Up board solution for class 7 science chapter 1 मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी

Up board solution for class 7 science chapter 1 मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी

Up board solution for class 7 science chapter 1 मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी

1- निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-


(क) ……………द्वारा मस्तिष्क की जांच होती है ।

(अ) एक्स-रे

(ब) स्कैनर

(स) अल्ट्रासाउंड

(द) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- विकल्प (ब) स्कैनर

(ख) दैनिक जीवन में उपयोगी है ।

(अ) केवल विज्ञान

(ब) केवल प्रौद्योगिकी

(स) विज्ञान और प्रौद्योगिकी

(द) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- विकल्प (स) विज्ञान और प्रौद्योगिकी

(ग) टेलीफोन लाइन की सहायता से जुड़ा नेटवर्क कहलाता है-

(अ) स्मार्टफोन

(ब) इंटरनेट

(स) कंप्यूटर

(द) कोई नहीं

उत्तर- विकल्प (ब) इंटरनेट

(घ) मृदा प्रदूषण से कम होती है-

(अ) उर्वरा शक्ति

(ब) मृदा

(स) खनिज

(द) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- विकल्प (अ) उर्वरा शक्ति

2- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) इंडोस्कोप द्वारा शरीर के अंदर के भागों की जांच होती है ।

(ख) रेडियो, मोबाइल, और डीजे मनोरंजन के साधन हैं

(ग) ढेकुली, रहट, सिंचाई के पारंपरिक साधन हैं ।

(घ) कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को हरित क्रांति हैं ।

(ङ) विज्ञान के नियमों एवं सिद्धांतों का अनुप्रयोग प्रौद्योगिकी कहलाता है ।

3- स्तंभ (क) में दिए गए वाक्यों को स्तंभ (ख) के वाक्यों से मिलान कीजिए ।

क. ई-मेलअ. मिसाइलें
ख. कृत्रिम उपग्रहब. खाना पकाने का गैस
ग. मनोरंजन केसाधन बढ़ने से. कम्प्यूटर आधारित संचार की युक्ति
घ. पृथ्वी, अग्निऔर त्रिशूलद. दूर संचार व्यवस्था
ङ. एल.पी.जी.य. ध्वनि प्रदूषण

उत्तर –

क. ई-मेलकम्प्यूटर आधारित संचार की युक्ति
ख. कृत्रिम उपग्रहदूर संचार व्यवस्था
ग. मनोरंजन केसाधन बढ़ने सेध्वनि प्रदूषण
घ. पृथ्वी, अग्निऔर त्रिशूलमिसाइलें
ङ. एल.पी.जी.खाना पकाने का गैस

4-प्रौद्योगिकी का क्या अर्थ है ?

उत्तर- विज्ञान के नियमों एवं सिद्धांतों के प्रयोग से कार्यों को सरल बनाना ही प्रौद्योगिकी है ।

5- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में क्या संबंध है?

उत्तर- विज्ञान ने प्रौद्योगिकी का तथा प्रौद्योगिकी ने विज्ञान का विकास किया है । प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान दोनों एक दूसरे पर आश्रित हैं ।

6- हरित क्रांति क्या है?

उत्तर- आधुनिक कृषि उपकरणों, उन्नतशील बीजों, उर्वरकों और सिंचाई के साधनों द्वारा कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को हरित क्रांति कहते हैं ।

7- राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?

उत्तर- प्रौद्योगिकी के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे देश ने बहुत तेजी से उन्नति की है । इससे एक नई क्रांति आ गई है । पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल जैसी मिसाइलों का निर्माण हमारे देश में हो चुका है । इनसे हमारे देश की प्रभावी ढंग से सुरक्षा होती है ।

8- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से होने वाली हानियों को संक्षेप में लिखिए ।

उत्तर- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से होने वाली हानियां-

मनोरंजन के साधन बढ़ जाने से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है ।
बड़े-बड़े उद्योगों की संख्या बढ़ बहुत बढ़ गई है । इनसे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ प्रायः ऐसे ही नदियों में बहा दिए जाते हैं जिसके कारण नदियों का जल तथा भू-क्षेत्र प्रदूषित हो रहे हैं ।
जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, फलस्वरूप जंगलों का विनाश हो रहा है और वातावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ।

9- इंटरनेट क्या है?

