up board solutions for class 11 english prose chapter 3 The Ant and the Grasshopper free pdf पाठ का हिंदी अनुवाद

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The Ant and the Grasshopper सम्पूर्ण पाठ का हिन्दी रूपान्तरण


जब मैं बहुत छोटा बालक था, तब मुझे ला फॉन्तेन की कल्पित कहानियाँ मौखिक याद कराई गई और प्रत्येक कहानी से मिलने वाली नैतिक शिक्षा सावधानीपूर्वक मुझे समझाई गई। जो कहानियाँ मैंने याद की, उनमें से एक कहानी ‘चींटी और टिड्डा’ थी, जिसका उद्देश्य बच्चों को यह ज्ञानवर्द्धक शिक्षा देना था कि इस असार संसार में परिश्रम को पुरस्कार मिलता है तथा चालबाजी और आलस्य को दण्ड मिलता है। इस प्रशंसनीय कहानी में (मैं वह बात कहने के लिए क्षमा चाहता हूँ जिसे हम विनम्र भाव से परन्तु भूल से यह समझते हैं कि इसे प्रत्येक व्यक्ति जानता है) चींटी शीत ऋतु के लिए भोजन सामग्री एकत्रित करने में गर्मियाँ परिश्रम से बिताती है, जबकि टिड्डा घास की पत्ती पर बैठकर सूर्य की ओर मुँह करके गीत गाता रहता है। जाड़ा आता है और चींटी को आराम से भोजन मिलता है, परन्तु टिड्डे के भोजन का गोदाम खाली है: वह चींटी के पास जाकर थोड़ा-सा भोजन माँगता है। तब चींटी उसे अपना यह सर्वविदित उत्तर देती है


“तुम ग्रीष्मकाल में क्या कर रहे थे?” “मैं गाता था, मैं दिनभर और रातभर गाता रहता था।” “तुम गाते थे। अच्छा, तो अब जाओ और नाचो।”
मैं कभी भी इस कहानी की नसीहत से पूर्ण रूप से सहमत नहीं हो पाया। ऐसा मैं अपनी हठधर्मिता के कारण नहीं बल्कि बचपन में पाई जाने वाली बुद्धि की अपरिपक्वता के कारण मानता था जिसमें नैतिक ज्ञान कम होता है। मेरी सहानुभूति टिड्डे के साथ थी और कुछ समय तक मैं चींटी देखते ही उस पर पैर रखे बिना नहीं रहता था। इस संक्षिप्त विवरण में (और जैसा कि मैंने बाद में पाया है, पूर्ण रूप से मानवीय ढंग से) मैंने विवेक और समझदारी के प्रति असहमति प्रकट की है।


मुझे यह शिक्षाप्रद कहानी उस समय अकस्मात याद आ गई जब एक दिन मैंने जॉर्ज रैमसे को जलपान-गृह में अकेले दोपहर का भोजन करते देखा। मैंने कभी किसी व्यक्ति को इतना उदास नहीं देखा था। वह आकाश की ओर टकटकी लगाए देख रहा था। वह उस तरह दिख रहा था मानों सारे संसार का बोझ उसके कंधों पर आ पड़ा हो। उसे देखकर मुझे बहुत दुःख हुआ। तुरन्त मुझे आशंका हुई कि उसका अभागा भाई फिर परेशानी का कारण है। मैं उसके समीप गया और अपना हाथ बढ़ाया।
“तुम कैसे हो? मैने पूछा। “मैं प्रसन्न नहीं हूँ,” उसने उत्तर दिया। “क्या फिर टॉम का ही मामला है?” उसने आह भरी। “हाँ, यह फिर टॉम ही है।”
“तुम उसे छोड़ क्यों नहीं देते? तुमने संसार में उसके लिए सब कुछ किया है। अब तक तुम जान गए होंगे कि वह बिलकुल निकम्मा है।”


