UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 18 एत बालका:

UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 1 aashram आश्रमः
UP Board Solution for Class 8 Sanskrit

UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 18 एत बालका:


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पाठ 18 एत बालका: पाठ का सम्पूर्ण हल

एत बालकाः ! स्वयं चलाम।
काठिन्यं दूरे करवाम ।।1।।
एत नयाम नभस्तारकम् ।
दूरे कुर्मश्चान्धकारकम् ।।2।।

हिन्दी अनुवाद – आओ बालक! स्वयं चलें, कठिनाई (परेशानी) दूर करें।
आओ! आकाश के तारे ले आएँ और अन्धकार को दूर करें।

एत पर्वतानपि परिमाम ।
शक्तिसमुदयं नैव जहाम || 3 ||

एत सागरं प्रति गच्छाम ।
जीवनकलशं ननु विभराम ।।4।।

हिन्दी अनुवाद – आओ! पर्वतों को भी नापें और एकता का त्याग न करें।
आओ! सागर की ओर चलें । जीवन रूपी कलश को मिश्रित रूप में भरें।

एतातुलितां शक्तिं लब्ध्वा,
पौरुषेण खलु भाग्यं बद्ध्वा ।
एत विदध्म तपो नवीनम्,
पूरयेम वाञ्छाकमनीयम् ||5||

हिन्दी अनुवाद – आओ! अतुलित शक्ति प्राप्त करके पुरुषार्थ से निश्चय ही भाग्य को बाँध लें ।
आओ! नवीन तप का विधान करें, इच्छित सुन्दर कामना को पूर्ण करें।

सेवामहे जनांश्च निकामम् ।
लोभं विना सुधापाः कामम् ॥16॥
एत जयेम मनांसि जनानाम्
जीवनमिह सफलं बालानाम् ||7||

हिन्दी अनुवाद – अमृतपान करने वाली कामना के अनुसार और वि- लोभ के लोगों की सेवा करें।
आओ! इस जीवन में सकल नर-नारी के मनों को जीत लें।

एत विकुर्मो भ्रान्तिसमूहम् ।
दर्शयेम नवमार्गारोहम् ॥ 8 ॥
एत मङ्गलं बहु वितरेम।
विश्वमनल्पं लघु कलयेम ||9||

हिन्दी अनुवाद – आओ! भ्रान्ति-समूह (भ्रान्तियाँ) को दूर करें ! चढ़ने का नया मार्ग दिखाएँ।
आओ! बहुत कल्याण (भलाई) करें और विश्व की कमी दूर करें।

शब्दार्थः

एत = आओ। नयाम = ले आयें। अन्धकारकम् = अंधकार को । परिमाम= नाप लें। जहाम = त्याग करें। विभराम = पूर्ण करें, भरें। अतुलिताम् = अतुलनीय, अपरिमित । लब्ध्वा = प्राप्त कर । बद्ध्वा = बाँधकर विदध्म विधान करें। पूरयेम पूर्ण करें। वाञ्छाकमनीयम् = इच्छित सुन्दर कामना को सेवामहै सेवा करें। निकामम् = पर्याप्त, यथेच्छ। सुधापाः = अमृतपान करने वाले। कामम् = कामना के अनुसार । इह = यहाँ। विकुर्मः = दूर करते हैं | दर्शयेम= दिखायें| नवमार्गारोहम् = नये मार्ग पर चलना । अनल्पम् =सम्पूर्ण | कलयेम =बनावें

एत बालका: पाठ के अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1 – उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2 – एकपदेन उत्तरत
(क) काठिन्यं किं करवाम ?
उत्तर – दूरे ।

(ख) वयं किं परिमाम ?
उत्तर – पर्वतान।

(ग) किं दूरे कुर्मः ?
उत्तर – अन्धकारम् ।

(घ) किं विभराम ?
उत्तर – जीवनक्लेशं ।

प्रश्न 3 – एकवाक्येन उत्तरत
(क) काठिन्यं दूरं कर्तुं वयं किं करवाम ?
उत्तर – काटिन्यं दूरं कर्तुं वयं स्वयं चलाम।

(ख) वयं किं नैव जहाम ? |
उत्तर – वयं शक्ति समुदयं नैव जहाम।।

(ग) तपः कृत्वा किं पूरयेम ?
उत्तर – तपः कृत्वा वाञ्छाकमनीयं पूरयेम।।

(घ) भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा वयं किं दर्शयेम ?
उत्तर – भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा वयं नवमार्गारोहं दर्शयेम।

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प्रश्न 4- रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(क) जनानां मनांसि जयेम।।
उत्तर – जनानां किम् जयेम?

(ख) मङ्गलं बहु वितरेम।।
उत्तर – किम् बहु वितरेम?

(ग) वयं नभस्तारकं नयाम।।
उत्तर — वयं कर्म नयाम?

प्रश्न 5 – मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत (पूरा करके)
उत्तर
(क) अहं काठिन्यं दूरे करवाणि।
(ख) त्वं नभस्तारकम् नय।
(ग) सः सागरं प्रति गच्छतु।।
(घ) ते जनानां मनांसि जयन्तु।

प्रश्न 6 – संस्कृते अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) कठिनता को हम दूर करें।
अनुवाद – वयं काठिन्यं दूरे करवाम।।

(ख) हम सब अन्धकार को दूर करें।
अनुवाद – वयं सर्वे-अन्धकारमू दूरे कुर्म ।।

(ग) सागर की ओर चलें।
अनुवाद – सागरं प्रति गच्छाम।।

(घ) हम भ्रान्तियों को दूर करें।
अनुवाद – वयं भ्रान्तिसमूहाः दूरे कुर्म।


प्रश्न 7.
धातुः, लकारः, पुरुषं च लिखत (लिखकर) –

करवाम …… लोट लकार….. उत्तम पुरुष

नयाम……. लोट लकार ……. उत्तम पुरुष

गच्छाम ….. लोट लकार …….. उत्तम पुरुष

पूरयेत …….. लोट लकार ……… उत्तम पुरुष

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