उत्तर- विश्व के हजारों छोटे-छोटे कंप्यूटर नेटवर्क टेलीफोन लाइन से जोड़ दिए जाते हैं । टेलीफोन लाइन की सहायता से जुड़े कंप्यूटर नेटवर्क को इंटरनेट कहते हैं ।

10- परिवहन के चार साधनों के नाम लिखिए ।

उत्तर- बस, ट्रेन, वायुयान, कार ।

अतिरिक्त अभ्यास प्रश्न

मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित अतिरिक्त अभ्यास प्रश्न (Manav Vigyan aur Praudyogiki se Sambandhit Atirikt Abhyas Prashn):

पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

आप अपने दैनिक जीवन में अनुभव करते हैं कि गैस सिलिण्डर या कटे हुए पेड़ का तना उठा कर या घसीटकर ले जाने की अपेक्षा कम बल लगाकर लुढ़काकर ले जाना आसान होता है । इस प्रकार कार्य की यह सुगमता वैज्ञानिक सिद्धान्त पर आधारित है । वस्तु को घसीटने या उठाकर ले जाने की तुलना में लुढ़काकर ले जाना सरल है । इसी प्रकार बैलगाड़ियों में पहिया लगाने पर घर्षण बल कम हो जाता है और बोझ से लदी बैलगाड़ी को बैलों द्वारा खींचना सरल हो जाता है । बैलगाड़ी द्वारा कम बल लगाकर कार्य को सुगम बनाना विज्ञान के सिद्धान्त द्वारा ही सम्भव है ।

इस प्रकार यहाँ विज्ञान के नियम का उपयोग करके मनुष्य ने कार्य को सरल बनाने के लिए बैलगाड़ी़, ट्रैक्टर आदि जैसे साधन विकसित कर लिया है- यही प्रौद्योगिकी है ।

विज्ञान के नियमों एवं सिद्धान्तों के अनुप्रयोग से मानव हित में संसाधनों का निर्माण ही प्रौद्योगिकी है ।

पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न

(1) रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-

(क) गैस सिलिण्डर या कटे हुए पेड़ का तना उठा कर या घसीटकर ले जाने की अपेक्षा कम बल लगाकर लुढ़काकर ले जाना ………………. होता है ।
(आसान/कठिन)

(ख) बैलगाड़ियों में पहिया लगाने पर घर्षण बल ……………. हो जाता है ।
(अधिक/कम)

(ग) बैलगाड़ी द्वारा कम बल लगाकर कार्य को सुगम बनाना …………….. के सिद्धान्त द्वारा ही सम्भव है ।
(विज्ञान/इतिहास)

(2) निम्नलिखित प्रश्न में सही विकल्प छॉंटकर लिखिए-

(क) विज्ञान के नियमों का उपयोग करके मनुष्य ने कार्य को बना दिया है-
अ) सरल
ब) कठिन

(ख) गैस सिलिण्डर या कटे हुए पेड़ का तना ले जाना आसान है-
अ) उठाकर
(ब) लुढ़काकर

(3) निम्नलिखित कथनों में से सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) विज्ञान के नियमों एवं सिद्धान्तों के अनुप्रयोग से मानव हित में संसाधनों का निर्माण ही प्रौद्योगिकी है ।

