UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 4 कार्यपालिका

CLASS 11 POLITICAL SCIENCE 1

UP BOARD SOLUTION FOR CLASS 11 POLITICAL SCIENCE PART 2 CHAPTER 4 कार्यपालिका

मुख्य बिंदु :

• सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को राजनीतिक कार्यपालिका कहते हैं और व सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं ।।

• अध्यक्षात्मक व्यवस्था में राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का ही प्रधान होता है ।।

• जापान में संसदीय व्यवस्था है जिसमें राजा देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है ।।

• इटली में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है ।।

• रूस में एक अर्द्ध अध्य्क्षात्मक व्यवस्था है जिसमे राष्ट्रपति देश का प्रधान और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है ।।

• जर्मनी में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमे राष्ट्रपति देश का नाममात्र का प्रधान और चांसलर सरकार का प्रधान है

• संसदीय व्यवस्था में प्रधानमन्त्री सरकार का प्रधान होता है ।।

● 1978 में श्रीलंका के संविधान का संशोधन करके अध्यक्षात्मक कार्यपालिका लागू की गईं ।।

●राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए चुना जाता है ।। राष्ट्रपति पद के लिए सीधे जनता के द्वारा निर्वाचन नहीं होता ।। राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष तरीके से होता है ।।

● राष्ट्रपति का निर्वाचन आम नागरिक नहीं बल्कि निर्वाचित विधायक और सांसद करते हैं ।।

●अनुच्छेद 74 (1) “राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक – मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रधान, प्रधानमन्त्री होगा ।।

●प्रधानमन्त्री का यह कर्त्तव्य है कि वह राष्ट्रपति द्वारा माँगी गई सभी सूचनाएँ उसे दे ।।

● 1986 में संसद ने ‘भारतीय पोस्ट ऑपिफस (संशोधन) विधेयक पारित किया ।।

● संविधान के 91वें संशोधन अधिनियम (2003) के पहले मंत्रिपरिषद्का आकार समय की माँग और परिस्थितियों के अनुरूप तय किया जाता था ।।
● भारत में प्रधानमन्त्री का सरकार में स्थान सर्वोपरि है ।। बिना प्रधानमन्त्री के मंत्रिपरिषद् का कोई अस्तित्त्व नहीं है ।। मंत्रिपरिषद् तभी अस्तित्व में आती है जब प्रधानमन्त्री अपने पद का शपथ ग्रहण कर लेता है ।।

● भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए उम्मीदवारों का चयन संघ लोक सेवा आयोग करता है ।।

● राज्यों के स्तर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यपालिका बनाते हैं ।। और मंत्रिपरिषद् मिलकर कार्यपालिका बनाते है

● भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त होते हैं और वे केंद्र सरकार की सेवा में वापस जा सकते हैं ।।

अभ्यास प्रश्नावली :

Q1 . संसदीय कार्यपालिका का अर्थ होता है – –

(क) जहाँ संसद हो वहाँ कार्यपालिका का होना

(ख) संसद द्वारा निर्वाचित कार्यपालिका

(ग) जहाँ संसद कार्यपालिका के रूप में काम करती है

(घ) ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत वेफ समर्थन पर निर्भर हो

उत्तर :– : (घ) ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत वेफ समर्थन पर निर्भर हो —

Q2 . निम्नलिखित संवाद पढ़ें ।। आप किस तरफ से सहमत हैं और क्यों? अमित संविधान के प्रावधानों को देखने से लगता है कि राष्ट्रपति का काम सिर्फ ठप्पा मारना है ।।

शमा — राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है ।। इस कारण उसे प्रधानमंत्रीको हटाने का भी अधिकार होना चाहिए ।।
राजेश– हमें राष्ट्रपति की ज़रूत नहीं ।। चुनाव के बाद संसद बैठक बुलाकर एक नेता चुन सकती है जो प्रधानमंत्री बने ।।

उत्तर :– : शमा की बात से हम सहमत है कि क्योंकि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है इसलिए उसे हटाने का अधिकार भी होना चाहिए | सिधांत यह है कि राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से नियुक्ति करता है व संविधान के अनुच्छेद 78 के अनुरूप प्रधानमंत्री अपना कार्य ना करें व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के संबंधों में हुआ था

