Up board solution for class 12 sanskrit chandrapeed katha part 7
कक्षा 12 संस्कृत चन्द्रपीड कथा
अथ अदर्शनम् ……………………………. शयनम् अभजत् ।
अथ अदर्शनम् उपगते भगवति गभस्तिमालिनि, चन्द्रापीडः गृहकुमुदिन्याः तीरे चन्दनरसैः क्षालितम् कादम्बरीपरिजनोपदिष्टम् शिलापट्टम् अधिशिश्ये । कादम्बरी तु मदलेखया सह तत्र आगत्य, कंचित् कालं स्थित्वा कृतप्रस्तावा ” कथं राजा तारापीडः ? कथं देवी विलासवती ? कथम् आर्यः शुकनासः ? कीदृशी च उज्जयिनी ? कियत्यध्वनि सा? कीदृशं भारतं वर्षम्?” इत्यशेषं पप्रच्छ एवं विविधाभिश्च कथाभिः सुचिरं स्थित्वा उत्थाय कादम्बरी, केयूरकं चन्द्रापीडसमीपशायिनम् आदिश्य, शयनसौधशिखरम् आरुरोह । तत्र च सितदुकूलवितानतलास्तीर्णम् शयनम् अभजत् ।
शब्दार्थ– अदर्शनम् उपगते = छिप जाने पर। गभस्तिमालिनि = किरणमाली सूर्य । गृहकुमुदिन्याः तीरे = घर की बावड़ी के किनारे । परिजनोपदिष्टम् = सेविकाओं द्वारा बताये गये । अधिशिश्ये सो गया । आगत्य = आकर । किचित् कालं = कुछ समय । स्थित्वा = ठहरकर । कृतप्रस्तावा= बातचीत करती हुई । कीदृशी = कैसी । कियत्यध्वनि = कितनी दूर । इत्यशेषम् = इस प्रकार सब । पप्रच्छ = पूछा । विविधाभिश्च = तरह-तरह की । समीपशायिनम् = समीप में सोने वाले । आदिश्य = आदेश देकर | शयनशौधशिखरम् = शयन करने के महल के ऊपरी भाग में । आरुरोह = चढ़ गयी । सितदुकूलवितानतलास्तीर्णम् = श्वेतमण्डप के नीचे बिछी हुई । शयनम् अभजत् = शैया को ग्रहण किया ।
हिन्दी अनुवाद — भगवान सूर्य के अस्त हो जाने पर चन्द्रापीड ने घर की बावड़ी के किनारे चन्दन के रस से धुली तथा कादम्बरी की सेविकाओं से बतायी गयी शिला पर शयन किया । कादम्बरी ने मदलेखा के साथ वहाँ आकर कुछ देर ठहरकर इस प्रकार बातें कीं, “राजा तारापीड कैसे हैं? देवी विलासवती कैसी हैं? आर्य शुकनास कैसे हैं? उज्जयिनी कैसी है? वह कितनी दूर है ? भारतवर्ष कैसा है?” इसके बाद उठकर कादम्बरी ने केयूरक को उसके पास सोने का आदेश दिया और वह स्वयं अपने शयन करने के लिए महल के ऊपरी हिस्से में चली गयी, वहाँ उसने श्वेत मंडप के नीचे बिछी हुई शय्या पर शयन किया ।
व्याकरणात्मक टिप्पणी कियत्ध्वनि कियति + अध्वनि । इत्यशेषम् = इति + अशेषम् । सितदुकूलवितानतलास्तीर्णम् = सितं च यत् दुकूलं तस्य वितानः
॥ प्रश्नोत्तरः॥
प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश किस पुस्तक से उद्धृत है? प्रस्तुत गद्यांश ‘चन्द्रापीडकथा’ (उत्तरार्द्ध भाग) से उद्धृत है ।
प्रश्न 2. चन्द्रापीडः कस्याः तीरे शिलापट्टम् अधिशिष्ये?
उत्तर- चन्द्रापीडः गृहकुमुदिन्याः तीरे शिलापट्टम् अधिशिष्ये ।
प्रश्न 3. “भगवति” में कौन-सी विभक्ति एवं वचन है?
उत्तर- “भगवति” में सप्तमी विभक्ति एवं एकवचन है ।
प्रश्न 4. कादम्बरी कुत्र आरुरोह?
उत्तर- कादम्बरी शयनसौधशिखरम् आरुरोह ।
प्रश्न 5.”शयनसौधशिखरम्” का शाब्दिक अर्थ लिखिए ।
उत्तर- ‘शयनसौधशिखरम्’ का शाब्दिक अर्थ है- शयन करने के लिए राजमहल के ऊपरी भाग पर ।