ख) बैलगाड़ियों में पहिया लगाने पर घर्षण बल अधिक हो जाता है ।

पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से मानव जीवन में परिवर्तन

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास के कारण विभिन्न क्षेत्रों जैसे यातायात, चिकित्सा, जनसंचार, मनोरंजन एवं कृषि के क्षेत्र में नित नये आविष्कार हुए हैं । जैसे – भाप के इंजन से रेलों तथा बड़े जहाजों का निर्माण हुआ । पेट्रोल की उपलब्धता से हल्के एवं शक्तिशाली इंजनों को बनाना सम्भव हुआ । इन इंजनों का उपयोग हवाईजहाज उड़ाने के लिए किया गया । इसी क्रम में लम्बी दूरी कम समय में तय करने के लिए सुपर सोनिक जेट एवं हेलीकाप्टर का निर्माण हुआ । समुद्री मार्ग से माल तथा सवारी ढोने के लिए बड़े-बड़े जहाजों का भी प्रयोग होने लगा ।

बड़े-बड़े जहाजों

पहले बीमार होने पर लोग घरेलू उपचार करते थे, परन्तु अब गाँव के लोग प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर डॉक्टरों द्वारा इलाज कराने लगे हैं । आजकल चिकित्सालयों में विभिन्न प्रकार के रोगों से सम्बन्धित जाँच की सुविधाएँ उपलब्ध हैं जैसे खून, पेशाब, मल आदि की जाँच । आजकल चिकित्सालयों में आधुनिक मशीनों जैसे एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड द्वारा आन्तरिक अंगों की सूक्ष्म जाँच, स्कैनर द्वारा मस्तिष्क की जाँच की जाती है । शरीर के अन्दर के भागों की जाँच करने के लिए इन्डोस्कोप मशीन का प्रयोग होता है ।

इन्डोस्कोप मशीन

पहले टेलीफोन की सुविधा नहीं थी । लोग एक दूसरे का हाल-चाल जानने के लिए संदेशवाहक, पत्र, टेलीग्राम तथा प्रशिक्षित कबूतरों द्वारा संदेश भेजते थे । परन्तु आज के वैज्ञानिक युग में संदेशों के आदान-प्रदान के लिए फैक्स (छपा संदेश), ई-मेल आदि का प्रयोग हो रहा है । गाँवों में भी पी.सी.ओ., एस.टी.डी. तथा आई.एस.डी. व्यवस्था द्वारा संसार के किसी भी कोने में टेलीफोन द्वारा सम्पर्क करने की सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गयी हैं ।

पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न

1-रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-

क)……………द्वारा मस्तिष्क की जाँच की जाती है ।

(अल्ट्रासाउंड/स्कैनर)

ख) आज के वैज्ञानिक युग में संदेशों के आदान-प्रदान के लिए का प्रयोग हो रहा है-

(मोबाइल/कबूतर)

2) सही विकल्प को छॉंटकर लिखिए-

क) पहले लोग एक दूसरे का हाल-चाल जानने के लिए …………….संदेश भेजते थे ।

अ) टेलीफोन द्वारा

ब) प्रशिक्षित कबूतरों द्वारा

स) ई-मेल द्वारा

द) मोबाइल द्वारा

ख) लम्बी दूरी कम समय में तय करने के लिए निर्माण हुआ-

अ) बैलगाड़ी

ब) रिक्शा

स) सुपर सोनिक जेट तथा हेलीकाप्टर

द) तांगा

3) निम्नलिखित कथनों में से सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) शरीर के अन्दर के भागों की जाँच करने के लिए इन्डोस्कोप मशीन का प्रयोग होता है ।

ख) पहले बीमार होने पर लोग घरेलू उपचार करते थे ।

ग) डीजल इंजन, हवाईजहाज, टेलीफोन, रेडियो आदि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देन नहीं है ।

घ) पेट्रोल की उपलब्धता से हल्के एवं शक्तिशाली इंजनों को बनाना सम्भव हुआ ।

इन सवालों का सही जवाब जानने के लिए, कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें और क्विज़ हल करें :

4-पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

पहले लोग घुड़सवारी, शतरंज, चौपाल, ढोलक और कई प्रकार के क्षेत्रीय संगीतों के माध्यम का उपयोग करके मनोरंजन करते थे । परन्तु आजकल मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि मनोरंजन के प्रचलित साधन है । ये सभी आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की देन है ।