मैं समझता हूँ प्रत्येक परिवार में एक कुल कलंक होता है। टॉम बीस वर्ष से उसके लिए बहुत परेशानी पैदा करने वाला रहा था। उसने अपना जीवन काफी सम्मानपूर्ण ढंग से आरम्भ किया था; उसने व्यापार आरम्भ किया, विवाह किया और उसके दो बच्चे हुए। रैमसे परिवार के लोग पूर्ण रूप से सम्मानित लोग थे और हर प्रकार से माना जाता था कि टॉम रैमसे अच्छा और सम्मानपूर्ण जीवन बिताएगा। परन्तु एक दिन, बिना किसी चेतावनी के उसने यह घोषणा कर दी कि उसे काम करना अच्छा नहीं लगता और वह विवाहबंधन के भार को सहन करने में सक्षम नहीं है। वह मौज उड़ाना चाहता था। उसने किसी विरोध को नहीं सुना। उसने अपनी पत्नी और अपना काम-काज छोड़ दिया। उसके पास थोड़ा-सा धन था और उसने यूरोप की विभिन्न राजधानियों में दो वर्ष मौज-मस्ती में बिताए। उसकी गतिविधियों के समाचार समय-समय पर उसके रिश्तेदारों के पास पहुँचते रहते थे और उन्हें गहरा दुःख पहुँचता था। वह निश्चय ही मौज उड़ा रहा था। वे अपना सिर धुनते और पूछते कि जब उसका धन खर्च हो जाएगा तो क्या होगा। उन्हें शीघ्र ही पता लगा कि वह उधार लेने लगा है। वह आकर्षक और विवेकहीन प्रकृति का व्यक्ति था। मुझे कभी ऐसा दूसरा कोई व्यक्ति नहीं मिला जिसका उसको उधार लेने के लिए मना करना मुश्किल था।

वह अपने मित्रों से नियमित उधार लेने लगा और वह सहज रूप से ही मित्र बना लेता था। परन्तु वह सदैव यही कहता था कि आवश्यकताओं पर धन व्यय करना नीरस है, उस धन के व्यय करने से आनन्द प्राप्त होता है, जो विलासिता और आमोद-प्रमोद पर व्यय किया जाता है। इसके लिए वह अपने भाई जॉर्ज पर निर्भर रहता था। वह उस पर अपने आकर्षण को नष्ट नहीं करता था। जॉर्ज गंभीर व्यक्ति था और ऐसे प्रलोभनों का उस पर असर नहीं होता था। जॉर्ज का चरित्र अच्छा था। एक या दो बार वह टॉम के सुधर जाने के आश्वासनों का शिकार हो गया और उसे बहुत अधिक धन दे दिया। जिससे वह एक नई शुरुआत कर सके। इस धन से टॉम ने एक मोटरकार और कुछ अच्छे आभूषण खरीद लिए। परन्तु जब परिस्थितियों ने जॉर्ज को यह सोचने पर विवश कर दिया कि उसका भाई कभी किसी कार्य में नहीं लगेगा तो उसने उससे सम्बन्ध तोड़ लिए। टॉम ने बिना किसी हिचक के उसको मूर्ख बनाकर उससे धन ऐंठना आरम्भ कर दिया। एक सम्मानित वकील को यह अच्छा नहीं लगता था कि भाई को उसके मनपसंद जलपानगृह के पीछे मदिरा-कक्ष में कॉकटेल हिलाते हुए देखे या अपने क्लब के बाहर एक टैक्सी की ड्राइवर की सीट पर प्रतीक्षा करते हुए देखे। टॉम कहता था कि मदिरालय में कार्य करना या टैक्सी चलाना पूर्ण रूप से सम्मानित कार्य है किन्तु यदि जॉर्ज उसे दो सौ पौण्ड देने को तैयार हो तो परिवार के सम्मान के लिए उसे इस काम को छोड़ देने में कोई आपत्ति नहीं होगी। जॉर्ज ने उसे धन दे दिया।


