Jagat ke roop in sanskrit जगत् शब्द के रूप
जगत् के शब्द रूप संस्कृत में-jagat ke roop (जगत् के शब्द रूप ) जगत् शब्द तकारांत नपुंसकलिंग होता है और तकारांत नपुंसकलिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम जगत् के शब्द रूप सीखेंगे । जगत् शब्द के रूप ईकारांत् नपुंसकलिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है |
जगत् शब्द रूप तकारांत नपुंसकलिंग में सातों विभक्तियों में चलते हैं। जगत् शब्द रूप याद करने का संस्कृत में सबसे सरल तरीका यहाँ पर दिया जा रहा है। । संस्कृत में जगत् शब्द के रुप सातों विभक्तियों व तीनों वचनों में चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | जगत् / जगद् | जगती | जगन्ति |
द्वितीया | जगत् / जगद् | जगती | जगन्ति |
तृतीया | जगता | जगद्भ्याम् | जगद्भीः |
चर्तुथी | जगते | जगद्भ्याम् | जगदभ्यः |
पन्चमी | जगतः | जगद्भ्याम् | जगदभ्यः |
षष्ठी | जगतः | जगतोः | जगताम् |
सप्तमी | जगति | जगतोः | जगत्सु |
सम्बोधन | हे जगत्! | हे जगती! | हे जगन्ति! |
प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। जगत् शब्द के रूप (jagat ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों जगत् शब्द के रूप (jagat ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!
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