kapi ke roop कपि के रूप संस्कृत में

kapi ke roop कपि के रूप संस्कृत में

kapi ke roop कपि के रूप संस्कृत में

संस्कृत में शब्द रूप

कपि के शब्द रूप संस्कृत में-kapi ke roop (कपि के शब्द रूप ) कपि शब्द इकारांत पुल्लिंग होता है और इकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम कपि के शब्द रूप सीखेंगे । कपि शब्द के रूप इकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- कवि ।

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमाकपिःकपीकपयः
द्वितीयाकपिम्कपीकपीन्
तृतीयाकपिनाकपिभ्याम्कपिभिः
चर्तुथीकपयेकपिभ्याम्कपिभ्यः
पन्चमीकपेःकपिभ्याम्कपिभ्यः
षष्ठीकपेःकप्योःकपीनाम्
सप्तमीकपौकप्योःकपिषु
सम्बोधनहे कपेहे कपीहे कपयः

नोट- जितने भी इकारांत पुल्लिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप कपि की तरह ही चलते हैं । जैसे मुनि, विधि, निधि, कपि, अतिथि, बारिधि, सभापति, राष्ट्रपति, भूपति, नरपति, ऋषि, कपि, निधि, रवि, गिरि, अग्नि, जलधि, पयोधि, अरि, मणि, व्याधि, उदधि आदि।

प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। कपि शब्द के रूप (kapi ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों कपि शब्द के रूप (kapi ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!!

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