पहले उद्योग धन्धे बहुत कम थे, किन्तु आज हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में विकसित देशों की बराबरी कर रहा है । स्टील के उत्पादन के लिए जमशेदपुर, राऊरकेला, भिलाई, दुर्गापुर आदि शहरों में कारखाने खुले हैं । इसी क्रम में रिहंद में जलशक्ति से विद्युत बनाने के लिए हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन, ओबरा, अनपरा, पनकी, ऊँचाहार आदि स्थानों पर कोयले से विद्युत बनाने हेतु नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (N.T.P.C) के पावर स्टेशन स्थापित किये गये हैं । इसी प्रकार नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा के उत्पादन के लिए ट्राम्बे, नरोरा, राणासागर, कलपक्कम के एटॉमिक पावर स्टेशन कार्य कर रहे हैं ।

इसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में भी पहले पारम्परिक साधनों, जैसे खेत जोतने के लिए हल-बैल एवं सिंचाई के लिए ढेकुली और रहट आदि का प्रयोग किया जाता था । इन साधनों के प्रयोग से पर्याप्त उपजाऊ भूमि उपलब्ध होने पर भी खाद्यान्न का उत्पादन अपेक्षाकृत कम था ।

इसके विपरीत, आज के वैज्ञानिक युग में कृषि के क्षेत्र में अनेक आधुनिक एवं सुविधाजनक यंत्रों का प्रयोग होने लगा है । ये यंत्र हैं- ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, डीजल के पम्प सेट, ट्यूबवेल आदि । अब खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्नत प्रकार के शोधित बीज, यूरिया, सुपर फॉस्फेट जैसे रासायनिक उर्वरकों आदि का प्रयोग किया जा रहा है । अब हम खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गये हैं । यह सब हरितक्रान्ति के द्वारा सम्भव हुआ है ।

आधुनिक (Modern) कृषि उपकरणों, उन्नतशील बीजों, उर्वरकों और पर्याप्त सिंचाई के साधनों द्वारा कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को हरित क्रान्ति कहते हैं ।

आजकल आधुनिक तकनीकियों के नित नये प्रयोगों के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि हुई है । जैसे-

मत्स्य (मछली) उत्पादन- उन्नत प्रकार के मत्स्य बीज द्वारा
सब्जी उत्पादन- उन्नत बीज द्वारा
रेशम उत्पादन- वैज्ञानिक विधि द्वारा कीटों को शहतूत के वृक्षों (पेड़ों) पर पालन द्वारा ।
सुअर पालन- संतुलित आहार एवं सामयिक टीकाकरण द्वारा
मुर्गी पालन- संतुलित आहार और सामयिक टीकाकरण द्वारा
उपरोक्त सभी तथ्यों द्वारा यह कह सकते हैं कि-

विज्ञान (science) ने प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी ने विज्ञान का विकास किया है । वास्तव में प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान दोनों एक दूसरे पर आश्रित हैं । प्रौद्योगिकी का विकास विज्ञान के नियम तथा सिद्धान्तों के दैनिक जीवन में उपयोग से होता है । यही कारण है कि प्रौद्य़ोगिकी को व्यवहारिक ज्ञान भी कहते हैं । इसी प्रकार, विज्ञान का जितना अधिक विकास होता है, उतनी ही उत्तम प्रौद्योगिकी विकसित होती है ।

कुछ और भी जानें

कृषि के क्षेत्र में विभिन्न क्रान्तियाँ

हरितक्रान्ति- फसल उत्पादन
श्वेत क्रान्ति- दूध का उत्पादन
पीली क्रान्ति- तिलहन उत्पादन
भूरी क्रान्ति- उर्वरक उत्पादन
नीली क्रान्ति – मत्स्य उत्पादन
note:- डॉ. वर्गीज कुरियन श्वेत क्रान्ति के जनक है ।

