UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 2 भारतीय संविधान में अधिकार

CLASS 11 POLITICAL SCIENCE 1

UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 2 भारतीय संविधान में अधिकार

मुख्य बिन्दू :

● 1928 में ही ‘मोतीलाल नेहरू के समिति’ ने ‘अधिकारों के एक घोषणापत्र की माँग उठाई थी।

• वर्ष 1976 में संविधान का 42वाँ संशोधन किया गया।

• वर्ष 2000 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया।

• 1978 में जनता पार्टी की सरकार ने 44वें संविधान संशोधन के द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से निकाल दिया और संविधान के अनुच्छेद 300 (क) के अंतर्गत उसे एक सामान्य कानूनी अधिकार बना दिया।

• दक्षिण अफ्रिका का संविधान दिसंबर 1996 मॅलागू हुआ। इसे तब बनाया और लागू किया गया जब रंग भेद वाली सरकार के हटने के बाद दक्षिण अफ्रिका गृहयुद्ध के खतरे से जूझ रहा था।

• अनुच्छेद 16 (4)- “इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण का प्रावधान करने से नहीं रोकेगी ” |

• अनुच्छेद 21 जीवन और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण “किसी व्यक्ति को, उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जायेगा अन्यथा नहीं।

• स्वतंत्रता के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। किसी भी नागरिक को कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना उसके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है।

• प्रत्यक्ष रूप से निवारक नाज़रबंदी सरकार के हाथ में असामाजिक तत्वों और राष्ट्रविद्रोही तत्वों से निपटने का एक हथियार है।

• हमारा संविधान इसका भी प्रावधान करता है कि जिन लोगों पर विभिन्न अपराधों के आरोप हैं उन्हें भी पर्याप्त सुरक्षा मिले।

• संविधान के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी कारखाने, खदान या अन्य किसी खतरनाक काम में नौकरी नहीं दी जा सकती।
अभ्यास प्रश्नोत्तर

अभ्यास प्रश्नोत्तर :

Q1. निम्नलिखित प्रत्येक कथन के बारे में बताएँ कि वह सही है या गलत (क) अधिकार पत्र में किसी देश की जनता को हासिल अधिकारों का वर्णन रहता है।

उत्तर सही

(ख) अधिकार पत्र व्यक्ति की स्वतंत्राता की रक्षा करता है।

उत्तर सही

(ग) विश्व के हर देश में अधिकार पत्र होता है।

उत्तर गलत

Q2. निम्नलिखित में कौन मौलिक अधिकारोंका सबसे सटीक वर्णन है?

(क) किसी व्यक्ति को प्राप्त समस्त अधिकार

(ख) कानून द्वारा नागरिक को प्रदत्त समस्त अधिकार

(ग) संविधान द्वारा प्रदत और सुरक्षित समस्त अधिकार

(घ) संविधान द्वारा प्रदत्त वे अधिकार जिन पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।

उत्तर :

(ग) संविधान द्वारा प्रदत्त और सुरक्षित समस्त अधिकार

Q3. निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे?

(क) राष्ट्रीय एयरलाइन के चालक-परिचालक दल (Cabin – Crew) के ऐसे पुरुषों को जिनका वजन ज्यादा है नौकरी में तरक्की दी गई लेकिन उनकी ऐसी महिला सहकर्मियों को, दंडित किया गया जिनका वजन बढ़ गया था।

उत्तर इसमें महिलाओं के समानता के अधिकार का उल्लघंन है कि प्रत्येक व्यक्ति को नौकरी

में तरक्की दी गई जबकि समान स्तर की महिलों को दण्डित किया गया | (ख) एक निर्देशक एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाता है जिसमें सरकारी नीतियों की आलोचना है। उत्तर इस घटना में मौलिक अधिकार का उपयोग हो रहा है। इसमें निर्देशक के अपने को

व्यक्त करने के अधिकार का उपयोग हो रहा है जो संविधान के 19 वें अनुच्छेद में दिया

गया है। (ग) एक बड़े बाँध के कारण विस्थापित हुए लोग अपने पुनर्वास की माँग करते हुए रैली निकालते हैं।

उत्तर इस घटना में मौलिक अधिकार का उपयोग हो रहा है अनुच्छेद 19 वें में दिए गए अधिकार किसी उद्देश्य के लिए संगठित होने का उपयोग करके विस्थापित लोग संठित होकर रैली निकाल रहें हैं।

(घ) आर्थ- सोसायटी आन्ध्र प्रदेश के बाहर तेलुगु माध्यम के विद्यालय चलाती है।

उत्तर इसमें भी शिक्षा संस्कृति के अधिकार का उपयोग है ( अनुच्छेद 29 व 30 )

Q4. निम्नलिखित में कौन सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की सही व्याख्या है?