एक बार टॉम जेल जाते-जाते बचा। जॉर्ज बुरी तरह परेशान हो गया। उसने लज्जाजनक मामले की पूरी जाँच की। टॉम वास्तव में हद से आगे बढ़ गया था। वह निरंकुश, विवेकहीन और स्वार्थी बन गया था परन्तु उसने पहले कभी कोई बेईमानी का कार्य नहीं किया था, बेईमानी से जॉर्ज का तात्पर्य गैर-कानूनी कार्य से था; और यदि उस पर मुकदमा चलाया जाता तो निश्चय ही उसे सजा होती। परन्तु जॉर्ज अपने एकमात्र भाई को जेल नहीं जाने दे सकता था। क्रोनशॉ नामक जिस व्यक्ति को टॉम ने ठगा था, वह प्रतिशोध लेना चाहता था।


वह मामले को न्यायालय में ले जाने पर अड़ा हुआ था। वह कहता था कि टॉम दुष्ट है और उसे दण्ड मिलना ही चाहिए। मामले को निपटाने के लिए जॉर्ज को बहुत कष्ट उठाना पड़ा और पाँच सौ पौण्ड देने पड़े। मैंने उसे इतने अधिक क्रोध में कभी नहीं देखा था जितना उस समय जब उसने सुना कि टॉम और क्रोनशॉ चैक का रुपया मिलते ही एक साथ मॉण्ट कार्लो चले गए। वहाँ उन्होंने आनन्दपूर्वक एक माह बिताया।


बीस वर्ष टॉम ने घुड़दौड़ में दाँव लगाए और जुआ खेला, अति आकर्षक लड़कियों के साथ प्रेम का नाटक किया, नाचा, सबसे महँगे जलपान-गृहों में भोजन किया और कीमती वस्त्र पहने। वह सदैव बहुत चुस्त और सुन्दर लगता था जैसे उसने अभी एक पिटारे से बाहर कदम रखा हो। यद्यपि वह 46 वर्ष का था किन्तु आप उसे कभी 35 वर्ष से अधिक का नहीं कह सकते थे। वह बहुत ही अधिक हँसमुख साथी था और यद्यपि आपको यह पता होने पर भी कि वह बिल्कुल निकम्मा है आपको उसकी संगति में आनंद ही आता। उसमें अत्यधिक उत्साह, मौज-मस्ती और अद्भुत आकर्षण था। मैंने उसे धन देने में कभी असंतोष व्यक्त नहीं किया, जो वह अपने जीवन की आवश्यकताओं के लिए मुझसे नियमित रूप से वसूल किया करता था। मैं कभी भी यह महसूस किए बिना उसे पचास पौण्ड नहीं देता था कि मुझ पर उसका ऋण है। टॉम रैमसे सभी को जानता था और सब लोग टॉम रैमसे को जानते थे। आप उसे कभी अच्छा नहीं कर सकते थे परन्तु आप उससे आकर्षित हुए बिना भी नहीं रह सकते थे।


