UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 1 संविधान क्यों और कैसे

CLASS 11 POLITICAL SCIENCE 1

UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 1 संविधान क्यों और कैसे

Q1. इनमें कौन-सा संविधान का कार्य नहीं है?

(क) यह नागरिकों को अधिकार की गारंटी देता है।

(ख) यह शासन की विभिन्न शाखाओं की शक्तियों को अलग-अलग क्षेत्र का रेखांकन करता है।

(ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आयें।

(घ) यह कुछ साझे मूल्यों की अभिव्यक्ति करता है।

उत्तर : (ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आयें।

Q2. निम्नलिखित में कौन-सा कथन इस बात की एक बेहतर दलील है कि संविधान की प्रमाणिकता संसद से ज्यादा है

(क) संसद को अस्तित्व में आने से कहीं पहले संविधान बनाया जा चुका था। है?

(ख) संविधान के निर्माता संसद के सदस्यों से कहीं ज्यादा बड़े नेता थे।

(ग) संविधान ही यह बताता है कि संसद कैसे कौन-कौन-सी शक्तियाँ प्राप्त होंगी। बनायी जाए और इसे कौन कौन सी शक्तिया प्राप्त होगी |

(घ) संसद, संविधान का संशोधन नहीं कर सकती।

उत्तर : (ग) संविधान ही यह बताता है कि संसद कैसे कौन-कौन-सी शक्तियाँ प्राप्त होंगी। बनायी जाए और इसे

Q3. बतायें कि संविधान के बारे में निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत? (क) सरकार के गठन और उसकी शक्तियों के बारे में संविधान एक लिखित दस्तावेज है।

उत्तर सही

(ख) संविधान सिर्फ लोकतांत्रिक देशों में होता है और उसकी जरूरत ऐसे ही देशों में होती है।

उत्तर : गलत

(ग) संविधान एक क़ानूनी दस्तावेज है और आदर्शों तथा मूल्यों से इसका कोई सरोकार नहीं।

उत्तर गलत

(घ) संविधान एक नागरिक को नई पहचान देता है।

उत्तर सही

Q4. बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही हैं या नहीं? अपने उत्तर का कारण बतायें।

(क) संविधान सभा में भारतीय जनता की नुमाइंदगी नहीं हुई। इसका निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा नहीं हुआ था।

उत्तरः क्योंकि जिस चुनाव के आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया था वह सीमित मताधिकार पर था न की व्यस्क मताधिकार पर । हालाँकि इस संविधान सभा को मनोनयना की प्रक्रिया के दूद्वारा अधिक से अधिक प्रतिनिधात्मक बनाने का प्रयास किया गया था

(ख) संविधान बनाने की प्रक्रिया में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया क्योंकि उस समय नेताओं के बीच संविधन की बुनियादी रूपरेखा के बारे में आम सहमति थी।

उत्तर संविधान सभा में अनेक बड़े फैसले लिए गए व संविधान सभा के सदस्यों में बुनियादी रूप रेखा के सम्बन्ध में आमं सहमती भी नहीं थी | विचार विमर्श व वाद विवाद के आधार कपर उत्पन्न आम सहमती के आधार पर अनेक ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर निणर्य किये गए जिन पर सदस्यों में मतभेद था ।

(ग) संविधान में कोई मौलिकता नहीं है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों से लिया गया है।

उत्तर संविधान का अधिकाश भाग विभिन्न देशों से लिया गया है लेकिन यह कहना गलत होगा की इस संविधान में मौलिकता नहीं है । क्योकि भारतीय संविधान के अनेक देशी स्रोत है जैसे भारत सरकार का अधिनियम 1935 व नेहरु के रिपोर्ट 1928 तथा अन्य विकास वादी स्रोत |

Q5. भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें।

(क) संविधान का निर्माण विश्वसनीय नेताओं द्वारा हुआ। उनके लिए जनता के मन में आदर था।

उत्तर : इस बारे में दो महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नामों के उदाहरण दिए जा सकते है

