Muni ke roop मुनि के शब्द रूप संस्कृत में

मुनि के शब्द रूप संस्कृत

Muni ke roop मुनि के शब्द रूप संस्कृत में

मुनि के शब्द रूप संस्कृत में-Muni ke roop (मुनि के शब्द रूप ) मुनि शब्द इकारांत पुल्लिंग होता है और इकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम मुनि के शब्द रूप सीखेंगे । मुनि शब्द के रूप अकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- कवि ।

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमामुनिःमुनीमुनयः
द्वितीयामुनिम्मुनीमुनीन्
तृतीयामुनिनामुनिभ्याम्मुनिभिः
चतुर्थीमुनयेमुनिभ्याम्मुनिभ्यः
पंचमीमुनेःमुनिभ्याम्मुनिभ्यः
षष्‍ठीमुनेःमुन्योःमुनीनाम्
सप्‍तमीमुनौमुन्योःमुनिषु
सम्बोधनहे मुने!हे मुनी!हे मुनयः!
मुनि के रूप


नोट- जितने भी इकारांत पुल्लिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप मुनि की तरह ही चलते हैं । जैसे मुनि, विधि, निधि, कपि, अतिथि, बारिधि, सभापति, राष्ट्रपति, भूपति, नरपति, ऋषि, कपि, निधि, रवि, गिरि, अग्नि, जलधि, पयोधि, अरि, मणि, व्याधि, उदधि आदि।

प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। मुनि शब्द के रूप (Muni ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों मुनि शब्द के रूप (Muni ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!!

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