Up board 10th hindi exam paper 2024 (801HF)
खण्ड – ‘अ’
बहुविकल्पीय प्रश्न ( वस्तुनिष्ठ) प्रश्न
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल प्रसिद्ध हैं
(A) कहानी-लेखन के लिए
(B) उपन्यास-लेखन के लिए
(C) आलोचना-साहित्य के लिए
(D) नाटक-लेखन के लिए
- ‘गोदान’ उपन्यास के लेखक हैं
(A) यशपाल
(B) प्रेमचन्द
(C) मोहन राकेश
(D) धर्मवीर भारती
3- नीड़ का निर्माण फिर’ के रचनाकार हैं
(A) हरिवंश राय ‘बच्चन’
(B) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
(C) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(D) रामविलास शर्मा
- ‘झूठा सच’ उपन्यास के लेखक हैं
(A) यशपाल
(B) कमलेश्वर
(C) रांगेय राघव
(D) चतुरसेन शास्त्री
- छायावाद की मुख्य प्रवृत्ति है
(A) आश्रयदाताओं की प्रशंसा
(B) रीतिग्रन्थों का निर्माण
(C) श्रृंगार और प्रेम वेदना
(D) भक्ति-भावना
- ‘कलम का सिपाही’ जीवनी है
(A) जयशंकर प्रसाद की
(C) मोहन राकेश की
(B) प्रेमचन्द की
(D) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की
- ‘घनानन्द’ किस काव्यधारा के कवि हैं ?
(A) रीतिबद्ध
(B) रीतिसिद्ध
(C) रीतिमुक्त
(D) आधुनिक काल
- ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक हैं
(A) मोहन राकेश
(B) प्रेमचन्द
(C) धर्मवीर भारती
(D) गुलाब राय
- ‘जहाज का पंछी’ कृति की विधा है
(A) नाटक
(B) कहानी
(C) उपन्यास
(D) निबन्ध संग्रह
- ‘तारसप्तक’ का प्रकाशन वर्ष है
(A) 1942 ई०
(B) 1953 ई०
(C) 1943 ई०
(D) 1940 ई०
- ‘निर्वेद’ स्थायी भाव है
(A) हास्य रस का
(B) करुण रस का
(C) शान्त रस का
(D) अद्भुत रस का
- ‘पीपर पात सरिस मन डोला’ में अलंकार है
(A) श्लेष अलंकार
(B) उपमा अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) रूपक अलंकार
- ‘रोला’ छन्द में कुल चरण होते हैं
(A) दो
(B) चार
(C) तीन
(D) पाँच
- ‘आगमन’ में किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है ?
(A) ‘वि’
(C) ‘मान’
(B) ‘अक’
(D) ‘आ’
- ‘भलाई’ में प्रत्यय है
(A) भला
(C) आई
(B) ई
(D) इनमें से कोई नहीं
- ‘नीलाम्बर’ में कौन-सा समास है ?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) कर्मधारय
(D) बहुव्रीहि
- ‘आम’ का तत्सम है
(A) आम्ब
(B) आम्र
(C) अम्बु
(D) अम्म
- ‘कर्तृवाच्य’ में प्रधानता होती है
(A) कर्ता की’
(C) भाव की
(B) कर्म की
(D) इनमें से कोई नहीं
- ‘ताभ्यः’ शब्द में वचन और विभक्ति है
(A) षष्ठी विभक्ति, एकवचन
(D) इनमें से कोई नहीं
(B) सप्तमी विभक्ति, द्विवचन
(C) षष्ठी विभक्ति, बहुवचन
(D) चतुर्थी विभक्ति, बहुवचन
- निम्नलिखित में सर्वनाम है
A) काला
(B) घोड़ा
(C) वह
(D) लड़का
खण्ड – ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न
1- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित दिए गए तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए: – 3×2=6
बुद्ध के इस जन्म की घटनाएँ तो इन चित्रित कथाओं में हैं ही, उनके पिछले जन्मों की कथाओं का भी इसमें चित्रण हुआ है। पिछले जन्म की ये कथाएँ ‘जातक’ कहलाती हैं। उनकी संख्या 555 है और इनका संग्रह ‘जातक’ नाम से प्रसिद्ध है, जिनका बौद्धों में बड़ा मान है। इन्हीं जातक कथाओं में अनेक अजंता के चित्रों में विस्तार के साथ लिख दी गयी हैं। इन पिछले जन्मों में बुद्ध ने गज, कपि, मृग आदि के रूप में विविध योनियों में जन्म लिया था और संसार के कल्याण के लिए दया और त्याग का आदर्श स्थापित करते, वे बलिदान हो गये थे।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ii) गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) ‘जातक’ कथाएँ किन्हें कहते हैं ?
अथवा
रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में बैठी हुई युवती ममता, शोण के तीक्ष्ण गंभीर प्रवाह को देख रही है। ममता विधवा थी । उसका यौवन शोण के समान ही उभड़ रहा था। मन में वेदना, मस्तक में आँधी, आँखों में पानी का बरसात लिए, वह सुख के कंटक-शयन में विकल थी। वह रोहतास दुर्गपति के मंत्री चूड़ामणि की अकेली दुहिता थी, फिर उसके लिए कुछ अभाव होना असंभव था, परंतु, वह विधवा थी । हिन्दू-विधवा संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी है – तब उसकी विडंबना का अन्त कहाँ था ?