(क) शैक्षिक संस्था खोलने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के ही बच्चे उस संस्थान में पढ़ाई कर सकते हैं।

(ख) सरकारी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को

उनकी संस्कृति और धर्म विश्वासों से परिचित कराया जाए।

(ग) भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैंऔर उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।

(घ) भाषाई औरधार्मिक अल्पसंख्यक यह माँग कर सकते हैं उनके बच्चेउनके द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं के अतिरिक्त किसी अन्य संस्थान में नहीं पढ़ेंगे।

उत्तर :

(ग) भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैंऔर उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।

Q5. इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों?

(क) न्यूनतम देय मशदूरी नहीं देना।

(ख) किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना।

(ग)9 बजे रात वेफ बाद लाऊड स्पीकर बजाने पर रोक लगाना। (घ) भाषण तैयार करना।

उत्तर :

(ख) किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना ।

किसी पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगाना मौलिक अधिकार का उल्लघन है | क्योकिं इसमें अनुच्छेद 19 का उल्लघंन है।

Q6. गरीबों के बीच काम कर रहे एक कार्यकर्ता का कहना है कि गरीबों को मौलिक अधिकारों की जरूरत नहीं है। उनके लिए जरूरी यह है कि नीति-निर्देशक सिद्धधांतों को कानूनी तौर पर बाध्यकारी बना दिया जाए। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण बताएँ।

उत्तर हम इस बात से सहमत नहीं है क्योंकि नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार निति निर्देशक तत्वों से अधिक जरूरी है दूसरे निति निर्देशक तत्वों को बाध्यकारी नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि हमारे पास सभी को निति निर्देशक तत्वों म दी गयी सुविधाओं को देने के लिए पर्याप्त श्रोत नहीं है।

Q7. अनेक रिपोर्टों से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाडू देने के काम में लगी थीं उन्हेंअब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार पदों पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाताहै। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

उत्तर इस रिपोर्ट में अनुच्छेद 16 में दिए गये काम के क्षेत्र में समानता के अधिकार का उल्लघंन हो रहा है।

Q8. एक मानवाधिकार समूह ने अपनी याचिका में अदालत का ध्यान देश में मौजूद भूखमरी की स्थिति की तरफ खींचा भारतीय खाय-निगम के गोदामों में 5 करोड़ टन से ज्यादा अनाज भरा हुआ था। शोध से पता चलता है कि अधिकांश राशन कार्डधारी यह नहीं जानते कि उचित मूल्य की दुकानों से कितनी मात्रा में वे अनाज खरीद सकते हैं। मानवाधिकार समूह ने अपनी याचिका में अदालत से निवेदन किया कि वह सरकार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करने का आदेश दे।

(क) इस मामले में कौन-कौन से अधिकारशामिल हैं? ये अधिकार आपस में किस तरह जुड़े हैं?

उत्तर इस मामले में निम्न मौलिक अधिकार शामिल है:

(i) कानून के सामने समानता का अधिकार (अनुच्छेद 94)

(ii) भेदभाव की मनाही (अनुच्छेद 15 )

(ख) क्या ये अधिकार जीवन के अधिकार का एक अंग हैं?

उत्तर: हाँ यह जीवन के अधिकार का एक अंग है।

Q9. नीति निर्देशक तत्वों और मौलिक अधिकारों में संबंध को बताइए ?