Q3 . निम्नलिखित को सुमेलित करें –

(क) भारतीय विदेश सेवा जिसमें बहाली हो उसी प्रदेश में काम करती है ।।

उत्तर :– भारतीय विदेश सेवा

भारत के लिए विदेशों में कार्यरत |

(ख) प्रादेशिक लोक सेवा केन्द्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते हैं या देश में कहीं और

उत्तर :– प्रादेशिक लोक सेवा है

जिसमे बहाली हो उसी उसी प्रदेश में काम करती

(ग) अखिल भारतीय सेवाएँ जिस प्रदेश में भेजा जाए उसमें काम करती है, इसमें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है ।।

उत्तर :– : आखिल भारतीय सेवाएँ निस प्रदेश में जाए, उसमे काम करती है ।। इसमें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है |

(घ) केन्द्रीय सेवाएँ भारत के लिए विदेशों में कार्यरत ।।

उत्तर :– केन्द्रीय सेवाएँ केन्द्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते है या देश में कहीं और ।।

Q4 . उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार को जारी किया होगा ।। यह मंत्रालय प्रदेश की सरकार का है या केंद्र सरकार का और क्यों?
(क) एक सरकारी आदेश के अनुसार सन् 2004-05 में तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम कक्षा 7ए 10 और 11 की नई पुस्तके जारी करेगा ।।

उत्तर :– : यह सामाचार तमिलनाडु सरकार के शिक्षा मंत्रालय का है क्योंकि राज्य शिक्षा मंत्रालय ही कक्षा 7, 10, व 11 की शिक्षा के विषयों से संबंधित है ।।

(ख) भीड़ भरे तिरूवल्लुर – चेन्नई खंड में लौह-अयस्क निर्यातकों की सुविधा के लिए ए क नई रेल लूप लाइन बिछाई जाएगी ।। नई लाइन लगभग 80 कि .मी . की होगी ।। यह लाइन पुटुर से शुरु होगी और बंदरगाह के निकट अतिपट्टू तक जाएगी ।।

उत्तर :– यह सामाचार रेलवे मंत्रालय का है जो की केंद्र का विषय है अतः यह केंद्र सरकार के अधीन है यह विषय निर्यात से भी जुड़ा है व यह भी केंद्र सरकार के अधीन है ।।

(ग) रमयमपेट मंडल में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं की पुष्टि के लिए ।। गठित तीन सदस्यीय उप-विभागीय समिति ने पाया कि इस माह आत्महत्या करने वाले दो किसान फंसल के मारे जाने से आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे थे ।।

उत्तरः यह सरकार कृषि मंत्रालय का है जिसमे किसानों की आत्महत्या के कारणों का समिति कि रिपोर्ट के आधार पर किया गया है ।। यह विषय प्रान्त सरकार का है

Q5 . प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करने में राष्ट्रपति –

(क) लोकसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है ।।

(ख) लोकसभा में बहुमत अर्जित करने वाले गठबंधन के दलों में सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है ।।

(ग) राज्यसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है ।।

(घ) गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो ।।

उत्तर :– :

(घ) गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो ।।

Q6 . इस चर्चा को पढ़कर बताएँ कि कौन-सा कथन भारत पर सबसे ज्यादा लागू होता है|

आलोक प्रधानमंत्री राजा के समान है ।। वह हमारे देश में हर बात का फैसला – करता है ।।

शेखर प्रधानमंत्री सिर्फ ‘समान हैसियत के सदस्यों में प्रथम है ।। उसे कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं ।। सभी मंत्रियों और प्रधानमंत्री के अधिकार बराबर हैं ।।

बॉबी प्रधानमंत्री को दल के सदस्यों तथा सरकार को समर्थन देने वाले सदस्यों का ध्यान रखना पड़ता है ।। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो नीति निर्माण तथा मंत्रियों के चयन में प्रधानमंत्री की बहुत ज्यादा चलती है ।।