(अ ) डा. राजेन्द्र प्रसाद

(ब ) डा. बी.आर. अम्बेडकर

(ख) संविधान ने शक्तियों का बँटवारा इस तरह किया कि इसमें उलट-फेर मुश्किल है।

उत्तर : संविधान में शक्तियों का बँटवारा इस तरह किया कि इसमें उलट-फेर

मुश्किल है यह निम्न प्रकार के है

(अ) समवर्ती सूची 47 विषय –

(ब) केन्द्रीय सूची 97 विषय

(स) प्रांतीय सूची 66 विषय

(ग) संविधान जनता की आशा और आकांक्षाओं का केंद्र है।

उत्तरः संविधान जनता की आशा और आकांक्षाओं का केंद्र है यह निम्न कारणों से है

(अ ) राज्य के नीति निर्देशक सिधांत

(ब) मौलिक अधिकार

Q6. किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और जिम्मेदारियों का साफ निर्धारण क्यों जरूरी है? इस तरह का निर्धारण न हो तो क्या होगा? साफ साफ निर्धारण क्यों जरूरी है?

उत्तर : किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और जिम्मेदारियों का साफ साफ निर्धारण इसलिय जरूरी है क्योकि संविधान के द्वारा सरकार के सभी अंगों व प्रशासन की सभी संस्थाओं में शक्तियों व जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से अलग अलग निर्धारण किया जा सकता है ताकि सभी चुने हुए प्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों में रह कर कार्य करे तथा अपने जिम्मेदारियों का पालन करें तथा इस तरह का निर्धारण न हो तो राज्य में अनिश्चतता बढ़ जाएगी व किसी को जिम्मेवार नहीं ठहराया जाएगा |

Q7. शासकों की सीमा का निर्धारण करना संविधान के लिए क्यों जरूरी है? क्या कोई ऐसा भी संविधान हो सकता है जो नागरिकों को कोई अधिकार न दे।

उत्तर : शासकों की सीमा का निर्धारण करना संविधान के लिए इसलिए जरूरी है ताकि

(अ ) लोगों की स्वतंत्रता खतरे में न पड़े और वे अपना विकास कर सके ।

( ब ) शासकों की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए ताकि लोगो पर मनमानी तरीके से शासन न कर सके ।

(स) सरकार की शक्तियों को निश्चित करने के लिए । आज के दौर में कोई ऐसा संविधान नहीं होगा जिसने अपने नागरिकों को अधिकार न दिये हो ।

Q8. जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्व युद्ध ( में पराजित होने के ब जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान न होना असंभव था, जोअमेरिकी सेना को पसंद न हो। क्या आपको लगता है कि संविधान को इस तरह बनाने मेंकोई कठिनाई है? भारत में संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है?

उत्तर : जब जापान का बन रहा था उस समय जापान अमेरिकी सेना के नियंत्रण में था । भारतीय संविधान के बनाने की प्रक्रिया व जापान के संविधान बनाने की प्रक्रिया में सबसे बड़ा अंतर यह है कि भारतीय संविधान एक संविधान सभा के द्वारा लिखा गया जिसको जनता ने अप्रत्यक्ष रूप से चुना था । जापान का संविधान अमेरिकी सेना की निगरानी में लिखा गया

Q9. रजत ने अपने शिक्षक से पूछा ‘संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेश है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझ से राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेश की बातों का पालन क्यों करूँ?’ अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते?

उत्तर : एक शिक्षक के रूप में रजत को इस प्रकार से समझाया जा सकता है कि भारतीय संविधान 65 वर्ष पुराना है लेकिन यह पुराना नहीं है क्योंकि इसकी मूल बातें आज भी प्रयोग में लाई जाती इसके अलावा हम परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार इसमें संशोधन कर सकते है । संविधान की भाषा कठिन अवश्य है। परन्तु इतनी भी कठिन नहीं की इसका मूल भाव व उद्देश्य आम आदमी तक न पहुँचाया जा सके ।

Q10. संविधान के क्रिया-कलाप से जुड़े अनुभवों को लेकर एक चर्चा में तीन वक्ताओं ने तीन अलग-अलग पक्ष लिए

(क) हरबंस – भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।

उत्तर हम हरबंस के बातों से सहमत है क्योकि संविधान ने चुनावी लोकतंत्र के माध्यम से किसी पक्ष के शासन से भारत में लोकतान्त्रिक ढांचा बनाने में सफलता प्राप्त की है ।

