Giri ke roop गिरि के रूप संस्कृत में

vidhya ke roop

Giri ke roop गिरि के रूप संस्कृत में

गिरि के शब्द रूप संस्कृत में-Giri ke roop (गिरि के शब्द रूप ) गिरि शब्द इकारांत पुल्लिंग होता है और इकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम गिरि के शब्द रूप सीखेंगे । गिरि शब्द के रूप अकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- कवि ।

संस्कृत में शब्द रूप

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमागिरिःगिरीगिरयः
द्वितीयागिरिम्गिरीगिरीन्
तृतीयागिरिणागिरिभ्याम्गिरिभिः
चतुर्थीगिरयेगिरिभ्याम्गिरिभ्यः
पंचमीगिरेःगिरिभ्याम्गिरिभ्यः
षष्‍ठीगिरेःगिर्योःगिरीणाम्
सप्‍तमीगिरौगिर्योःगिरिषु
सम्बोधनहे गिरे!हे गिरी!हे गिरयः!


नोट- जितने भी इकारांत पुल्लिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप गिरि की तरह ही चलते हैं । जैसे मुनि, विधि, निधि, कपि, अतिथि, बारिधि, सभापति, राष्ट्रपति, भूपति, नरपति, ऋषि, कपि, निधि, गिरि, अग्नि, जलधि, पयोधि, अरि, मणि, व्याधि, उदधि आदि।

प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। गिरि शब्द के रूप (Giri ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों गिरि शब्द के रूप (Giri ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!

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