उत्तर :– बाबी का कथन भारतीय परिपेक्ष्य में प्रधानमंत्री की स्थिति को व्यक्त करता है ।। प्रधानमंत्री की निशिचत रूप से अत्यधिक शक्तियाँ है परन्तु उसके निर्णयों को राजनीतिक कल के सदस्य, सहयोगी दल व तत्कालीन परिस्थितियाँ भी प्रभावित करती है ।।

Q7 . क्या मंत्रिमंडल की सलाह राष्ट्रपति को हर हाल में माननी पड़ती है? आप क्या सोचते हैं अपना उत्तर :– अधिकतम 100 शब्दों में लिखें ।।

उत्तर :– भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 में लिखा है कि राष्ट्रपति को उसके कार्यो में सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडल होगा जो उनकी सलाह के अनुसार कार्य करेगा | 42 वें संविधान संशोधन के अनुसार यह निशिचत किया गया था कि राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल की सलाह अनिवार्य रूप से माननी होगी ।। लेकिन संविधान के 44 वें संविधान संशोधन में फिर यह निशिचत किया कि राष्ट्रपति प्रथम बार में मंत्रिमंडल की सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है व वह उस सलाह को दोबारा विचार विमर्श के लिए वापस भेज सकता है लेकिन दोबारा विचार विमर्श करने के बाद दी गयी सलाह को उसे अनिवार्य रु से मानना होगा |

Q8 . संसदीय व्यवस्था ने कार्यपालिका को नियंत्रण में रखने के लिए विधायिका को बहुत से अधिकार दिए हैं ।। कार्यपालिका को नियंत्रित करना इतना ज़रूरी क्यों है? आप क्या सोचते हैं?

उत्तर :– : संसदीय सरकार की यह प्रमुख विशेषता व गुण है कि यह एक जिम्मेवार उत्तरदायी सरकार है इसमें कार्यपालिका संसद के प्रति जिम्मेवार होते है ।। दोनों में जहर संबंध होता है व विभिन्न संसदात्मक तरीकों से व्यवस्थापिका कार्यपालिका पर लगातार अपना नियन्त्रण बनाती है जो आवश्यक भी क्योंकि संसदात्मक सरकार की यह सबसे बड़ी विशेषता ही कि सरकार या कार्यपालिका पर व्यवस्थापिका का लगातार नियन्त्रण रहने से इस पर नियन्त्रण रहता है ।। इसकी मनमानी पर रोक लगता है पर इससे अच्छे व जनहित के निर्णय लिए जाते है व्यवस्थापिका जनमत पर नियन्त्रण काम रोको प्रस्ताव से व सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार पर नियन्त्रण करती ही जो स्वच्छ प्रशासन व जनहित के लिए आवश्यक भी है ।।

Q9 . कहा जाता है कि प्रशासनिक तंत्र के कामकाज में बहुत ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप होताहै ।। सुझाव के तौर पर कहा जाता है कि ज्यादा से ज्यादा स्वायत्त एजेंसियाँ बननी चाहिए जिन्हें मंत्रियों को जवाब न देना पड़े ।।

(क) क्या आप मानते हैं कि इससे प्रशासन ज्यादा जन हितैषी होगा? (ख) क्या इससे प्रशासन की कार्य कुशलता बढ़ेगी?

(ग) क्या लोकतंत्र का अर्थ यह होता है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण हो ?

उत्तर: हमारे यहाँ दो प्रकार की कार्यपालिका है :

एक राजनितिक कार्यपालिका जो अस्थाई होते है व जिसमें मंत्रियों के रूप में जनप्रतिनिधि होते है दूसरी स्थाई कार्यपालिका होती है जिसमे सरकारी कर्मचारी होते हैं जो अपने अपने क्षेत्रों में अनुभवी व विशेषज्ञ होते है ।।

स्थाई नौकरशाही एक निशिचत राजनितिक प्रशासनिक वातावरण में कार्य करती है जिसमे क्षमताओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है ।। परन्तु संसदात्मक कार्यपालिका में यह सम्भव नहीं है कि प्रशासनिक संस्थाएँ पूरी तरह से स्वायत हो व उसमे राजनितिक सलाह का कोई प्रभाव ना हो ।।