ख – संविधान में स्वतंत्राता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत संविधान में स्वतंत्राता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।

उत्तर : हम नेहा के बातों से सहमत है क्योकि संविधान में समानता स्वतंत्रता व भाईचारा बढ़ाने का वायदा भी किया है व इसे काफी हद तक प्राप्त भी किया है

(ग) नाजिमा- संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया। क्या आप इनमें से किसी पक्ष से सहमत हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आप अपना पक्ष बतायें।

उत्तर : हम नेहा के बातों से सहमत हैं क्योकि संविधान कहीं पर असफल हुआ तो वह हमारे कारण असफल हुआ है संविधान में संविधान के बनाने वालों ने ऐसी संस्थाएं व व्यावस्थाएं दी है जिनमे हमारे समाज की सभी समस्याओं का हल है ।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तरः

Q1. भारतीय संविधान में किन देशों के प्रावधान को शामिल किया गया है उनका वर्णन कीजिए ?

उत्तर भारतीय संविधान में निम्न देशों से प्रावधान को शामिल किया गया है

(1) ब्रिटिश संविधान से

(i) सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला

(ii) सरकार का संसदीय स्वरूप

(iii) कानून के शासन का विचार

(iv) विधायिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका

(v) कानून निर्माण की विधि

(2) अमेरिका का संविधान से

(i) मौलिक अधिकारों की सूची

(ii) न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतन्त्रता

(3) आयरलैंड का संविधान

(i) राज्य के नितिनिदेर्शक तत्व

(4) फ्रांस का संविधान

(i) स्वतंत्रता समानता और बन्धुत्त्व का सिधांत

(5) कनाडा का संविधान

(i) एक अर्द्ध संघात्मक सरकार का स्वरूप

(ii) अवशिष्ट शक्तियों का सिधांत

Q2. भारतीय संविधान के कार्यों का वर्णन कीजिए ?

उत्तर भारतीय संविधान के कार्य निम्न प्रकार हैं

(i) संविधान का पहला काम यह है कि वह बुनियादी नियमों का एक ऐसा समूह

उपलब्ध कराये जिससे समाज के सदस्यों में एक न्यूनतम समन्वय और विश्वास बना रहे।

(ii) संविधान का दूसरा काम यह स्पष्ट करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किस के पास होगी। संविधान यह भी तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित होगी।

(iii) संविधान का तीसरा काम यह है कि वह सरकार द्वारा अपने नागरिकों पर लागू किये जानेवाले कानूनों की कोई सीमा तय करे। ये सीमाएँ इस रूप में मौलिक होती हैं कि सरकार कभी उनका उल्लंघन नहीं कर सकती।

(iv) संविधान का चौथा काम यह है कि वह सरकार को ऐसी क्षमता प्रदान करे जिससे वह जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए उचित परिस्थितियों का निर्माण कर सके ।
Q3. हमें संविधान की आवश्यकता क्यों हैं ?

उत्तर हमें संविधान की आवश्यकता निम्न कारणों से हैं
(i) निर्णय लेने के शक्ति की विशिष्टताओं के लिए

उत्तर हमें संविधान की आवश्यकता निम्न कारणों से हैं

(ii) सरकार की शक्तियों पर सिमाएँ लगाने के लिए

(iii) समाज की आकांक्षाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए

(iv) राष्ट्र की बुनियादी पहचान के लिए

Q4. भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ ?

उत्तर भारतीय संविधान पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और फिर 14 अगस्त, 1947को विभाजित भारत के संविधान सभा के रूप में इसकी पुनः बैठक हुई। 1935 में स्थापित प्रांतीयविधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से संविधान सभा के सदस्यों का चुनावहुआ। संविधन सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडलकी एक समिति केबिनेट मिशन’ ने – प्रस्तावित किया था तथा संविधान को बनाने मेंलग्भाग 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का समय लगा और 26 नवम्बर 1949 को पूरा किया गया |

Q5. संविधान की सर्वोच्चता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर संविधान की सर्वोच्चता से अभिप्राय यह है कि कोई संस्था या सरकार का कोई भी अंग जैसे विधानपालिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका संविधान से ऊपर
नहीं हैं। ये सभी अपनी सहक्तियो व क्षेत्राधिकार के लिए संविधान पर निर्भर करती हैं।

Q6. लचीला व कठोर संविधान से आप क्या समझते है ?

