Ravi ke roop रवि के रूप संस्कृत में

vidhya ke roop

Ravi ke roop रवि के रूप संस्कृत में

रवि के शब्द रूप संस्कृत में-Ravi ke roop (रवि के शब्द रूप ) रवि शब्द इकारांत पुल्लिंग होता है और इकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम रवि के शब्द रूप सीखेंगे । रवि शब्द के रूप अकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- कवि ।

संस्कृत में शब्द रूप

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमारविःरवीरवयः
द्वितीयारविम्रवीरवीन्
तृतीयारविणारविभ्याम्रविभिः
चतुर्थीरवयेरविभ्याम्रविभ्यः
पंचमीरवेःरविभ्याम्रविभ्यः
षष्‍ठीरवेःरव्योःरवीणाम्
सप्‍तमीरवौरव्योःरविषु
सम्बोधनहे रवे!हे रवी!हे रवयः!
रवि के रूप

नोट- जितने भी इकारांत पुल्लिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप रवि की तरह ही चलते हैं । जैसे मुनि, विधि, निधि, कपि, अतिथि, बारिधि, सभापति, राष्ट्रपति, भूपति, नरपति, ऋषि, कपि, निधि, रवि, गिरि, अग्नि, जलधि, पयोधि, अरि, मणि, व्याधि, उदधि आदि।

प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। रवि शब्द के रूप (Ravi ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों रवि शब्द के रूप (Ravi ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!!

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