्य के प्रसार में ईसाई मिशनरियों का क्या योगदान रहा?

उ०- ईसाई मिशनरियों ने हिन्दी गद्य के विकास में अधिक योगदान दिया, इन्होंने ईसाई धर्म के प्रचार के लिए ‘बाईबिल’ एवं अन्य ग्रन्थों का हिन्दी में अनुवाद करवाया।

  1. प्रगतिवादी युग के प्रथम वर्ग के साहित्यकारों के नाम बताइए।

उ०- प्रगतिवादी युग के प्रथम वर्ग के साहित्यकार- दिनकर, शांतिप्रिय द्विवेदी, यशपाल, हजारीप्रसाद द्विवेदी, भगवतीचरण वर्मा,

जैनेन्द्र, वासुदेवशरण अग्रवाल आदि हैं।

  1. शुक्ल युग की प्रमुख पत्रिकाओं के नाम बताइए।

उ०- शुक्ल युग की प्रमुख पत्रिकाएँ साहित्य सन्देश, कर्मवीर, सरोज, हंस, आदर्श/मौजी आदि है।

  1. शुक्ल युग की कृतियों में प्रयुक्त शैली कौन-सी है?

उ०- इस युग की कृतियों में मुख्य रूप से गवेषणात्मक, भावात्मक, व्यंग्यात्मक, विवेचनात्मक व विवरणात्मक शैली प्रयोग की गई।

  1. शुक्ल युग में कौन-सी विधाएँ विकसित हुईं?

उ०- शुक्ल युग को कहानी, निबन्ध, उपन्यास, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, आत्म-कथा, जीवनी, पत्र साहित्य, यात्रा- वृत्त व डायरी आदि गद्य विधाएँ विकसित हुई।

  1. शुक्ल युग को अन्य किन नामों से जाना जाता है?
    उ०- शुक्ल युग को छायावादी युग, प्रसाद युग, प्रेमचन्द युग आदि नामों से भी जाना जाता है।
  2. शुक्ल युग के प्रमुख गद्यकारों के नाम लिखिए।

उ०- शुक्ल युग के प्रमुख गद्यकार हैं- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ० रघुबीर सिंह, रामचन्द्र शुक्ल, जयशंकर प्रसाद, गुलाबराय, हजारीप्रसाद द्विवेदी आदि ।

  1. हिन्दी गद्य की उर्दू तथा संस्कृतप्रधान शैलियों के पक्षधर दो राजाओं के नाम लिखिए।

उ०- राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिन्द’ हिन्दी गद्य के उर्दू तथा राजा लक्ष्मण सिंह हिन्दी गद्य के संस्कृत शैली के पक्षधर थे।

  1. भारतेन्दु के सहयोगी किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- प्रतापनारायण मिश्र तथा पं० बालकृष्ण भट्ट भारतेन्दु के सहयोगी लेखक थे।

  1. भारतेन्दु युग में प्रकाशित होने वाली हिन्दी की एक प्रमुख पत्रिका व उसके सम्पादक का नाम लिखिए ।

उ०- भारतेन्दु युग में प्रकाशित होने वाली हिन्दी की प्रमुख पत्रिका ‘कवि वचन सुधा’ है। इसके सम्पादक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी थे।

  1. हिन्दी खड़ी बोली गद्य के विकास में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का योगदान लिखिए।
    उत्तर – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी ने पहली बार अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए साधारण बोलचाल के शब्दों को हिन्दी में स्थान दिया।

भारतेन्दु युग का गद्य अत्यन्त सजीव एवं सशक्त है। इस युग के साहित्यकारों ने काव्य के लिए ‘बज्रभाषा’ व गद्य के लिए ‘खड़ी बोली’ को अपनाया। वर्तमान हिन्दी गद्य को भारतेन्दु जी की देन मानते हुए उन्हें ‘हिन्दी गद्य का जनक’ संज्ञा से अभिहित किया जाता है।

