Ncert Solution For Class 11 Hindi Chapter 4 Sumitranandan Pant ‘वे आँखें’

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Ncert Solution For Class 11 Hindi Chapter 4 Sumitranandan Pant वे आँखें

पाठ्य पुस्तक के सभी प्रश्नों के उत्तर

1 . 1 अंधकार की गुहा सरीखी

उन आँखों से डरता है मन ।।

आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है?

उत्तर:- आमतौर पर हमें अंधकार, आर्थिक हानि, अपमान, हत्याकांड, प्रियजन की मृत्यु आदि बातों से डर लगता है ।।

1 . 2 अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन ।।

उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?

उत्तर:- ‘उन आँखों’ से किसान की आँखों की ओर संकेत किया गया है ।।

1 . 3 अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन ।।

कवि को उन आँखों से डर क्यों लगता है?

उत्तर:- कवि को उन आँखों से इसलिए डर लगता है क्योंकि उनमें असीम वेदना भरी हुई है ।।

1 . 4 अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन ।।

डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है?

उत्तर:- कवि ने इन पंक्तियों में किसान की किसान की यथार्थ स्थिति का परिचय दिया है ।। डरते हुए भी कवि ने उस किसान की • आँखों की पीड़ा का वर्णन समाज को किसान की स्थिति से अवगत करवाने के लिए किया है ताकि लोग किसान के प्रति सहानुभूति रखें और अत्याचारी महाजनों और थानेदारों का पर्दाफाश हो सके ।।

1 . 5 अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन ।।

यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता क्या तब भी वह कविता लिखता?

उत्तर:- यदि कवि को किसान की आँखों को देखकर भय न लगता, तो शायद उसे उसकी पीड़ा का बोध न होता और कविता न लिखी जाती क्योंकि कविता लिखने के लिए मन में भावों का होना आवश्यक है ।।

2 . कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें ज़िम्मेदार बताया गया है?

उत्तर:- कविता में किसान की पीड़ा के लिए ज़मींदार, महाजन व कोतवाल को ज़िम्मेदार बताया है ।। महाजन ने अपना ब्याज और – ऋण वसूलने के लिए किसान के खेत, गाय-बैल और घर-बार बिकवा दिया ।। उसके कारकुनों ने विरोध करने के कारण उसके जवान बेटे को मरवा दिया ।। दवाई के अभाव में उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई और इसी कारण उसकी दूध मुँही बच्ची की भी मृत्यु हो गई ।।

3 . पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर एक चमक है लाती

इसमें किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है? उत्तर:- उपर्युक्त पंक्ति में किसान के निम्नलिखित सुखों की ओर संकेत किया गया है किसान कभी स्वाधीन था; उसके घर के पास • लहलहाते खेत थे ।। दुधारू गाय और हृष्ट-पुष्ट बैलों की जोड़ी थी ।। घर में उसका एक जवान पुत्र, पत्नी, बेटी और पुत्रवधू भी थी, इस • तरह से किसान एक सुखी और संतुष्ट व्यक्ति था और इन्हीं सबकी स्मृति उसकी आँखों में चमक ला देती थी ।।

4 . 1 संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें

उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित ‘वे आँखें’ से लिया गया है ।। इस कविता के रचयिता श्री सुमित्रानंदन पंत जी हैं ।। उपर्युक्त पंक्तियों में किसान की उजरी गाय की दुर्दशा का वर्णन किया गया है ।। आशय कवि कहते हैं कि किसान के पास उजरी नाम की एक गाय थी ।। उस गाय के प्रति किसान का कुछ विशेष स्नेह था ।। वह गाय भी केवल किसान को ही दूध दुहने देती थी ।। वह किसी अन्य को अपने पास फटकने भी नहीं देती थी ।।

4 . 2 संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें

घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित कविता ‘वे आँखें’ से लिया गया है ।। इस कविता के रचयिता श्री सुमित्रानंदन पंत जी हैं ।। यहाँ पर किसान के जवान पुत्र के मरने का संदर्भ है कि किस प्रकार किसान के बेटे को विरोध पर मार दिया गया ।।

