
UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 6 किं तर्तुम जानाति भवान्
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पाठ 6 किं ततं जानाति भवान् पाठ का सम्पूर्ण हल
विश्वविद्यालयस्य ……………………………………………… विहरतु ।
शब्दार्थाः-विहर्तुम् = घूमने के लिए, नावम् = नावे पर, आरूढः = बैठ गया, जलविहारम् = जलविहार, वीचीनाम् = तरङ्गों का, अम्भसाम् = जल की, अरित्रम् = पतवार, डाँड़, चतुर्थांशः = चौथाई भाग, व्यर्थतां गतः = व्यर्थ चला गया, ईदृशम् = ऐसा, मे = मेरा, कुतः = कहाँ से, नूनम् = निश्चय ही, अर्धाशः = आधा हिस्सा, व्यर्थतां नीतः = व्यर्थ कर दिया, अनुभवन् = अनुभव करता हुआ, प्रेषितः = भेजा गया, त्रयो भागाः-तीन भाग । अपार्थाः=व्यर्थ, नदे=नदी में, जलावर्तनम् = भंवर, जलप्लावनम् = बाढ़, अकम्पत = डगमगाने लगा, पश्यतः = देखते-देखते, जलेन = जल से, पूरिता = भर गई, सम्मेण = घबराहट के साथ, तर्तुम् = तैरने के लिए, भीतः = डरा हुआ, तीर्वा = तैरकर, प्रयामि = जाता हूँ, खलु = निश्चय ही, बिहरतु = विहार करें, स्वपृष्ठमारोप्य = अपनी पीठ की सहायता से । UPBOARDNOTES.COM
हिन्दी अनुवाद- विश्वविद्यालय का कोई प्राध्यापक घूमने के लिए नाव में बैठ गया । नाव में जलविहार करने का यह उसका प्रथम अवसर था । बालसूर्य की किरणों में जलक्रीड़ा, तरंगों का नृत्य, जल की अपार राशि, नाव के डाँड़ से नाव को आगे बढ़ना इत्यादि दृश्य देखकर उसने नाविक से इस प्रकार पूछा
प्राध्यापक-अरे नाविक! क्या तुमने कभी गणित पढ़ा है ? ”
नाविक – नहीं पढ़ा ।
प्राध्यापक – क्या गणित पढ्ने विद्यालय नहीं गए ? निश्चय ही तुम्हारे जीवन का चौथाई भाग व्यर्थ गया । तुमने रसासन शास्त्र या भौतिक शास्त्र पढ़ा है ।
नाविक-ये मेरे भाग्य में कहाँ कि मैं रसायन शास्त्र और भौतिक शास्त्र पढ़ता!”
प्राध्यापक-अवश्य ही तुमने जीवन का आधा भाग व्यर्थ गुजार दिया । बताओ, तुपेने अंग्रेजी भाषा पढ़ी है ?
नाविक-(ग्लानि अनुभव करके), महाशय! मेरे माता-पिता ने मुझे विद्यालय नहीं भेजा । कैसे पढ़ता ?
प्राध्यापक-तब तुम्हारे जीवन के तीन हिस्से व्यर्थ हो गए । इसके बाद नदी में बाढ़ आ गई । लहरों । के वेग से नौका डगमगाई । देखते-देखते उनकी नौका जल से भर गई । नाविक ने घबराहट के साथ पूछा, “महाशय क्या आप तैरना जानते हैं ?” प्राध्यापक जल का वेग देख डर कर बोला, “मैं तैरना नहीं जानता!” नाविक बोला- “यदि तैरना नहीं जानते. तो आपका सारा जीवन बेकार गया । मैं तो तैरकर नदी पार कर जाता हूँ । किन्तु यदि आप बुरा न मानें तो मैं आपको अपनी पीठ पर चढ़ाकर पार जाना चाहता हूँ । ”
पाठ के समस्त प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1- कुरुत पुस्तकाया चे लिखन
उत्तर:– नोट-विद्यार्थी स्वयं करें ।
प्रश्न 2. एकपदेन उत्तर लिखत– UPBOARDNOTES.COM
(क) कः विहर्तुं नावम् आरुढः ?
उत्तर:– प्राध्यापक
(ख) नौकायाः अग्नेसारणं केन माध्यमेन भवति ?
उत्तर:– अरित्रण ।
(ग) कः ग्लानिम् अन्वभवत् ?
उत्तर:– नाविकः ।
(घ) जलेन पूरिता का जाता ?
उत्तर:– नौका ।
प्रश्न 3.कः कथयति इति लिखत (लिखकर) नाविकः / प्राध्यापकः
उत्तर:– क) भवता कदापि गणितं पठितम् ? —– प्राध्यापकः
ख) ईदृशं मे भाग्यं कुत: ? —– नाविक :
ग) त्वया अर्धाशः जीवनस्य व्यर्थतां नीतः —– प्राध्यापकः
(घ) अहं तर्तुं न जानामि —– प्राध्यापकः
(ङ) यदि तर्तुं न जानाति, तदा भवतः सर्वं जीवनं वृथा जातम् —– नाविक :
प्रश्न 4.अधोलिखितधातुभिः तुमुन्-प्रत्ययं योजयित्वा पदरचनां कुरुत (करके)
उत्तर:– यथा-खाद् तुमुन्
चल् + तुमुन् चलितुम्
हस् + तुमुन् = हसितुम्
क्रीड् + तुमुन् = क्रीडितुम्
पठ् + तुमुन् = पठितुम्
खाद + तुमुन् = खादितुम्
प्रश्न 5.अधोलिखितधातुभिः ‘त्वा’ (क्त्वा) प्रत्ययं योजयित्वा पदरचनां कुरुत (करके)
उत्तर:– पठ + क्त्वा = पठि त्वा
नी + क्त्वा =नीत्वा
गम + क्त्वा= गटक=गत्वा
लिख + क्त्वा = लिखित्वा
प्रश्न 6.हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) किं त्वया संस्कृत-भाषा पठिता ?
उत्तर:– अनुवाद-क्या तुमने संस्कृत भाषा पढ़ी ?
(ख) जीवनस्य त्रयो भागाः अपार्थाः |
उत्तर:– अनुवाद-जीवन के तीन भाग व्यर्थ हो गए ।
(ग) प्राध्यापकः नावम् आरुढः ।
उत्तर:– अनुवाद-प्राध्यापक नाव में बैठ गया ।
(घ) भवान् खलु जलमध्ये विहरतु ।
उत्तर:– अनुवाद-आप जल में अवश्य तैरते रहें ।
प्रश्न 7.संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके) |
(क) वह पढ़ने के लिए आता है ।
उत्तर:– अनुवाद-सः पठितुं आगच्छति ।
(ख) क्या तुम सब तैरना जानते हो ?
अनुवाद-किं यूयं सर्वे तर्तुं जानीथ ?
(ग) क्या तुम प्रतिदिन खेलते हो ?
अनुवाद-किं त्वं प्रतिदिनं खेलसि ?
(घ) हम दोनों घूमने के लिए नदी के किनारे जाते हैं ।
उत्तर:– अनुवाद-आवां अमन्तुं नदीतीरे गच्छावः ।