  1. द्विवेदी युग के प्रमुख गद्य लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- द्विवेदी युग के प्रमुख लेखक हैं- महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रेमचन्द, पूर्णसिंह, सम्पूर्णानन्द, श्यामसुन्दर दास, रामचन्द्र शुक्ल आदि

  1. द्विवेदी युग का समय बताइए और उस व्यक्ति का पूरा नाम बताइए, जिसके कारण इसे द्विवेदी युग कहा जाता है।

उ०- द्विवेदी युग की समय-सीमा सन् 1900 ई० से सन् 1922 ई० तक है। महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के कारण इस युग को द्विवेदी युग कहा जाता है।

  1. भारतेन्दु युग की गद्य भाषा (हिन्दी) का द्विवेदी युग में क्या सुधार एवं विकास हुआ?

उ०- भारतेन्दु युग के हिन्दी गद्य में परिष्कार और परिमार्जन की आवश्यकता थी । द्विवेदी युग में भाषा को शुद्ध, सुसंस्कृत व परिमार्जित बनाकर व्यवस्थित किया गया।

  1. भारतेन्दु युग के निबन्धकारों के नाम लिखिए।

उ०- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, पं० बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बालमुकुन्द गुप्त भारतेन्दु युग के निबन्धकार है।

  1. विषय और शैली की दृष्टि से निबन्ध के प्रमुख कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए।

उ०- विषय और शैली की दृष्टि से निबन्ध के निम्नलिखित प्रमुख चार भेद हैं- (1) विवरणात्मक निबन्ध (2) वर्णनात्मक निबन्ध, (3) विचारात्मक निबन्ध, (4) भावात्मक निबन्धा

  1. हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाओं के नाम लिखिए।
    उ०- हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ- निबन्ध, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना, रेखाचित्र, आत्मकथा, जीवनी, संस्मरण, डायरी,

यात्रावृत, भेंटवार्ता, पत्र- साहित्य तथा गद्य काव्य आदि हैं।

  1. प्रगतिवादी युग की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

उ०- मार्क्सवादी प्रभाव, भाषा की सशक्तता, नवीन भाषा शैलियों का विकास तथा यथार्थता आदि प्रगतिवादी की विशेषताएँ हैं।

  1. प्रगतिवादी युग की प्रमुख पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
    उ०- प्रगतिवादी युग की प्रमुख पत्रिकाएँ सारिका, गंगा, कादम्बिनी, धर्मयुग आदि हैं।
  2. आधुनिक युग की समय सीमा बताइए।

उ०- आधुनिक युग को समय-सीमा सन् 1947 ई० से वर्तमान समय तक है।

  1. आधुनिक युग के किन्हीं तीन लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- आधुनिक युग के तीन लेखक लक्ष्मी नारायण लाल, विष्णु प्रभाकर, धर्मवीर भारती है।

  1. हिन्दी के प्रथम मौलिक उपन्यास एवं उसके लेखक का नाम लिखिए।

उ०- हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास ‘परीक्षा गुरु’ है। इसके लेखक लाला श्रीनिवासदास हैं।

  1. प्रेमचन्द जी की पहली कहानी का नाम लिखिए ।

उ०- प्रेमचन्द की पहली कहानी ‘स्रोत’ है।

  1. जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियों के नाम लिखिए।

उ०- जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियाँ- आकाशदीप, ममता, पुरस्कार, मधुआ, चित्र- मन्दिर, गुण्डा आदि हैं।

  1. कहानी की मुख्य विशेषताएँ बताइए।

उ०- लघु कथानक, पात्र एवं चरित्र-चित्रण, भाव अथवा संवेदना का प्रस्तुतीकरण तथा निश्चित उद्देश्य कहानी की मुख्य विशेषताएँ हैं।

  1. कहानी के कौन-कौन से तत्व होते हैं?

