UP Board Class 8 Hindi Sanskrit Sandhi विसर्ग सन्धि
विसर्ग सन्धि
परिभाषा :-
जब पहले शब्द के अन्त मं विसर्ग हो और बाद में आने वाले शब्द की प्रथम ध्वनि स्वर या व्यजन हो तो ऐसी स्थिति में जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं, जैसे-
निः + मलः =निर +मलः = निर्मलः
निः + आहार = निर् + आहारः = निराहारः
हरिः + चन्द्रः = हरिस् + चन्द्रः = हरिश्चन्द्रः
निः +सन्देहः = निर् + सन्देहः = निस्सन्देहः
ऊपर लिखे हुए उदाहरणों से यह ज्ञात होता है कि
(क) यदि विसर्ग के पहले इ हो और बाद मंडे वर्ग का पाँचवाँ वर्ण हो तो विसर्ग के स्थान परर हो जाता है।
(ख) यदि विसर्ग के पूर्व इ हो और विसर्ग के बाद आ आया हो तो विसर्ग के स्थान पर र् हो जाता है।
(ग) यदि विसर्ग के पहले इ हो और बाद में च् अथवा तालु स्थानीय कोई वर्ण आया हो तो विसर्ग के स्थान पर श् हो जाता है।
(घ) यदि विसर्ग के पहले इ हो और बाद में क् अथवा प वर्ग का कोई वर्ण हो तो विसर्ग के स्थान पर ष् हो जाता है।