उत्तर : लचीला संविधान से अभिप्राय यह है कि जिस संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन किया जा सकता है उसे लचीला संविधान कहते है |

तथा कठोर संविधान से अभिप्राय यह है कि जिस संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन नहीं किया जा सकता है उसे कठोर संविधान कहते है । भारत में लचीला व कठोर दोनों प्रकार का संविधान है |

Q7. भारतीय संविधान को लिखने में कितना समय लगा ?

उत्तर : 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का समय लगा

Q8. संविधान सभा में कितनें सद्स्यें थे ?

उत्तर : 389 सदस्ये

Q9. भारतीय संविधान कब पूरा हुआ ?

उत्तर : 26 नवम्बर 1949 को |

Q10. भारतीय संविधान कब लागू किया गया ?

उत्तर 26 जनवरी 1950 को |

Q11. संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति केबिनेटमिशन ने प्रस्तावित किया था। इस योजना के मुख्य प्रस्तावों को बताईये ?

उत्तर : इस योजना के मुख्य प्रस्ताव निम्न प्रकार है :

(i) प्रत्येक प्रांत, देशी रियासत या रियासतों के समूह को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें दी गई। मोटे तौर पर दस लाख की जनसंख्या पर एक सीट का अनुपात रखागया। परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतों को 292 सदस्य चुनने थे तथा देशी रियासतों को न्यूनतम 93 सीटें आवंटित की गई।

(ii) प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों मुसलमान, सिख और – सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाँट दिया गया।

(iii) प्रांतीय विधान सभाओं में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने अपने प्रतिनिधियों को चुना और इसके लिए उन्होंने समानुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल संक्रमण मत पद्धति का प्रयोग किया।

(iv) देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से तय किया गया। अध्याय के पिछले भाग में उन तीन कारकों पर प्रकाश डाला गया जो संविधान को प्रभावी और सम्मान के योग्य बनाते हैं।

Q12. भारतीय संविधान का स्वरूप किस प्रकार का है ?

उत्तर भारतीय संविधान का स्वरुप निम्न प्रकार से है :

(1) संविधान सभा का गठन साम्प्रदायिक आधार पर किया गया मुस्लिम को चुना तथा सिख ने सिख को चुना। अन्य सम्प्रदाय व सामान्य वर्ग भी मुस्लिम ने शामिल थे। संविधान सभा के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को अपनाया। संविधान सभा में कांग्रेस की प्रमुखता थी तथा विरोधी दल के सदस्यों की संख्या नाममात्र थी।

(2)9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अधिवेशन आरम्भ हुआ, डा. सचिदानन्द सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। डा. राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना तथा प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डा. भीमराव अम्बेडकर निर्वाचित हुए।

( 3 )13 दिसम्बर 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया। स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना भी इन्ही उद्देश्यों पर आधरित है। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था।

(4) इस संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग तथा 8 सूचियां थी। 26 नवम्बर 1949 को यह संविधान स्वीकार किया गया। इसको बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे। विभिन्न मुद्दों के लिए उनकी 8 कमेटियाँ बनी थी।

( 5 ) संविधान सभा ने भारत के लिए संसदीय शासन व्यवस्था और संघात्मक व्यवस्था को स्वीकार किया 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।

Q13. भारतीय संविधान के स्रोत वर्णन कीजिए ?

उत्तर : 1935 का भारत सरकार का अधिनियम :

अन्य देशों की संवैधानिक प्रणाली, 1928 की नेहरू रिपोर्ट जिसमें संघ सरकार की स्थापना की जाएँ, केंद्र शक्तिशाली हो इत्यादि।

A. ब्रिटिश संविधान :

  1. सरकार का संसदीय रूप, सर्वाधिक मत के अधार पर चुनाव में जीत का निर्णय।
  2. कानून के शासन का विचार ।
  3. विधायिका में अध्यक्ष का पद औरर उसकी भूमिका ।
  4. कानून निर्माण की विधि।

B. अमेरिका का संविधान

  1. मौलिक अधिकारों की सूची
  2. न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता

C. आयरलैंड का संविधान

  1. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत

D. फ्रांस का संविधान

  1. स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत

E. कनाडा का संविधान

  1. एक अर्द्ध-संघात्मक सरकार का स्वरुप (सशक्त केन्द्रीय सरकार वाली संघात्मक व्यवस्था) |
  2. अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत |

मुख्य बिन्दू :

संविधान जिसके माध्यम से किसी देश का सुचारू रूप से चलाया जाता है।

अर्थात् ऐसी लिखित पुस्तक जो शासन चलाने में सहायक हों | संविधान, सरकार, समूह, न्यायालय व अन्य संगठनों के बीच सामंजस्य, विश्वास व तालमेल बिठता है।

• सैद्धांतिक रूप से निर्णय का माध्यम, शक्तियों पर प्रतिबंधव आकांक्षाओं तथा लक्ष्यों को पूरा करना इसका उद्देश्य है। और ये अराजकता को रोकता है। • संविधान ‘राष्ट्र’ व ‘शासन प्रणाली’ का आईना है, जैसे ‘प्रस्तावना’ संविधान का दर्पण है।

• संविधान सभा का गठनः- कैबिनट मिशन योजनानुसार – सभा में 389 सदस्य थे। 292 सदस्य ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतो से, 4 सदस्य चीफ कमिश्नर के प्रांत से, 93 देशी रियासतों के थे।

• ब्रिटिश प्रांत के प्रत्येक प्रांत को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा मं स्थान दिए जाएँगे (10 लाख लोगों पर एक स्थान) प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों मुसलमान, सिख, सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाटा गया। • देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से त किया गया। जुलाई 1946 को संविधान सभा के चुनाव कराए गए जिनमें मुसलमानों को 73 स्थान, कांग्रेस को 199 स्थान निर्दलीय 11 तथा सिखों के 21 प्रतिनिधि निर्वाचित हुए।

•• 3 जून 1947 को मॉउटबॅटन योजनानुसार भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान के प्रतिनिधि संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे। संविधान सभा के वास्तविक सदस्यों की संख्या 299 रह गई।

• संविधान का स्वरूपः संविधान सभा का गठन साम्प्रदायिक आधार पर किया गया मुस्लिम ने –

• मुस्लिम को चुना तथा सिख ने सिख को चुना। अन्य सम्प्रदाय व सामान्य वर्ग भी शामिल थे। संविधान सभा के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को अपनाया। संविधान सभा में कांग्रेस की प्रमुखता थी तथा विरोधी दल के सदस्यों की संख्या नाममात्र थी।

• 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अधिवेशन आरम्भ हुआ, डा. सचिदानन्द सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। डा. राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना तथा प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डा. भीमराव अम्बेडकर निर्वाचित हुए।

13 दिसम्बर 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया। स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना भी इन्ही उद्देश्यों पर आधरित है। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था।

• इस संविधान में 395 अनुच्छेद 22 भाग तथा 8 सूचियां थी। 26 नवम्बर 1949 को यह संविधान स्वीकार किया गया। इसको बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे। विभिन्न मुद्दों के लिए उनकी 8 कमेटियाँ बनी थी।
संविधान सभा ने भारत के लिए संसदीय शासन व्यवस्था और संघात्मक व्यवस्था को स्वीकार किया 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।

संविधान के स्रोतः

1935 का भारत सरकार का अधिनियम अन्य देशों की संवैधानिक प्रणाली, 1928 की नेहरू रिपोर्ट जिसमें संघ सरकार की स्थापना की जाएँ, केंद्र शक्तिशाली हो इत्यादि।

A. ब्रिटिश संविधान :

• सरकार का संसदीय रूप, सर्वाधिक मत के अधार पर चुनाव में जीत का निर्णय।

• कानून के शासन का विचार ।

• विधायिका में अध्यक्ष का पद औरर उसकी भूमिका

• कानून निर्माण की विधि।

B. अमेरिका का संविधान

मौलिक अधिकारों की सूची

• न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता

C. आयरलैंड का संविधान

• राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत

D. फ्रांस का संविधान

स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत

E. कनाडा का संविधान

• एक अर्द्ध-संघात्मक सरकार का स्वरुप (सशक्त केन्द्रीय सरकार वाली संघात्मक व्यवस्था) |

• अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत |

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