किसी भी नई प्रौद्योगिकी के उपयोग से मनुष्य की जीवनचर्या तथा कार्य कुशलता में सुधार आता है । शिक्षा के क्षेत्र में भी एन0सी0ई0आर0टी0 (NCERT) द्वारा प्रस्तुत विज्ञान शिक्षा से सम्बन्धित ज्ञान दर्शन कार्यक्रम टी0वी0 (T.V.) पर दिखाया जाता है । यह दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम है । देश-विदेश के प्रोफेसर तथा शिक्षकों द्वारा टी0वी0 पर कार्यक्रम दिया जाता है जिसे हम टी0वी0 पर देख कर लाभ उठा सकते हैं । अब हमारे देश में इसके माध्यम से शिक्षा दिये जाने पर जोर दिया जा रहा है ।

पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न

1-रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक (bracket) में दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-

क) कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को…………….. कहते हैं ।

( नीली क्रान्ति/हरित क्रान्ति)

ख) श्वेत क्रान्ति……………….. से सम्बंधित है ।

(दूध उत्पादन/ फसल उत्पादन)

2- निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छॉंटकर लिखिए-

क) कृषि के पारम्परिक साधन है-

अ) ढेकुली

ब) रहट

स) हल-बैल

द) उपरोक्त सभी

ख) नीली क्रान्ति………. से संबंधित है-

अ) दूध उत्पादन

ब) फसल उत्पादन

स) मत्स्य उत्पादन

द) इनमें से कोई नहीं

ग) पहले लोग किसके माध्यम से मनोरंजन करते थे-

अ) घुड़सवारी

ब) शतरंज

स) चौपाल

द) उपरोक्त सभी

3- निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) पहले लोग मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि का उपयोग करके मनोरंजन करते थे ।

ख) मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि मनोरंजन के प्रचलित साधन आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की देन है ।

ग) नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन नहीं किया जा सकता है ।

घ) आज हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में विकसित देशों की बराबरी कर रहा है ।

ङ) डॉ. वर्गीज कुरियन श्वेत क्रान्ति के जनक है ।

इन सवालों का सही जवाब जानने के लिए, कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें और क्विज़ हल करें ।

5- पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास से विभिन्न क्षेत्रों में क्रान्तिकारी परिवर्तन

औद्योगिक क्रान्ति

आज हमारे देश में छोटी-छोटी मशीनों से ले कर बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण हो रहा है । रेल इंजन हो या हवाई जहाज, छोटे-छोटे वाहन हों या बड़े-बड़े जलपोत, उत्पादक मशीनें हो या मशीनों को तैयार करने वाली बड़ी-भारी मशीनें सब हमारे देश में बनने लगी हैं ।

लड़ाकू विमान, युद्धपोत, पनडुब्बी, विविध प्रक्षेपास्र, विमान भेदी तोपें, टैंक आदि के निर्माण में हम आत्म निर्भर हैं । रेडियो, टेप-रिकार्डर, टेलीविजन आदि मनोरंजन के साधनों के निर्माण में स्वदेशी प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो रहा है । सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत अग्रणी राष्ट्र की भूमिका निभा रहा है । औद्योगिक क्षेत्र में भारत का स्थान विश्व के छ: प्रमुख राष्ट्रों में है ।

जनसंचार क्षेत्र में क्रान्ति

कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक डाक सेवा (e-mail) तथा इंटरनेट का विकास बहुत तेजी से हुआ है । इससे जन संचार क्षेत्र में क्रान्ति आ गई है । कम्प्यूटर, ई-मेल और इन्टरनेट क्या है? आइये जाने ।

कम्प्यूटर

आप कक्षा 6 में पढ़ चुके हैं कि कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिससे अनेक उपयोगी एवं जटिल कार्य सरलता से सम्पन्न किये जा सकते हैं । व्यापक स्तर पर कम्प्यूटरों (computers) का उपयोग रेल-आरक्षण, आँकड़ों का रख-रखाव, गणना, टाइप आदि अनेक प्रकार के कार्य करने में किया जा रहा है ।

