Up board solution for class 8 hindi manjari sanskrit chapter 1 भोजस्य राज्यप्राप्ति

Up board solution for class 8 hindi manjari sanskrit chapter 1

Up board solution for class 8 hindi manjari sanskrit chapter 1 भोजस्य राज्यप्राप्ति

भोजस्य राज्यप्राप्ति

पाठ का हिन्दी अनुवाद

पूरा धाराराज्ये सिंधुलनामकः राजा चिर प्रजाः पर्यपालयत् तस्य वृद्धावस्थायां भोजः इति पुत्रः अजायत | स यदा पञ्चवर्षीयः आसीत् तदा तस्य पिता आत्मनः जरां ज्ञात्वा अनुजं महाबलं मुञ्जमवदत् -” त्वं मम पुत्रं भोजं परिपालय । अपि च यावद् असौ राज्यभारं वोढुम् अक्षमः तावत् त्वमेव राज्यं कुरू ।

हिन्दी अनुवाद – प्राचीन काल में धारा राज्य में सिन्धुल नामक राजा ने प्रजा पर शासन किया। उसकी वृद्धावस्था में भोजु नामक पुत्र पैदा हुआ। जब वह पाँच वर्ष का था तब उसके पिता ने अपना बुढ़ापा जानकर छोटे भाई ‘महाबली मुञ्ज से कहा- “तुम मेरे पुत्र भोज का पालन करो। वह जब तक इस राज्य के भार को सहने में सक्षम हो, तब तक तुम ही राज्य करो।


दिवङ्गते राजनि राज्यं शासतः मुञ्जस्य पापबुद्धिः उत्पन्ना यद् अयं बालो युवा भविष्यति तदा अहं राजा न भविष्यामि इति ततः स भोजं हन्तुं निश्चितय स्वमित्रं वत्सराजं प्राह-” त्वं भुनेश्वरीविपिने निशायां भोजं हत्वा तस्य शिरः मह्यम् देहि ।”

वत्सराजः रात्रौ भोजं भुवनेश्वरीमंदिरं नीत्वा अवोचत् राजा भवतः वधः आदिष्टः इति । तस्मिन काले भोजः स्वरक्तेन वटपत्रे एकं श्लोकम् अलिखत् । तेन श्लोकेन वैराग्यमापन्नः वत्सराजः भोजं भूमिगृहान्तरे सुरक्षितवान् स्वयं च कृत्रिमं मस्तकं राजानं दर्शयित्वा प्राह “श्रीमता यद् आदिष्टं तत् साधितम् इति ततः भोजस्य ततपत्रं राज्ञेददात् । राजा पत्राक्षराणि अवाचयत् –

हिन्दी अनुवाद – राजा के मरने पर मुञ्ज की पाप-बुद्धि पैदा हुई कि यह बालक जब जवान होगा, तब मैं राजा नहीं होऊँगा । इसलिए उसने भोज को मारने का निश्चय करके अपने मित्र वत्सराज से कहा, तुम भुवनेश्वरी जंगल में रात्रि में भोज को मारकर उसका सिर मुझे दो।” वत्सराज भोज को रात में भुवनेश्वरी मन्दिर ले जाकर बोला “राजा ने आपको मारने का आदेश दिया है।’ उस समय भोज ने अपने खून से वट पत्र पर एक श्लोक लिखा । उस श्लोक के द्वारा वैराग्य को प्राप्त हुए वत्सराज ने भोज को भूमिगत तहखाने में छिपा दिया। स्वयं कृत्रिम मस्तक राजा को देकर कहा ‘ श्रीमान जैसा आदेश मिला, वैसा पूरा किया।’ उसने भोज के उस पत्र को राजा को दे दिया। राजा ने पत्र के अक्षरों को पढ़ा |


मान्धाता च महीपतिः कृतयुगालङ्कारभूतो गतः सेतुर्येन महोदधौ विरचितः क्वासौ दशस्यान्तकः । अन्ये चापि युधिष्ठिरप्रभृतयो याता दिवं भूपते ! नैकेनापि समं गता वसुमती मुञ्ज त्वया यास्यति ॥

( भोजप्रबन्धः )

हिन्दी अनुवाद – सतयुग के आभूषण राजा मान्धाता भी पृथ्वी से चले गए। जिन्होंने समुद्र पर सेतु का निर्माण कराया, दशानन का वध करने वाले वे राम कहाँ हैं? अर्थात् वे भी धरती पर नहीं रहे। राजन्! युधिष्ठिर आदि अन्य प्रसिद्ध राजा भी स्वर्ग सिधार गए। इस प्रकार हे मुञ्ज! किसी एक के भी साथ पृथ्वी नहीं तो क्या तुम्हारे साथ जाएगी? नहीं।

राजा श्लोकस्यार्थं विचार्य अत्यन्तं लज्जितः सन् प्रश्चित्तस्वरूपेण अग्नौ शरीरं दग्धुं समुद्यतः । तस्मिन्नेव काले ‘भोजः जीवति’ इति रहस्यं वत्सराजः उद्घाटितवान् । तेन अतीव प्रसन्नः मुन्जः भोजं राजसिंहासने स्थापयित्वा स्वयं पत्न्या सह तपोवनं जगाम ।

(बल्लालसेनस्य भोजप्रबन्धात् रचितम्)