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंशं की व्याख्या कीजिए ।
(iii) गद्यांश के आधार पर संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी कौन है ?
- अपने पठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए:
(क) (i) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग का सारांश लिखिए ।
(ख) (i) ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए ।
(ii) ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘जवाहरलाल नेहरू’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
ग (1) ‘मेबाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दौलत’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘मेवाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के किसी सर्ग का सारांश लिखिए ।
(घ) (i) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
(ii) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘युधिष्ठिर’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ङ) (i) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘सुभाष चन्द्र बोस’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के प्रथम सर्ग का सारांश लिखिए ।
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(च) (i) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के किसी एक सर्ग का सारांश लिखिए।
(ii) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘चन्द्रशेखर आजाद’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(छ) (i) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कृष्ण’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘द्रौपदी’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ज) (i) ‘कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘भरत’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के ‘आगमन’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए ।
(झ ) (i) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘लक्ष्मण’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के किसी एक सर्ग की कथा संक्षेप में लिखिए।
- (क) दिए गए लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय लिखते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए:– 3 + 2 = 5
(i) जयशंकर प्रसाद
(ii) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(iii) डॉ० भगवतशरण उपाध्याय ।
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(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रभास का उद्देख कीजिए।
महाकवि सूरदास
बिहारी साल।
- अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठाय कोई एक शलोक लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आया हो।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए।
A गृहे सत मित्रं किम् ?
B चन्द्रशेखरः स्वगृहं किम् अवदत् 7
C प्रहेलिकायाः उत्तरं किम् आसीत्!
D वाराणसी के संगमस्थली अस्ति ?
- निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर निबन्ध तिखिए:
(i) मेरी प्रिय पुस्तक
(2) पर्यावरण संरक्षण के उपाय
(iii) साहित्य और समाज
(iv) विज्ञान की उपयोगिता ।
(v) नारी सशक्तीकरण
(vi) प्रदुषण
- दिये गये पद्यांश पर आधारित तीन प्रश्नों का उत्तर दीजिए:
मुनि सुन्दर बैन सुधारस साने सयानी है जानकी जानी भती। तिरछे करि जैन, है हीन, तिन्हें, समुझाइ कडू युगकार चलीं। तुलसी तेहि औसर सोहें सभी अवलोकति लोचन लाहु अली। अनुराग-तड़ाग में भानु उर्दै विराधी मनु मंजुल कंज काली।
(1) उपर्युक्त पद्मांश का सन्दर्भ लिखिए।
(4) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ii) ‘अनुराण-ताप’ तथा ‘मनु मंजुल कंज कली’ में कौन-सा अंलकार है।
अधवा
सच्चा प्रेम यही है जिसकी तृप्रि आत्यबलि पर हो निर्भर । त्याग बिना निष्याण प्रेम है, करो प्रेम पर प्राग निछावर ।।
देश प्रेम यह पुण्य क्षेत्र है, अमत असीम त्याग से विलसित ।
आत्मा के विकास से जिसमें मनुध्यता होती है विकसित ।
(1) उपर्युल पद्यांश के शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंग की व्याख्या कीजिए।
(iii) प्रस्तुत पद्यांश में किसके प्रेम पर प्राण न्यौछावर करने की बात कही गयी है ?
3- निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद भीजिए।
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वाराणस्यां प्राचीनकालदेव गेहे गेहे विद्यायाः दिष्यं ज्योतिः द्योतते। अधुनाऽपि अव संस्कृयाधारा अध्ययने अध्यापने च इदारी निता के भारतीयाः अपि वैदेशिका: गीर्माणमण्या अध्গ্নথনায अत्र आगच्छति, निःशुल्कं च विद्यां गृह्णन्ति। हिन्दूविश्वविद्यालयः, संस्कृत मिश्वविद्यालयः, काशी विद्यापीठ इत्येते अथ विश्वद्यालयाः सन्तिषुबीनानांना शनिमिषयाणाम् अध्ययनं प्रचलितः ।
“विश्वस्य सष्टा ईश्वरः एक एवं इति भारतीयम्। विभिन्न दिनभि एकम् एवं ईश्वरं भजन्नते। अभिः, इन्द्रः, कृष्णः, कीम: राय, रहीम, जिनः, बुदः, जित, अहाह इत्यादीनि नामानि एकस्य एवं परमात्मनः सन्ति। तम् एव सर्वेषां महानां समवायः सम्मानश्च अस्माकं संस्कृते सन्देशः।
4- दिए गए संस्कृत पद्यांस में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए 2 * 3 = 5
वन्धनं मरणं वापि जयो वापि पराजयः ।
उभयत्र समो बीरः बीर भावो हि वीरता ।।
सार्थः प्रवसतो मित्रं भार्या मित्र गृहे सतः ।
आतुरस्य भिषक मित्रं दानं मित्रं मरिष्यतः ।।
अधवा