उ०- कहानी के निम्नलिखित तत्व होते है- (1) शीर्षक, (2) पात्र एवं चरित्र चित्रण, (3) कथानक या कथावस्तु, (4) संवाद या

कथोपकथन, (5) देशकाल या वातावरण, (6) भाषा-शैली तथा (7) उद्देश्य ।

  1. हिन्दी की पहली मौलिक कहानी का नाम लिखिए।

उ०- किशोरीलाल गोस्वामी कृत ‘इंदुमती’ को हिन्दी की पहली मौलिक कहानी माना जाता है। 47. महादेवी वर्मा तथा वासुदेवशरण अग्रवाल किस युग के निबन्धकार है ?

उ०- महादेवी वर्मा तथा वासुदेवशरण अग्रवाल शुक्लोत्तर युग के निबन्धकार है।

  1. शुक्ल युग के प्रमुख निबन्धकारों के नाम लिखिए।

उ०- शुक्ल युग के प्रमुख निबन्धकार – आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, गुलाबराय, श्यामसुन्दर दास, पीताम्बर दत्त, बड़थ्वाल आदि है।

  1. भारतेन्दु जी के दो निबन्धों के नाम लिखिए।

उ०- मदालसा तथा सुलोचना भारतेन्दु जी के दो निबन्ध संग्रह है।

  1. देवकीनन्दन खत्री के दो उपन्यासों के नाम बताइए।

उ०- चन्द्रकान्ता सन्तति और भूतनाथ – देवकीनन्दन खत्री के दो उपन्यास है।

  1. जयशंकर प्रसाद के उपन्यासों के नाम लिखिए।

उ०- जयशंकर प्रसाद के दो उपन्यास कंकाल और तितली है।

  1. द्विवेदीयुगीन किन्ही दो निबन्धकारों के नाम लिखिए।
    उ०- द्विवेदीयुगीन दो निबन्धकार हैं- महावीर प्रसाद द्विवेदी व पूर्णसिंह।

  1. हिन्दी एकांकी का जनक किसे माना जाता है?

उ०- डॉ० रामकुमार वर्मा को आधुनिक हिन्दी एकांकी का जनक माना जाता है।

  1. ‘रक्षाबंधन’ तथा ‘सिंदूर की होली’ किस विधा की रचनाएँ हैं? इनके लेखकों का नाम भी लिखिए ।

उ०- ‘रक्षाबन्धन’ तथा ‘सिंदूर की होली’ नाटक विधा की रचनाएँ हैं। इनके लेखक हरिशंकर प्रेमी तथा लक्ष्मीनारायण मिश्र हैं।

  1. जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध नाटकों के नाम लिखिए।

उ०- जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध नाटक- चन्द्रगुप्त, स्कन्दगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, अजातशत्रु, करुणालय आदि हैं।

  1. हिन्दी के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।
    उ०- हिन्दी के प्रमुख नाटककार- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जयशंकर प्रसाद, हरिशंकर प्रेमी, लक्ष्मीनारायण मिश्र, भीष्म साहनी आदि हैं।
  2. नाटक को ‘रूपक’ क्यों कहा जाता है?

उ०- नाटक में पात्रों और घटनाओं को अन्य पात्रों व घटनाओं पर आरोपित किया जाता है, इसलिए इसे ‘रूपक’ कहा जाता है।

  1. प्रेमचन्दोत्तर युग के किन्हीं दो उपन्यासकारों के नाम लिखिए।

उ०- प्रेमचन्दोत्तर युग के दो प्रमुख उपन्यासकार – जैनेन्द्र तथा इलाचन्द्र जोशी है।

  1. ‘परख’ तथा ‘ जहाज का पंछी’ उपन्यासों के लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- ‘परख’ उपन्यास के लेखक- जैनेन्द्र तथा ‘जहाज का पंछी’ उपन्यास के लेखक – इलाचन्द्र जोशी जी है।