बेचारा जॉर्ज जो अपने निर्लज्ज भाई से केवल एक वर्ष बड़ा था साठ वर्ष का लगता था। पच्चीस वर्षों में किसी वर्ष भी उसने पन्द्रह दिन से अधिक की छुट्टी कभी नहीं ली थी। वह प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ बजे अपने कार्यालय पहुँच जाता था और छह बजे से पहले वहाँ से कभी नहीं जाता था। वइ ईमानदार, परिश्रमी और योग्य था। उसकी पत्नी अच्छी थी जिसके प्रति अविश्वास की बात कभी उसने सोची भी नहीं थी, और उसकी चार पुत्रियाँ थीं जिनके लिए वह सबसे अच्छा पिता था। वह अपनी आय का एक-तिहाई भाग बचाना आवश्यक समझता था और उसकी योजना थी कि 55 वर्ष की आयु में अवकाश ग्रहण करके वह गाँव के छोटे से घर में चला जाएगा और वहाँ अपने बाग की देखभाल करेगा तथा गोल्फ खेलेगा। उसका जीवन निष्कलंक था। वह प्रसन्न था कि वह बूढ़ा हो रहा है क्योंकि टॉम भी बूढ़ा हो रहा था। उसने अपने हाथ रगड़े और कहा “जब टॉम युवा और सुन्दर था तब तो सब ठीक था, परन्तु वह मुझसे केवल एक वर्ष छोटा है। चार वर्ष में वह पचास का हो जाएगा। तब वह जीवन को इतना सरल नहीं पाएगा। पचास वर्ष का होने तक मेरे पास तीस हजार पौण्ड होंगे। पच्चीस वर्ष से मैं कह रहा हूँ कि टॉम की अन्त में स्थिति बहुत शोचनीय होगी और हम देखेंगे कि उसे वह कैसा लगेगा। हम देखेंगे कि क्या वास्तव में कार्य करने से सुख मिलता है या निकम्मा रहने से।”


बेचारा जॉर्ज! मुझे उससे सहानुभूति थी। अब मैं उसके पास बैठा हुआ यह जानने को उत्सुक था कि टॉम ने कौन-सा लज्जाजनक कार्य कर दिया है। जॉर्ज निश्चय ही बहुत अधिक व्याकुल था।


“क्या तुम्हें मालूम है, अब क्या हुआ है?” उसने मुझसे पूछा।
मैं बुरे से बुरा समाचार सुनने के लिए तैयार था। मैं सोच रहा था कि क्या आखिरकार टॉम पुलिस के हाथ पड़ गया है। जॉर्ज मुश्किल से बोल पाया।
“तुम इस बात से इनकार नहीं करोगे कि मैं जीवनपर्यन्त परिश्रमी, सदाचारी, सम्मानित और सीधा-सच्चा रहा हूँ। परिश्रमी और मितव्ययी जीवन के उपरान्त, मैं सुरक्षित निवेश खातों में जमा धन से प्राप्त थोड़ी-सी आय पर अवकाशपूर्ण जीवन की आशा कर सकता हूँ। मैंने उस स्थिति में, जिसमें भी भगवान की मुझे रखने की इच्छा रही है, सदैव अपने कर्तव्य का पालन किया है।”
“ठीक है।”


“और तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हो कि टॉम निकम्मा, अयोग्य, अनैतिक और नीच बदमाश रहा है। यदि कहीं न्याय होता तो वह जेल में होता।”
“ठीक है।” जॉर्ज का चेहरा लाल हो गया।


“कुछ सप्ताह पहले उसने एक औरत से सगाई कर ली जो आयु में उसकी माँ की अवस्था की थी। और अब वह मर गई और जो कुछ उसके पास था, टॉम के लिए छोड़ गई है: पाँच लाख पौण्ड, एक शानदार नौका, लन्दन में बना एक मकान और एक मकान गाँव में ।”
जॉर्ज रैमसे ने मुट्ठी भींचकर मेज पर मारी। “यह उचित नहीं है, मैं तुमसे कहता हूँ, यह उचित नहीं है। लानत है, यह उचित नहीं है।”
मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। जब मैंने जॉर्ज के क्रुद्ध चेहरे को देखा तो मैं ठहाका लगाकर हँस पड़ा, मैं अपनी कुर्सी पर लुढ़क गया और फर्श पर गिरते-गिरते बचा। जॉर्ज ने मुझे कभी क्षमा नहीं किया। परन्तु टॉम मेफेयर में अपने सुन्दर मकान में प्रायः मुझे बढ़िया रात्रि-भोज पर निमन्त्रित करता रहा है, और यदि कभी-कभी मुझसे धन की छोटी सी मात्रा लेता है, तो वह केवल उसकी आदत की मजबूरी है। वह एक सौवरिन (ब्रिटिश मुद्रा) से अधिक कभी नहीं होती है।

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