CG Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 यक्ष युधिष्ठर संवाद

CG Board Class 10 Sanskrit Solution Chapter 5 यक्ष युधिष्ठर संवाद

यह अवतरण महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत से लिया गया है | महाभारत एक लाख श्लोकों में निबद्ध है। अतः इसे “शतसाहस्री संहिता’ भी कहते है। एक बार अज्ञात वास के समय घूमते हुए पाण्डवों को प्यास लगी। तब नकुल जल का तलाश करते हुए एक जलाशय के पास पहुँचे किन्तु यक्ष ने पानी पीने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- मेरे प्रश्नों के उत्तर देने के पश्चात् ही पानी पी सकते हैं। पिपासाकुल नकुल एवं अन्य भाई बिना उत्तर दिये पानी पीये और मृत्यु को प्राप्त हुए। युधिष्ठिर ने धैर्यपूर्वक यक्ष के प्रश्न का उत्तर दिया। प्रस्तुतांश में यक्ष के प्रश्न और उत्तर युधिष्ठिर के हैं। सभी प्रश्नोत्तर लोकोपयोगी है।

केनस्विच्छ्रोत्रियो भवति केनस्विद्विन्दते महत्।
केनाद्वितीयवान्भवति राजन् केन च बुद्धिमान् ।।

श्रुतेन श्रोत्रियो भवति तपसा विन्दते महत्।
धृत्या द्वितीयवान्भवति राजन् बुद्धिमान्वृद्धसेवया ।।

किंस्विद् गुरुतरं भूमेः किंस्विदुच्चतरं च खात् ।
किस्विच्छीघ्रतरं वायोः किंस्विद् बहुतरं तृणात् । ।

मातागुरूतराभूमेः खादप्युच्चतरः पिता ।
मनः शीघ्रतरं वाताच्चिन्ता बहुतरी तृणात् ।।

धन्यानामुत्तमं किंस्विद्धनानां स्यात्किमुत्तमम् ।
लाभानामुत्तमं किं स्यात्सुखानां स्यात्किमुत्तमम् ।।

धन्यानामुत्तमं दाक्ष्यं धनानामुत्तमं श्रुतम्।
लाभानामुत्तमं श्रेयः सुखानां तुष्टिरूत्तमा ।।

केनस्विदावृत्तो लोकः केनस्विन्न प्रकाशते ।
केन त्यजति मित्राणि केन स्वर्ग न गच्छति ।।

अज्ञानेनावृत्तो लोकस्तमसा न प्रकाशते ।
लोभात् त्यजति मित्राणि सङ्गात्स्वर्गं न गच्छति ।।

तपः किं लक्षणं प्रोक्तं को दमश्च प्रकीर्तितः ।
क्षमा च का परा प्रोक्ता का च ही परिकीर्तिता ।।

तपः स्वधर्मवर्तित्वं मनसो दमनं दमः ।
क्षमा द्वन्द्वसहिष्णुत्वं द्वीरकार्यनिवर्तनम् ।।

HOME PAGE

How to download online Ayushman Card pdf 2024 : आयुष्मान कार्ड कैसे ऑनलाइन डाउनलोड करें

संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1

Garun Puran Pdf In Hindi गरुण पुराण हिन्दी में

Bhagwat Geeta In Hindi Pdf सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी में

MP LOGO

Leave a Comment