  1. प्रेमचन्द के किन्हीं दो उपन्यासों के नाम लिखिए।

उ०- प्रेमचन्द जी के दो उपन्यास- गबन और गोदान हैं।

  1. किन्हीं दो संस्मरण लेखकों व उनकी एक-एक कृति का नाम बताइए।

उ०- महादेवी वर्मा तथा भगवतीचरण वर्मा दो प्रमुख संस्मरण लेखक हैं। इनकी रचनाएँ- ‘स्मृति की रेखाएँ’ तथा ‘वे सात और हम’ है।

  1. रेखाचित्र व संस्मरण में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उ०- रेखाचित्र में शब्दों की कलात्मक रेखाओं के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के बाह्य तथा आंतरिक स्वरूप का शब्द- चित्र इस प्रकार व्यक्त किया जाता है कि पाठक के हृदय में उसका सजीव तथा यथार्थ चित्र अंकित हो जाए। संस्मरण में लेखक के द्वारा अपनी स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति, परिस्थिति अथवा विषय पर लेख लिखा जाता है।

  1. जीवनी किसे कहते है?

उ०- किसी महान् व्यक्ति के जीवन की जन्म से मृत्यु- पर्यन्त सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को जब कोई लेखक प्रस्तुत करता है, तब वह विधा जीवनी कहलाती है।

  1. जीवनी लिखने वाले किसी एक लेखक तथा उसकी रचना का नाम लिखिए।

उ०- जीवनी लिखने वाले लेखक बनारसी दास चतुर्वेदी है। इनकी रचना का नाम ‘पण्डित सत्यनारायण की जीवनी’ है।

  1. रामविलास शर्मा किस रूप में प्रसिद्ध हैं?
    उ०- रामविलास शर्मा जीवनी लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  2. प्रसिद्ध जीवनी लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- प्रसिद्ध जीवनी लेखक हैं- गुलाबराय, रामनाथ सुमन, डॉ० रामविलास शर्मा, अमृतराय आदि।

  1. दो डायरी विधा लेखकों के नाम बताइए।

उ०- श्रीराम शर्मा तथा धीरेन्द्र वर्मा दो प्रमुख डायरी विधा लेखक हैं।

  1. गद्य काव्य किसे कहते हैं?

उ०- गद्यात्मक भाषा के माध्यम से किसी भावपूर्ण विषय पर की गई काव्यात्मक अभिव्यक्ति गद्य-काव्य कहलाती है।

  1. यात्रावृत्त किसे कहते हैं।

उ०- लेखक अपने द्वारा की गई किसी यात्रा के अनुभव का वर्णन प्रस्तुत करता है, वह यात्रावृत्त कहा जाता है।

  1. दो यात्रावृत्तान्त लेखकों व उनकी एक-एक कृति का नाम लिखिए।
    उ०- दो यात्रावृत्तान्त लेखक राहुल सांस्कृत्यायन तथा मोहन राकेश हैं। इनकी रचना क्रमश: ‘घुमक्कड़ शास्त्र’ तथा ‘आखरी चट्टान’ है।

  1. ‘ठेले पर हिमालय’ किस विधा की रचना है ?
    उ०- ठेले पर हिमालय’ यात्रावृत्त विधा की रचना है।

  1. भेंटवार्ता अथवा साक्षात्कार से आप क्या समझते हैं?
    उ०- किसी से भेंट करके उसका परिचय जानने का प्रयास ‘भेंटवार्ता’ के अन्तर्गत आता है।।

  1. हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक समाचार-पत्र का नाम बताइए।

उ०- हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक समाचार पत्र ‘समाचार सुधावर्षण’ है।

  1. रिपोर्ताज किसे कहते हैं?