प्रतिधानात्मक प्रजातंत्र जनप्रतिनिधि जनता के हितों के रक्षक माने जाते हैं तथा प्रशासनिक कर्मचारियों व प्रशासनिक अधिकारीयों का यह दायित्व है कि जनप्रतिनिधि के निर्देशन में जनहित का ध्यान रखने हुए निति निर्माण करे |

Q10 . नियुक्ति आधारित प्रशासन की जगह निर्वाचन आधारित प्रशासन होना चाहिए इस विषय पर 200 शब्दों में एक लेख लिखो ।।

उत्तर :– : आज भारत में दो प्रकार के कार्यपालिका है एक चुनी हुई राजनितिक अस्थाई कार्यपालिका व दूसरी निष्पक्ष, अराजनीतिक, निश्चित योग्यता के आधार पर निश्चित विधि के द्वारा नियुक्त स्थाई कार्यपालिका जिसमे क्लर्क से लेकर मुख्य सचिव शामिल है | राजनितिक कार्यपालिका के सदस्य विधानपालिका व संसद या व्यवस्थापिका के सदस्य होते है जिनका चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है ।। इनकी एक निश्चित राजनितिक सोच होती है जिसके आधार पर ये चुनाव जीतते है व उसी आधार पर निति निर्माण करके उसे लागू करने का प्रयास करते हैं ।।

दूसरी कार्यपालिका जिसको नौकरशाही कहते हैं अराजनीतिक रूप से अपने अनुभव व योग्यता के आधार पर कार्य करते हैं ।। स्थाई कार्यपालिका के सदस्यों का निशिचत योग्यता के आधार पर निश्चित विधि के द्वारा निष्पक्षता के आधार पर लम्बे समय के लिए नियुक्त किया जाता है ।। केंद्र में ये नियुक्तियां यु .पी .एस .सी . करती हैं व प्रांत में राज्यों की अपनी प . सर्विस कमिशन होती है ।। ये कर्मचारी निश्चित नियमों के आधार पर व निश्चित मापदंडों के आधार पर कार्य करते है

इस स्थिति में यह उचित नहीं होगा कि प्रशासनिक कर्मचारियों व अधिकारीयों का बहुनाव किया जाये क्योंकि सरकारी पदों पर कार्य करने के लिए निश्चित शैक्षणिक व तकनिकी योग्यताओं की आवश्यकता अवश्य होती है ।।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :

Q1 . कार्यपालिका क्या है ?

उत्तर :– कार्यपालिका का अर्थ व्यक्तियों के उस समूह से है जो कायदे-कानूनों की संगठन को रोजाना लागू करते हैं ।।

Q 2 . कार्यपालिका के प्रमुख कार्य क्या ?

उत्तर :– कार्यपालिका के प्रमुख कार्य

(i) कार्यपालिका सरकार का वह अंग हैं जो विधायिका द्वारा स्वीकृत नीतियों और कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है ।।

(ii) कार्यपालिका प्रायः नीति निर्माण में भी भाग लेती है ।। कार्यपालिका का औपचारिक नाम अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न होता है ।। कुछ देशों में राष्ट्रपति होता है, तो कहीं चांसलर ।।

(iii) कार्यपालिका में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या मंत्री ही नहीं होते बल्कि इसके अंदर पूरा प्रशासनिक ढाँचा ; सिविल सेवा के सदस्य भी शामिल है ।।

Q 3 . राजनीतिक कार्यपालिका या स्थायी कार्यपालिका किसे कहते है ?

उत्तर :– सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को राजनीतिक कार्यपालिका कहते हैं आरै वे सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं लेकिन जो लोग रोज़ – रोज़ के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते हैं, उन्हें स्थायी कार्यपालिका कहते हैं ।।

Q4 . कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर :– कार्यपालिका दो प्रकार की होती है :

(1) सामूहिक नेतृत्व के सिद्धन्त पर आधारित प्रणाली

(a) संसदीय

(i) सरकार के प्रमुख को आमतौर पर प्रधानमंत्री कहते हैं ।।

(ii) वह विधायिका में बहुमत वाले दल का नेता होता है ।। वह विधायिका के प्रति जवाबदेह होता है ।।

(iii) देश का प्रमुख इनमें से कोई भी हो सकता है: (राजा या राष्ट्रपति )