इन्टरनेट

यह कम्प्यूटर की नवीनतम प्रणाली है । विश्व के हजारों छोटे-छोटे कम्प्यूटर नेटवर्क टेलीफोन लाइन से जोड़ दिए जाते हैं । टेलीफोन लाइन की सहायता से जुड़े कम्प्यूटर नेटवर्क को इन्टरनेट कहते हैं । इसकी सहायता से हम कमरे में बैठे विश्व के विभिन्न देशों तथा किसी भी विषय से सम्बन्धित सूचनाएं एवं आँकड़े पलभर में प्राप्त कर सकते हैं और इनका संग्रह भी कर सकते हैं । कई नवीन पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं ।

इलेक्ट्रॉनिक डाक सेवा (ई-मेल)

यह कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट आधारित संचार की महत्वपूर्ण युक्ति है । इसके द्वारा कृत्रिम उपग्रहों के माध्यम से अन्य देशों के कम्प्यूटरों को सूचना, संदेश आदि का आदान-प्रदान किया जा सकता है । यह एक देश से दूसरे देश को संदेश भेजने का सबसे सस्ता साधन है । जैसे- भारतवर्ष से सिंगापुर को संदेश अत्यन्त कम शुल्क पर पल भर में भेजा जा सकता है ।

मोबाइल फोन (स्मार्ट फोन)

मोबाइल फोन का जनसंचार के क्षेत्र में व्यापक योगदान है । यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है । यह टेलीफोन की तरह बात करने के अलावा कई अतिरिक्त सेवाओं के लिए प्रयोग होता है । जैसे – संदेशों के आदान-प्रदान के लिए एस.एम.एस. (SMS), गेम खेलने के लिए, आवाज को संरक्षित रखने के लिए (वाइस रिकॉर्डर), वीडियो बनाने व देखने के लिए, फोटो खींचने के लिए, अपनी भौगोलिक स्थिति जानने के लिए जी.पी.एस. (GPS), बैंक द्वारा पैसे का हस्तांतरण आदि ।

पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न

1-रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक (bracket) में दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-

क) इलेक्ट्रॉनिक डाक सेवा (ई-मेल) एक देश से दूसरे देश को संदेश भेजने का ….….. साधन है ।

(सस्ता/महंगा)

ख) औद्योगिक क्षेत्र में भारत का स्थान विश्व के ……….प्रमुख राष्ट्रों में है ।

(तीन/छः)

ग) इन्टरनेट कम्प्यूटर की ………… प्रणाली है ।

(नवीनतम/पुरातन)

2- निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छॉंटकर लिखिए-

क) मोबाइल फोन का उपयोग कर सकते हैं-

अ) फोटो खींचने में

ब) एस.एम.एस.(SMS) भेजने में

स) गेम खेलने में

द) उपरोक्त सभी

ख) कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं-

अ) गेम खेलने में

ब) गणना करने में

स) आँकड़ों का रख-रखाव करने में

द) उपरोक्त सभी

3- निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) का एवं गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) औद्योगिक क्रान्ति के अंतर्गत हमारे देश में छोटी-छोटी मशीनों से ले कर बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण हो रहा है ।

ख) कम्प्यूटर के माध्यम से जटिल से जटिल कार्य सरलता से सम्पन्न किये जा सकते हैं ।

ग) मोबाइल फोन का जनसंचार के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं हैं ।

घ) इंटरनेट से किसी भी विषय से सम्बन्धित सूचनाएं तथा आँकड़े पलभर में प्राप्त कर सकते हैं ।

इन सवालों का सही जवाब जानने के लिए, कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें और क्विज़ हल करें ।

6- पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

कृषि

जनसंख्या विस्फोट से भूमि पर दबाव बढ़ा है जिसके कारण खाद्यान्न की समस्या मानव के लिए एक विशेष प्रकार की चुनौती के रूप में खड़ी हुई है किन्तु कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक आविष्कारों जैसे – ट्रैक्टर, अच्छे प्रकार के हल, ट्यूबवेल, कीटनाशक दवाओं, उन्नत कोटि के बीज, रासायनिक उर्वरकों आदि के प्रयोग से कृषि उपज में पर्याप्त वृद्धि हुयी है । इसके फलस्वरूप हम अपनी बढ़ी हुई जनसंख्या को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के साथ-साथ विदेशों को भी खाद्यान्न निर्यात करने में सफल हुए हैं ।

र्इंधन

पेड़ की सूखी पत्तियाँ, गोबर से तैयार उपले, लकड़ी, कोयला और मिट्टी का तेल आदि बहुत पहले से र्इंधन के प्रमुख स्रोत हैं । इनके प्रयोग में बहुत अधिक समय और श्रम लगता है ।

वर्तमान में पेट्रोल, डीजल, खाना पकाने की गैस (एल0पी0जी0) जैसे र्इंधन का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है । एक स्थान से दूसरे स्थान तक इनके आवागमन के उत्तम साधन उपलब्ध हैं । इनके प्रयोग से समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है । फलस्वरूप र्इंधन के क्षेत्र में क्रान्ति आ गई है । इसी प्रकार सोलर कुकर जैसे ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग व्यापक रूप में हो रहा है ।

चिकित्सा

चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत तीव्र गति से विकास हुआ है । हैजा, मियादी बुखार आदि के सफल इलाज हेतु नई औषधियों की खोज हुई है और इनका पर्याप्त उत्पादन भी हो रहा है । चेचक, हैजा, काली खाँसी, पोलियो, टी0बी0 की रोकथाम हेतु उपयुक्त प्रतिरोधी टीकों का विकास हुआ है । अल्ट्रासाउन्ड, एक्स-रे, इण्डोस्कोपी आदि का शरीर के अन्दरूनी भागों की जाँच में प्रयोग हो रहा है । इनसे घातक बीमारियों की रोकथाम में तीव्र गति से सफलता मिली है । फलस्वरूप चिकित्सा के क्षेत्र में क्रान्ति आ गई है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा एवं युद्ध

राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे देश ने बहुत तेजी से उन्नति की है । इससे एक नई क्रान्ति आ गई है । पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल जैसी मिसाइलों का निर्माण हमारे देश में हो चुका है । इनका सफल प्रक्षेपण भी हुआ है । मिसाइलों का प्रयोग दूसरे देशों द्वारा आक्रमण होने पर उनके युद्ध अस्रों को नष्ट करने में होता है । इनसे हमारे देश की प्रभावी ढंग से सुरक्षा होती है । युद्ध की स्थिति में रॉकेट द्वारा मिसाइलें छोड़ने की तकनीक में हमारे देश ने सफलता प्राप्त की है ।

भारत ने कृत्रिम उपग्रहों को विकसित करने तथा उन्हें पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण सफलतायें प्राप्त की हैं । कृत्रिम उपग्रहों से न केवल दूर संचार व्यवस्था में अभूतपूर्व विकास संभव हो पाया है अपितु सुदूर संसूचन (Remote Sensing) में भी हम विश्व में अग्रणी हो गये हैं ।

हमने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं । परमाणु ऊर्जा तथा उससे सम्बन्धित शोध कार्यों के परिणाम स्वरूप अनेक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं, जिनसे विद्युत उत्पादन किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा का उपयोग चिकित्सा तथा कृषि क्षेत्र में अनेक लाभकारी कार्यों के लिए किया जा रहा है ।

पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न

1.रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-

क) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से कृषि उत्पाद में ……………. वृद्धि हुई है ।

(पर्याप्त/ अपर्याप्त)

ख) सूखी पत्तियाँ, गोबर के उपले, लकड़ी, कोयला तथा मिट्टी का तेल आदि के प्रयोग में बहुत ……… समय और श्रम लगता है ।