उत्तर: नीति-निर्देशक तत्वों और मौलिक अधिकारों में संबंध

मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक तत्वों को एक-दूसरे के पूरक के रूप में देखा जा सकता है। जहाँ मौलिक अधिकार सरकार के कुछ कार्यों पर प्रतिबंध लगाते हैं वहीं नीति-निर्देशक तत्व उसे कुछ कार्यों को करने की प्रेरणा देते हैं। मौलिक अधिकार खासतौर से व्यक्ति के अधिकारों को संरक्षित करते हैं।

परन्तु नीति-निर्देशक तत्व पूरे समाज के हित की बात करते हैं। लेकिन कभी-कभी जब सरकार नीति-निर्देशक तत्वों को लागू करने का प्रयास करती है, तो वे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से टकरा सकते हैं।

यह समस्या तब पैदा हुई जब सरकार ने जमीदारी उन्मूलन कानून बनाने का का फैसला किया।

इसका विरोध इस आधर पर किया गया कि उससे संपत्ति के मौलिक अधिकार का

हनन

होता है। लेकिन यह सोचकर कि सामाजिक आवश्यकताएँ वैयक्तिक हित से ऊपर हैं, सरकार

ने नीति-निर्देशक तत्त्वों को लागू करने के लिए संविधान का संशोधन किया।

Q10. आपके अनुसार कौन-सा मौलिक अधिकार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है? इसके प्रावधनों को संक्षेप में लिखें और तर्क देकर बताएँ कि यह क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर भारतीय संविधान में दिया गया अंतिम अधिकार सवैधानिक उपचारों का अधिकार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योकिं यह अधिकार है कि अगर संविधान में किये गए अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लघंन हो तो यह अधिकार नागरिकों को न्यायालय में जाने का अधिकार देता है । डा. बी. आर. अम्बेडकर ने भी इस अधिकार को संविधान का हृदय व आत्मा कहा है।

अतिरिक्त प्रशनोत्तर :

Q1. नीति निर्देशक तत्वों और मौलिक अधिकारों में संबंध को बताइए ?

उत्तर: नीति-निर्देशक तत्वों और मौलिक अधिकारों में संबंध

मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक तत्वों को एक-दूसरे के पूरक के रूप में देखा जा सकता है। जहाँ मौलिक अधिकार सरकार के कुछ कार्यों पर प्रतिबंध लगाते हैं वहीं नीति-निर्देशक तत्व उसे कुछ कार्यों को करने की प्रेरणा देते हैं। मौलिक अधिकार खासतौर से व्यक्ति के अधिकारों को संरक्षित करते हैं।

परन्तु नीति-निर्देशक तत्व पूरे समाज के हित की बात करते हैं। लेकिन कभी-कभी जब सरकार नीति निर्देशक तत्वों को लागू करने का प्रयास करती है, तो वे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से टकरा सकते हैं।

यह समस्या तब पैदा हुई जब सरकार ने जमीदारी उन्मूलन कानून बनाने का का फैसला किया।

इसका विरोध इस आधर पर किया गया कि उससे संपत्ति के मौलिक अधिकार का हनन होता है। लेकिन यह सोचकर कि सामाजिक आवश्यकताएँ वैयक्तिक हित से ऊपर हैं, सरकार ने नीति निर्देशक तत्त्वों को लागू करने के लिए संविधान का संशोधन किया।

Q2. भारतीय संविधान में निहित ऐसे अधिकार का वर्णन नही किया जा सकता है जिनके लिए न्यायालय में दावा नहीं किया जा सकता है ?

उत्तरःभारतीय संविधान में निहित ऐसे अधिकार है जिनके लिए न्यायालय में दावा नहीं किया जा सकता है जो निम्न प्रकार से है :

(i) पर्याप्त जीवन यापन

(ii) महिलाओं और पुरुषों को समान काम की समान मज़दूरी

(iii) आर्थिक शोषण के विरुद्ध अधिकार

(iv) कामं का अधिकार

(v) बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार

Q 3. भारतीय संविधान में लिखित लोगों के उद्देश्य और उनकी नीतिया क्या है ?