(b) अर्ध- अध्यक्षात्मक

(i) राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है ।।

(ii) प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है ।।

(iii) प्रधानमंत्री और उसका मंत्रिपरिषद् विधायिका के प्रति जवाबदेह होता है ।।

(2) एक व्यक्ति के नेतृत्व के सिद्धांत पर आधारित प्रणाली

(a) अध्यक्षात्मक

(i) राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है ।।

(ii) वही सरकार का भी प्रमुख होता है ।।

(iii) राष्ट्रपति का चुनाव आमतौर पर प्रत्यक्ष मतदान से होता है ।।

(iv) वह विधायिका के प्रति जवाबदेह नहीं होता ।।

Q5 . भारत में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार का वर्णन कीजिए |

उत्तर :– संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति को सभी महत्त्वपूर्ण मुद्दों और मंत्रिपरिषद् की कार्यवाही के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार है ।।

प्रधानमंत्री का यह कर्त्तव्य है कि वह राष्ट्रपति द्वारा माँगी गई सभी सूचनाएँ उसे दे ।। राष्ट्रपति प्रायः प्रधानमंत्री को पत्र लिखता है और देश की समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त करता है ।।

भारत में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार निम्न प्रकार से है

(i) राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् की सलाह को लौटा सकता है और उसे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है ।। ऐसा करने में राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग करता है ।। जब राष्ट्रपति को ऐसा लगता है कि सलाह में कुछ गलती है या कानूनी रूप से कुछ कमियाँ हैं या फैसला देश के हित में नहीं है, तो वह मंत्रिपरिषद् से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है ।।

(ii) राष्ट्रपति के पास वीटो की शक्ति (निषेधाधिकार) होती है जिससे वह संसद द्वारा पारित विधेयकों (धन विधेयकों को छोड़ कर) पर स्वीकृति देने में विलंब कर सकता है या स्वीकृति देने से मना कर सकता है ।।

(iii) तीसरे प्रकार का विशेषाधिकार राजनीतिक परिस्थितियों के कारण पैदा होता है औपचारिक रूप से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है ।। सामान्यतः अपनी संसदीय व्यवस्था में लोकसभा के बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है, इसलिए उसकी नियुक्ति में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार का कोई प्रश्न ही नहीं ।।

Q6 . भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव किस प्रकार होता है तथा इनको किस प्रकार इनके पद से हटाया जा सकता है ?

उत्तर :– : उपराष्ट्रपति पाँच वर्ष के लिए चुना जाता है ।। उसको भी उसी तरह चुनते हैं जैसे राष्ट्रपति को चुना जाता है ।। केवल इतना अंतर है कि उसके निर्वाचक मंडल में राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं होते ।।

उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्य सभा को अपने बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पास करना पड़ता है और उस प्रस्ताव पर लोक सभा की सहमति लेनी पड़ती है ।। उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होता है और राष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्रा, महाभियोग द्वारा हटाए जाने या अन्य किसी कारण से यह पद रिक्त होने पर वह कार्यवाहक राष्ट्रपति का काम करता है ।।

Q7 . भारत में उपराष्ट्रपति एक कार्यवाहक के रूप में किस प्रकार कार्य करते हैं ?

उत्तर :– : उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होता है और राष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र, महाभियोग द्वारा हटाए जाने या अन्य किसी कारण से यह पद रिक्त होने पर वह कार्यवाहक राष्ट्रपति का काम करता है ।। उपराष्ट्रपति तभी तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करता है जब तक कोई नया राष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता ।।

उदाहरण के लिए :

फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद बीडी जत्ती तब तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करते रहे जब तक नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो गया ।।

Q8 . यु .पी .एस .सी . ( संघ लोक सेवा आयोग ) के क्या कार्य है ?
उत्तर :– : संघ लोक सेवा आयोग (यु .पी .एस .सी) वह संवैधानिक संस्था है जिसका मुख्य कार्य अखिल भारतीय स्तर व केन्द्रीय स्तर के सेवाओं के लिए पदों की सेवा शर्त तय करना परीक्षाओं का संचालन करना व साक्षात्कार करना विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिशें करना ।। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है

Q9 . निम्नलिखित शब्दों का पूरा नाम लिखिए :

( आई ए एस ) और ( आई पी एस )

उत्तर :–

(i) आई .ए .एस . — भारतीय प्रशासनिक सेवा

(ii) आई . पी . एस = भारतीय पुलिस सेवा

इन दोनों उम्मीदवारों का चयन संघ लोक सेवा आयोग करता है ।।

Q 10 . भारत में सिविल सेवा आयोग कितने प्रकार की होती है ?