(अधिक/कम)

ग) पेट्रोल, डीजल, खाना पकाने की गैस (एल0पी0जी0) आदि के प्रयोग में बहुत …….. समय तथा श्रम लगता है ।

(अधिक/कम)

घ) युद्ध की स्थिति में रॉकेट द्वारा मिसाइलें छोड़ने की तकनीक में हमारे देश ने ……….. प्राप्त की है ।

(सफलता/ असफलता)

  1. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छॉंटकर लिखिए-

क) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं-

अ) कृषि के क्षेत्र में

ब) ईंधन के क्षेत्र में

स) चिकित्सा के क्षेत्र में

द) उपरोक्त सभी

ख) मिसाइलें हैं-

अ) त्रिशूल

ब) अग्नि

स) पृथ्वी

द) उपरोक्त सभी

ग) कृषि यंत्र है-

अ) यूरिया

ब) ट्रैक्टर

स) शोधित बीज

द) इनमें से कोई नहीं

  1. निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) अल्ट्रासाउन्ड, एक्स-रे, इण्डोस्कोपी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देन नही है ।

ख) चेचक, काली खाँसी, पोलियो आदि की रोकथाम हेतु उपयुक्त प्रतिरोधी टीकों का विकास हुआ है ।

ग) हमने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं ।

घ) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत धीमी गति से विकास हुआ है ।

ङ) परमाणु ऊर्जा का उपयोग चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में अनेक लाभकारी कार्यों के लिए किया जा रहा है ।

इन सवालों का सही जवाब जानने के लिए, कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें और क्विज़ हल करें:

  1. पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से मनुष्य को केवल लाभ ही नहीं मिला है वरन् इससे अनेक प्रकार की हानियाँ भी हुई हैं ।

बड़े-बड़े उद्योगों की संख्या बहुत बढ़ गई है । इनसे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ प्राय: ऐसे ही (बिना उपचार किये) नदियों में बहा दिए जाते हैं अथवा भूमि में विसर्जित कर दिये जाते हैं, जिसके कारण नदियों का जल तथा भू-क्षेत्र प्रदूषित हो रहे हैं । कृषि उपज बढ़ाने के लिए उर्वरकों तथा कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग करने से मृदा प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न हो रही है तथा भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है । मनोरंजन के साधन बढ़ जाने से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है । स्वचालित मशीनों के प्रयोग से कारखानों में मजदूरों की आवश्यकता कम पड़ती है जिसके कारण बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि हुई हैं । जंगलों की अंधा-धुंध कटाई हो रही है, फलस्वरूप जंगलों का विनाश हो रहा है और वातावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है । इतना ही नहीं इसके कारण अनेक प्रजाति के जन्तुओं जैसे बाघों की संख्या में कमी हो रही है तथा उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है ।

विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से होने वाली हानियों से बचने के लिए हमें प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से दोहन करना होगा तथा नये आविष्कारों का उपयोग समाज की उन्नति के लिए करना होगा ।

1.निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (×) का चिह्न लगाइए-

क) हमें प्राकृतिक संसाधनों का अंधा-धुंध इस्तेमाल करना चाहिए ।

ख) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से केवल लाभ ही नहीं बल्कि इससे अनेक प्रकार की हानियाँ भी हुई हैं ।

ग) कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग करने से मृदा प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है ।

घ) जंगलों की अंधा-धुंध कटाई से वातावरण में प्रदूषण घटता जा रहा है ।

ङ) स्वचालित मशीनों के अधिक प्रयोग से बेरोजगारी बढ़ी है ।

HOME PAGE

Up board result kab aayega 2024 जानिए कब तक आएगा यूपी बोर्ड का रिजल्ट

संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1

Garun Puran Pdf In Hindi गरुण पुराण हिन्दी में

Bhagwat Geeta In Hindi Pdf सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी में

MP LOGO

Leave a Comment