उत्तर भारतीय संविधान में लिखित लोगों के उद्देश्य और उनकी नीतिया

उद्देश्य

(i) लोगों का कल्याण सामाजिक, आर्थिक एवं राजनितिक न्याय

(ii) जीवन स्तर ऊँचा उठाना: संसाधनों का समान वितरण (iii) अंतर्राष्टीय शान्ति को बढ़ावा

नीतियाँ

(i) समान नागरिक संहिता

(ii) मद्यपान निषेध

(iii) घरेलू उदधोंगो को बढ़ावा

(iv) उपयोगी पशुओं को मारने पर रोक

(v) ग्राम पंचायत को प्रोत्साहन

Q4. भारतीय संविधान में लिखित राज्य के तीन नीति निर्देशक तत्व क्या हैं ?

उत्तर : राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों की सूची में तीन प्रमुख बातें हैं –

(i) वे लक्ष्य और उद्देश्य जो एक समाज के रूप में हमें स्वीकार करने चाहिए ।

(ii) वे अधिकार जो नागरिकों को मौलिक अधिकारों के अलावा मिलने चाहिए, और

(iii) वे नीतियाँ जिन्हें सरकार को स्वीकार करना चाहिए।

Q5. भारतीय संविधान में नागरिकों को कौन से अधिकार दिये गए हैं ?

उत्तर भारतीय संविधान में नागरिकों को निम्न अधिकार दिये गए हैं:

(1) समता का अधिकार

( 2 ) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

(3) शोषण के विरुद्ध अधिकार

(4) अल्पसंख्यक समूहों के लोगों के सास्कृतिक और शैक्षिक अधिकार

(5) संवैधानिक उपचारों का अधिकार

Q6. भारतीय संविधान में समता के अधिकार में नागरिकों को कौन से अधिकार दिए गए है ? उत्तर भारतीय संविधान में समता के अधिकार में नागरिकों को निम्न अधिकार दिए गए है:

(i) कानून के समक्ष समानता

(ii) कानून के समान संरक्षण

(iii) धर्म, जाती, लिंग, या जन्म स्थान के आधार पर भेद भाव का निषेध

(iv) रोजगार में अवसर की समानता

(v) पदवियों का अंत

(vi) छुआछुत की समाप्ति

Q7. भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में नागरिकों को कौन से अधिकार दिए गए है ?

उत्तर भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में नागरिकों को निम्न अधिकार दिए गए है :

(i) आस्था और प्रार्थना की आजादी

(ii) धार्मिक मामलों के प्रबंधन और खास तरह की संस्थाओं में धार्मिक निर्देश देने की स्वतंत्रता

Q8. भारतीय संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार में नागरिकों को कौन से अधिकार दिए गए है ?
उत्तर भारतीय संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार में नागरिकों को निम्न अधिकार दिए गए है

(i) बंधुआ मजदूरी पर रोक

(ii) जोखिम वाले कामों में बच्चों से मजदूरी कराने पर रोक

Q9. भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को कौन से अधिकार दिए गए है ?

उत्तर भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को निम्न अधिकार दिए गए है:

(i) अल्पसंख्यकों की भाषा और संस्कृति के संरक्षण का अधिकार

(ii) अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थाएँ स्थापित करने का अधिकार

Q 10. भारतीय संविधान में कौन से संवैधानिक उपचारों का अधिकार दिए गए है ?

उत्तर भारतीय संविधान नागरिकों को मौलिक अधिकारों को लागू करवाने के लिए न्यायालय में जाने का अधिकार दिया गया है।

Q 11. स्वतंत्रता के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार महत्वपूर्ण क्यों है?

उत्तर स्वतंत्रता के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। किसी भी नागरिक को कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना उसके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता हैं।

इसका अर्थ यह है कि किसी भी व्यक्ति को बिना कारण बताये गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं। गिरफ्तार किये जाने पर उस व्यक्ति को अपने पसंदीदा वकील के माध्यम से अपना बचाव करने का अधिकार है। इसके अलावा, पुलिस के लिए यह आवश्यक है कि वह अभियुक्त को 24 घंटेके अंदर निकटतम मैजिस्ट्रेट के सामने पेश करे। मैजिस्ट्रेट ही इस बात का निर्णय करेगा कि गिरफ्तारी उचित है या नहीं।

Q12. निवारक नज़रबंदी क्या हैं ?
या

सामान्यतः किसी व्यक्ति को अपराध करने पर गिरफ्तार किया जाता है। पर इसके अपवाद भी हैं। समझाईए कैसे ?