उत्तर :– भारत में सिविल सेवा आयोग मुख्यत: तीन प्रकार की होती है

(1) अखिल भारतीय सेवाएँ

(a) भारतीय प्रशासनिक सेवा

(b) भारतीय पुलिस सेवा

(2) केन्द्रीय सेवाएँ

(a) भारतीय विदेश सेवा

(b) भारतीय राजस्व सेवा

(3) प्रांतीय सेवाएँ

(a) बिक्रीकर अधिकारी

Q11 . राजनीतिक हस्तक्षेप से नौकरशाही राजनीतिज्ञों के हाथ का खिलौना बन जाती है ।। कैसे

उत्तर :– नौकरशाही वह माध्यम है जिसके द्वारा सरकार की लोकहितकारी नीतियाँ जनता तक पहुँचती है ।। पर नौकरशाही इतनी शक्तिशाली होती है कि आम आदमी सरकारी अधिकारियों तक पहुँचने से डरता है ।। यह लोगों का आम अनुभव है कि नौकरशाही सामान्य नागरिकों की माँगों और आशाओं के प्रति संवेदनशील नहीं होती ।। लेकिन जब लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार नौकरशाही को नियंत्रित करती है, तब इनमें से कुछ समस्याओं को प्रभावी तरीके से हल किया जा सकता है ।। तथा ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप से नौकरशाही राजनीतिज्ञों के हाथ का खिलौना बन जाती है ।। हालाँकि संविधान ने भर्ती के लिए एक स्वतंत्र मशीनरी बनायी लेकिन अनेक लोगों का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यों के संपादन में राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है ।।

Q12 . भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति में राष्ट्रपति की भूमिका का वर्णन कीजिए |

उत्तर :– भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति में राष्ट्रपति की भूमिका निम्न प्रकार से है

यदि भारत में किसी राजनितिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला हो तो राष्ट्रपति एक लम्बी प्रक्रिया अपनाते है तथा किसी गठबंधन के नेता को अपने दावे के समर्थन में संबंधित राजनितिक दलों के दस्तावेज़ प्रस्तुत करने को कह सकते है और पदग्रहण करने के मात्र दस दिनों के भीतर विश्वास मत प्राप्त करने को भी कह सकते है ।।

उदाहरण के लिए :

मार्च 1998 के चुनाव में किसी भी दल या दलीय गठबंधन को बहुमत नहीं मिला ।। भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कुल 251 सीटें मिलीं जो बहुमत से 21 कम थी ।। ।।

तब राष्ट्रपति नारायणन ने एक लंबी प्रक्रिया अपनाई ।। उन्होंने गठबंधन के नेता अटल बिहारी बाजपेयी से अपने दावे के समर्थन में संबंधित राजनीतिक दलों के दस्तावेज़ प्रस्तुत करने को कहा ।। इससे भी आगे जाकर राष्ट्रपति ने वाजपेयी को पदग्रहण करने के मात्र दस दिनों के भीतर विश्वास मत प्राप्त करने को कहा ।।
Q13 . वीटो पावर या निषेधाधिकार क्या है ?

उत्तर :– राष्ट्रपति के पास वीटो की शक्ति (निषेधाधिकार) होती है जिससे वह संसद द्वारा पारित विधेयकों (धन विधेयकों को छोड़ कर) पर स्वीकृति देने में विलंब कर सकता है या स्वीकृति देने से मना कर सकता है ।। संसद द्वारा पारित प्रत्येक विधेयक को कानून बनने से पूर्व राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है ।। राष्ट्रपति उसे संसद को लौटा भी सकता है ।।

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