हरि शब्द के रूप Hari ke roop

vidhya ke roop

हरि शब्द के रूप Hari ke roop

संस्कृत में शब्द रूप

हरि के शब्द रूप संस्कृत में- hari ke roop (हरि के शब्द रूप ) हरि शब्द अकारांत पुल्लिंग होता है और कारांत पुल्लिंग  सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम हरि के शब्द रूप  सीखेंगे। हरि  शब्द के रूप अकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- फल, पुस्तक, कलम, पत्रम, आदि ।

हरि: इकारांत पुल्लिंग – इस प्रकार के सभी शब्दों के रूप इसी आधार पर चलते है |

हरि शब्द  इकारांत पुल्लिंग रूप, हरी शब्द के इकारांत पुल्लिंग तृतीया विभक्ति एकवचनऔर षष्ठी विभक्ति बहुवचन के रूप में ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता हैं शेष नियम यथावत हैं

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा हरि: हरी हरय:
द्वितीया हरिम् हरी हरीन्
तृतीया हरिणा हरिभ्याम् हरिभि:
चतुर्थी हरये हरिभ्याम् हरिभ्य:
पंचमी हरे: हरिभ्याम् हरिभ्य:
षष्ठी हरे: हर्यो: हरीणाम्
सप्तमी हरौ हर्यो: हरिषु
संबोधन हे हरे हे हरी हे हरय:

 

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