उत्तर सामान्यतः किसी व्यक्ति को अपराध करने पर गिरफ्तार किया जाता है। पर इसके अपवाद भी हैं। कभी-कभी किसी व्यक्ति को इस आशंका पर भी गिरफ्तार किया जा सकता है कि वह कोई गैर कानूनी कार्य करने वाला है और फिर उसे वर्णित प्रक्रिया का पालन किये बिना ही कुछ समय के लिए जेल भेजा जा सकता है। इसे ही निवारक नशरबंदी कहते हैं। इसका अर्थ यह है कि यदि सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति देश की कानून-व्यवस्था या शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, तो वह उसे बंदी बना सकती है। लेकिन निवारक नजरबंदी अधिकतम 3 महीने के लिए ही हो सकती है। तीन महीने के बाद ऐसे मामले समीक्षा के लिए एक सलाहकार बोर्ड के समक्ष लाए जाते हैं।

Q13. न्यायालय में निष्पक्ष मुकदमे के लिए संविधान किन तीन अधिकारों की व्यवस्था करता है?

उत्तर न्यायालय में निष्पक्ष मुकदमे के लिए संविधान निम्न तीन अधिकारों की व्यवस्था करता है:

(i) किसी भी व्यक्ति एक ही अपराध के लिए एक बार से ज़्यादा सजा नही मिलेगी ।

(ii) कोई भी कानून किसी भी ऐसे कार्य को जो उक्त कानून को लागू होने से पहले किया गया हो। अपराध घोषित नहीं कर सकता है।

(iii) किसी भी व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए नहीं कहा जा सकेगा।

Q14. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ की संज्ञा क्यों दी।

उत्तर: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार वह साधन है जिसके द्वारा ऐसा किया जा सकता है कि इसके अंतर्गत हर नागरिक को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में सीधे उच्चन्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय या उच्चन्यायालय मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सरकार को आदेश और निर्देश दे सकते हैं। इसलिए डॉ. अंबेडकर ने इस अधिकार को संविधान का हृदय और आत्मा की संज्ञा दी।

Q15. प्रदेश या रिट किसे कहते हैं तथा यह कितने प्रकार के होतें हैं ? उनका वर्णन कीजिए ?

उत्तर— न्यायालय कई प्रकार के विशेष आदेश जारी करते हैं जिन्हें प्रादेश या रिट कहते हैं। यह निम्न प्रकार के हैं :

(i) बंदी प्रत्यक्षीकरण बंदी प्रत्यक्षीकरण के द्वारा न्यायालय किसी गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने का आदेश देता है। यदि गिरफ्तारी का तरीका या कारण गैरकानूनी या असंतोषजनक हो, तो न्यायालय गिरफ्तार व्यक्ति को छोड़ने का आदेश दे सकता है।

(ii) परमादेश यह आदेश तब जरी किया जाता है जब न्यायालय को लगता है कि कोई सार्वजनिक पदाधिकारी अपने कानूनी और संवैधानिकदायित्वों का पालन नहीं कर रहा है और इससे किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है।

(iii) निषेध् आदेश – जब कोई निचली अदालत अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करके किसी मुकदमे की सुनवाई करती है तो ऊपर की अदालतें (उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय) उसे ऐसा करने से रोकने के लिए ‘निषेध आदेश’ जरी करती है।

(iv) अधिकार पृच्छा जब न्यायालय को लगता है कि कोई व्यक्ति ऐसे पद पर नियुक्त हो गया है जिस पर उसका कोई कानूनी हक नहीं है तब न्यायालय ‘अधिकार पृच्छा आदेश के द्वारा उसे उस पद पर कार्य करने से रोक देता है।

(v) उत्प्रेषण रिट जब कोई निचली अदालत या सरकारी अधिकारी बिना अधिकार के कोई कार्य करता है, तो न्यायालय उसके समक्ष विचाराधिन मामले को उससे लेकर उत्प्रेषण द्वारा उसे ऊपर की अदालत या अधिकारी को हस्तांतरित कर देता है।

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