आशय किसान के बेटे को कारकूनों ने मार दिया और उसकी मृत्यु का आरोप ज़मींदार और पुलिस की मिलीभगत से उसकी पत्नी पर मढ़ दिया गया ।। उसके मरने में उसकी पत्नी का कोई दोष नहीं था; फिर भी समाज ने उसे पति घातिन करार दे दिया जबकि वह • विधवा होते हुए भी लक्ष्मी के समान थी ।। वही कमाकर घर चला रही थी ।।

4 . 3 संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें

पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती ।।

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित ‘वे आँखें’ कविता से लिया गया है ।। इस कविता के

रचयिता ‘श्री सुमित्रानंदन पंत जी’ हैं ।। यहाँ पर किसान के पूर्व सुखों के बारे में बताया गया है ।। आशय किसान जब अपने पूर्व वैभव को याद करता है तो क्षण भर के लिए उसे सुख और आनंद का अनुभव होता है ।। उसकी आँखों में चमक उभर आती है परंतु किसान का यह सुखद अहसास क्षण भर में विलीन भी हो जाता है और उसे वे सारी सुख की बातें तीखी नोक की भाँति चुभने लगती हैं ।।

5 . “घर में विधवा रही पतोहू . . . . . / खैर पैर की जूती, जोरू/एक न सही दूजी आती” इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान समाज और स्त्री’ विषय पर एक लेख लिखें ।।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में स्त्री की स्थिति बहुत ही दयनीय बताई गई है ।। विधवा स्त्री से सहानुभूति रखने की अपेक्षा उसे पति की हत्यारिन करार दिया जाता है ।। कोतवाल उसे बिना किसी कारण धमकाता है और उसके साथ कुकर्म करने से भी नहीं चूकता ।। उसे इतना पीड़ित किया जाता है कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती है ।।

• वर्तमान युग की बात करें तो स्त्रियों की स्थिति पहले की तुलना में कई गुना बेहतर है ।। आज लगभग सभी देशों में स्त्री पुनः अपनी शक्ति का लोहा मनवा रही है ।। हम कह सकते हैं कि आज का युग स्त्री-जागरण का युग है ।। भारत में तो सर्वोच्च राष्ट्रपति पद की कमान भी स्त्री ने सँभाली है ।। शिक्षा, साहित्य, कला, विज्ञान, चिकित्सा, शासन कार्य और यहाँ तक कि सैनिक बनकर देश की रक्षा के लिए मोर्चे पर जाने में भी वह पीछे नहीं रही है ।। अब स्त्री अबला नहीं; अपराजिता है और उसकी जीत में पुरुषों का योगदान ठीक वैसे ही है जैसे एक पुरुष की जीत में स्त्री का हाथ होता है ।।

6 . किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं; इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें ।।

उत्तर:- यह कथन सत्य है कि किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं ।। यह ही नहीं बल्कि बहुत से किसान तो आत्महत्या के लिए भी मज़बूर हुए हैं ।। कभी फसल खराब होने के कारण ऋण न चुका पाने से या कभी वर्षा न होने से वे ऐसा कदम उठाने पर बाध्य हो जाते हैं ।।

इस विषय पर निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर परिचर्चा कर सकते हैं

1 . खेती व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाभप्रद नहीं रह गई है ।।

2 . इस व्यवसाय में अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है जिसे आज का पढ़ा-लिखा और युवावर्ग नहीं करना चाहता है ।। 3 . सरकार का कृषि के प्रति उदासीन रवैया जैसे बीज, खाद और सिंचाई के साधनों का अभाव ।।

4 . अनाज की बिक्री की समुचित व्यवस्था का अभाव ।। ।।

कृषि व्यवसाय से पलायन के निम्नलिखित कारण हैं –

1 . कम आय होना

2 . घोर परिश्रम के बाद भी सफलता न मिलना

3 . समाज में उचित सम्मान न मिलना

4 . प्रकृति और वर्षा पर निर्भरता

5 . नुकसान की भरपाई की सुविधा का अभाव या फ़सल का बीमा आदि न होना

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