Tad ke roop napunsak ling तद के रूप नपुंसक लिंग

Tad ke roop napunsak ling तद के रूप नपुंसक लिंग

Tad ke roop napunsak ling तद के रूप नपुंसक लिंग

संस्कृत व्याकरण में सर्वनाम शब्द प्रमुख रूप से इदम्, अस्मद्, युष्मद्, तद, एतद्, यद्, उभय, तद्, आदि है । तद का अर्थ ‘वह’ होता है जो जिसका प्रयोग वाक्य वनाते समय करते है आइये तद शब्द रूप (नपुंसक लिंग) रूप जानते है।

तद (तत्) शब्द रूप नपुंसक लिंग– Tad Shabd Roop napunsak ling

विभक्ति एकवचनद्विवचन बहुवचन 
प्रथमातत्ते तानि
द्वितीया तत्ते तानि
तृतीयातेन      ताभ्याम् तैः   
चतुर्थीतस्मै ताभ्याम् तेभ्यः   
पञ्चमीतस्मात्ताभ्याम्तेभ्यः
षष्ठीतस्य :तयोः तेषाम
सप्तमीतस्मिन्तयोः तेषु 

Tad ke roop napunsak ling

नोट :- सर्वनाम शब्दों में सम्बोधन नहीं होता । तथा सर्वनाम शब्दों के रूप केवल सात विभक्तियों में ही चलते है ।तथा नपुंसक लिंग के शब्दों में प्रथमा व द्वितीया विभक्ति के रूप एक समान चलते है । तथा तृतीया से सप्तमी तक सभी रूप पुल्लिंग की तरह चलते है ।

प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। सर्वनाम शब्दों में नपुंसक लिंग शब्द तद नपुंसक लिंग के रूप (Tad Shabd Roop napunsak ling) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों तद पुल्लिंग शब्द के रूप (Tad Shabd Roop napunsak ling) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!

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