हिन्दी अनुवाद – राजा श्लोक के अर्थ पर विचार करके अत्यन्त लज्जित हुआ और प्रायश्चित रूप से शरीर को अग्नि में जलाने के लिए तैयार हो गया। उसी क्षण ‘भोज जीवित है’ ऐसा रहस्य वत्सराज ने खोला। उससे अत्यन्त प्रसन्न होकर मुञ्ज भोज को राजसिंहासन पर स्थापित करके स्वयं पत्नी सहित तपोवन को गया।

(शब्दार्थ)

पुरा प्राचीन काल में चिरम् = बहुत काल तक । पर्यपालयत् = शासन किया। पञ्चवर्षीयः = पाँच वर्ष की अवस्था वाला। जराम् = बुढ़ापा को । परिपालय = पालन-पोषण करो। वोढुम् = वहन करने में। विपिने वन में। नीत्वा = ले जाकर । वैराग्यम् = विरक्ति को आपन्नः प्राप्त हुआ। भूमिगृहान्तरे = भूमिगृह में, तहखाने में सुरक्षितवान् = छिपा दिया। कृत्रिमम्= बनावटी । दग्धुम् = जलाने के लिए।

श्लोकार्थ:-

सत्ययुग के आभूषण राजा मान्धाता भी पृथ्वी से चले गये। जिन्होंने समुद्र पर सेतु का निर्माण कराया, दशानन का वध करने वाले वे राम कहाँ हैं? अर्थात् वे भी धरती पर नहीं रहे। हे राजन् ! युधिष्ठिर आदि अन्य प्रसिद्ध राजा दिवंगत हो गये। इस प्रकार हे मुंज! किसी एक के भी साथ धरती नहीं गयी तो क्या तुम्हारे साथ वह जायेगी ? नहीं।

अभ्यास प्रश्न :-


1- उच्चारण करें-
वैराग्यमापन्नः
वृद्धावस्थायाम्
वोढुम्
अक्षमः
पत्राक्षराणि
भुवनेश्वरीविपिने
प्रायश्चित्तस्वरूपेण
स्थापयित्वा

2- एक पद में उत्तर दें-

(क) राजा सिन्धुलः कुत्र राज्यम् अकरोत् ?

उत्तर – धाराराज्ये


(ख) मुंजस्य कीदृशी बुद्धिः उत्पन्ना ?

उत्तर -पापबुद्धि

(ग) वत्सराजः भोजं कुत्र अनयत् ?

उत्तर -भुवनेश्वरी मन्दिर।


(घ) वत्सराजः भोजं कुत्र रक्षितवान् ?

उत्तर -भूमिगृहान्तरे।


(ङ) मुंजस्य भोजं राजसिंहासने स्थापयित्वा स्वयं पत्न्या सह कुत्र जगाम ?

उत्तर -तपोवनं।

3- किसने किससे कहा-

(क) त्वं मम पुत्रं भोजं परिपालय

उत्तर – सिन्धुलः मुञ्जमवदत्।।

(ख) भोजं हत्वा तस्य शिरः मह्यम् देहि

उत्तर -मुञ्जः स्वमित्रं वत्सराजं प्राह।

(ग) राजा भवतः वधः आदिष्टः

उत्तर –

वत्सराजः भोज अवोचत्।

(घ) श्रीमता यद् आदिष्टं तत् साधितम् ।

उत्तर –

वत्सराजः मुञ्ज प्राह।

4- निम्नलिखित पदों का सन्धि-विच्छेद करें-
पद……………..सन्धि-विच्छेद

पर्यपालयत् =……….+………..
वृद्धावस्थायाम् = …….+………..
नैकेनापि = …….+………..

उत्तर –

पर्यपालयत् = पय + अपालयत
वृद्धावस्थायाम् = वृद्ध + अवस्थायाम्
नैकेनापि = न + एकेन + अपि


5- संस्कृत मं अनुवाद करें-

(क) रमेश तेरह वर्ष का है ।
(ख) जब वह आयेगा तब पुस्तक पाएगा
(ग) पहले भोजपत्र पर ग्रन्थ लिखा जाता था ।
(घ) तुम भाई के साथ यहाँ आओ

उत्तर –

रमेशः त्रयोदशवर्षीयः अस्ति।
यदा सः आगमिष्यति तदा पुस्तकम् लभति।
पुरा भोजपत्र ग्रन्थं अलिखततान्।।
त्वं भ्रातं सह अत्र आगमनं कुरु।।

6- मंजूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
सिन्धुलनामकः वटपत्रे भोजं तपोवनं

(क) पुरा धाराराज्ये ………… राजा चिरं प्रजाः पर्यपालयत् ।
(ख) वत्सराजः ……………… भूमिगृहान्तरे सुरक्षितवान् ।
(ग) भोजः स्वरक्तेन……………एकं श्लोकम् अलिखत् ।
(घ) मुजः स्वयं पत्न्या सह.. ……….. तपोवनं जगाम |

उत्तर –

(क) पुरा धाराराज्ये सिन्धुनामकः राजा चिरं प्रजाः पर्यपालयत् ।
(ख) वत्सराजः तपोवनं भूमिगृहन्तिरे सुरक्षितवान् ।
(ग) भोजः स्वरक्तेन वटपत्रे एक श्लोकम् अलिखत् ।।
(घ) मुञ्जः स्वयं पत्न्या सह भोजं तपोवनं जगाम। ।

HOME PAGE

Up board result kab aayega 2024 जानिए कब तक आएगा यूपी बोर्ड का रिजल्ट

संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1

Garun Puran Pdf In Hindi गरुण पुराण हिन्दी में

Bhagwat Geeta In Hindi Pdf सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दी में

MP LOGO

Leave a Comment