उ०- रिपोर्ताज में किसी घटना का वर्णन इस तरह किया जाता है कि पाठक उससे प्रभावित हो जाता है। रिपोर्ताज का हाल इस तरह से लिखा जाता हैं कि जैसे वह आँखों देखा हो। इसमें महत्वपूर्ण घटनाओं तथा पाठकों की विशिष्टताओं का निजी और सूक्ष्म निरीक्षण के आधार पर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण तथा विवेचन होता है।

  1. हिन्दी के दो रिपोर्ताज लेखकों के नाम लिखिए।
    उ०- विष्णु प्रभाकर तथा प्रभाकर माचवे दो प्रमुख रिपोर्ताज लेखक है।

  1. हिन्दी के प्रमुख एकांकीकारों के नाम बताइए।
    उ०- हिन्दी के प्रमुख एकांकीकार- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, डॉ० रामकुमार वर्मा, पं० उदयशंकर भट्ट, सेठ गोविंददास, जगदीशचन्द्र माथुर, विनोद रस्तोगी, लक्ष्मीनारायण मिश्र आदि हैं।

  1. हिन्दी की प्रथम एकांकी का नाम लिखिए।

उ०- जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित ‘एक घूँट’ को हिन्दी की प्रथम एकांकी माना जाता है।

  1. डॉ० रामकुमार वर्मा के प्रथम एकांकी नाटकों के संग्रह का क्या नाम है? यह कब प्रकाशित हुआ? उ०- डॉ० रामकुमार वर्मा के प्रथम एकांकी नाटकों के संग्रह का नाम ‘पृथ्वीराज की आँखें’ हैं, यह सन् 1936 ई० में प्रकाशित हुआ ।

79. आलोचना किसे कहते हैं

उ०- किसी वस्तु का सूक्ष्म अध्ययन करना; जिससे उसके गुण-दोष प्रकट हो जाएँ, को आलोचना कहते है।

  1. हिन्दी में आधुनिक पद्धति की आलोचना का प्रारम्भ कब से माना जाता है?

उ०- हिन्दी में आधुनिक पद्धति की आलोचना का प्रारम्भ भारतेन्दु युग में लाला श्रीनिवासदास के ‘संयोगिता स्वयंवर’ नामक नाटक की आलोचना से माना जाता है।

  1. छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना लेखक का नाम बताइए।

उ०- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना लेखक है।

  1. चार आलोचक लेखकों के नाम बताइए ।

उ०- चार आलोचक लेखक हैं- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, बाबू श्यामसुन्दर दास, हजारीप्रसाद द्विवेदी एवं महावीर प्रसाद द्विवेदी ।

  1. द्विवेदी युग के प्रमुख आलोचना लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- द्विवेदी युग के प्रमुख आलोचना लेखक है- बाबू श्यामसुन्दर दास, पद्मसिंह शर्मा एवं आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ।

  1. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की एक रचना का नाम लिखिए।

उ०- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की रचना ‘मेरी आत्मकथा’ है।

  1. हिन्दी के किन्हीं दो रेखाचित्रकारों के नाम लिखिए।

उ०- महादेवी वर्मा तथा अमृतराय हिन्दी के दो प्रमुख रेखाचित्रकार हैं।

  1. गद्य-काव्य विधा के दो लेखकों के नाम लिखिए।

उ०- गद्य-काव्य विधा के दो प्रमुख लेखक- माखनलाल चतुर्वेदी तथा वियोगी हरि जी हैं।

  1. भारतेन्दु जी के प्रमुख नाटकों के नाम बताइए।

उ०- भारतेन्दु जी के प्रमुख नाटक हैं- वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, अँधेर नगरी, भारत दुर्दशा, नीलदेवी आदि।

  1. ‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक का नाम लिखिए।

उ०- ‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी थे।

  1. ‘धर्मयुग’ पत्रिका के सम्पादक का नाम बताइए।
    उ०- ‘धर्मयुग’ पत्रिका के सम्पादक धर्मवीर भारती जी है।

  1. ‘कर्मवीर’ किस युग की पत्रिका है तथा यह कहाँ से प्रकाशित होती थी ?
    उ०- ‘कर्मवीर’ शुक्ल युग की पत्रिका है, यह जबलपुर से प्रकाशित होती थी।

  1. ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक का नाम बताइए।

उ०- ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक प्रेमचन्द जी थे।

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