राजस्थान के बाद इस राज्य ने भी की पुरानी पेंशन देने की घोषणा Old Pension scheme gift to 1.25 lac employees
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा तोहफा 2004 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन
Old pension scheme latest news
राजस्थान सरकार के बाद अब झारखंड सरकार ने भी अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन(OPS) की सौगात दी है झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों के साथ इस संबंध में चर्चा भी की है राजस्थान के बाद अब झारखंड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अंशदाई पेंशन योजना अर्थात एनपीएस को खत्म करके पुरानी पेंशन (OPS) योजना को शुरू किया जाएगा | बजट सत्र में इसकी घोषणा राज्य सरकार करेगी |
राजस्थान महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल के बाद चौथा राज्य बन गया है झारखंड
राजस्थान में घोषणा के बाद कई राज्यों के कर्मचारियों की नजर पुरानी पेंशन (OPS) पर टिकी हुई है झारखंड के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन की बड़ी सौगात मिल चुकी है | राज्य में लगभग 1.95 लाख शासकीय कर्मचारी और अधिकारी हैं राज्य में 1.95 लाख स्थाई अधिकारी और कर्मचारी हैं इनमें से 1.25 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना के दायरे में हैं जिनकी नियुक्ति 2004 के बाद हुई है और वे अंशदाई पेंशन योजना पा रहे हैं | इसलिए पुरानी पेंशन योजना (NPS) का सीधा लाभ इन 1.25 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलेगा | इस मामले में गुरुवार को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम एनएमओपीएस का शिष्टमंडल भी मुख्यमंत्री सोरेन से मिला | मुलाकात के बाद माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके जानकारी दी कि हमने भी 2019 में पुरानी पेंशन (OPS) बहाल करने का वादा किया था जिसे हम अभी तक घोषित नहीं कर पाए हैं इसलिए इसको हम बजट सत्र में पूरा करेंगे| हमारी सरकार अपने वादे पर कायम हैं |
जानिए किस किस पर कितना पड़ेगा असर
अधिकारियों और कर्मचारियों पर — अभी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के तहत जीपीएस की कटौती नहीं होती है नवीन पेंशन योजना एनपीएस के अंतर्गत अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने वेतन का 10% अंशदान करना होता है इसकी अब कोई जरूरत नहीं होगी | भविष्य में अधिकारियों और कर्मचारियों को राजकोष से पेंशन मिलेगी इससे नियमित पेंशन मिलने की गारंटी रहेगी |
सरकार पर —- सरकार पर तत्काल वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा लगभग 30 साल नौकरी होने पर सेवानिवृत्त के वक्त 2035 से से पेंशन(OPS) पर सरकार का खर्च बढ़ेगा अभी अंशदाई पेंशन(NPS) के तहत सरकार हर साल 14 परसेंट के हिसाब से 1000 करोड़ खर्च करती है | तो इस प्रकार सरकार हर साल 1000 करोड बचाएगी |
राजनीति पर — पुरानी पेंशन योजना लागू करने से सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को चुनावी लाभ मिलेगा | इस योजना से लगभग 1.25 लाख परिवार लाभान्वित होंगे |इससे कर्मचारियों का वोट हेमंत सोरेन की सरकार को मिलेगा झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन(OPS) बहाली का वादा किया था | जिसको अब पूरा किया जा रहा है वही मुख्यमंत्री अपने वादे को पूरा करते हुए पुरानी पेंशन बहाल होने की घोषणा बजट सत्र में करेंगे |
छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग जोरों पर
राजस्थान और झारखंड में पुरानी पेंशन(OPS) बहाली की मांग पूरा होते ही छत्तीसगढ़ में यह मांग तेज हो गई है कई कर्मचारी नेता अपने अपने संगठन के साथ सामूहिक रूप से इस मुद्दे पर सरकार से मांग रख रहे हैं वहीं पर मुख्यमंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम किसी भी मांगों को अनसुना नहीं करते वित्तीय स्थिति के आधार पर पुरानी पेंशन (OPS) का निर्णय हमारी सरकार लेगी वही इस संबंध में माननीय मंत्री टीएस सिंह देव बयान जारी कर अपना विचार दिया था हालांकि सरकार चाहे तो इसकी घोषणा कर सकती है क्योंकि अभी इस मांग को पूरा करने में वर्तमान में सरकार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं आएगा |
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) और नई पेंशन स्कीम (NPS) में क्या अंतर है
पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम वह आसानी से इस प्रकार समझ सकते हैं-
पुरानी पेंशन में कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती है जब एनपीएस पेंशन से 10 परसेंट वेतन से कटौती की जाती है |
पुरानी पेंशन में जीपीएफ जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा है तथा नई पेंशन में यह सुविधा नहीं है|
पुरानी पेंशन एक सुरक्षित पेंशन है जिसका भुगतान ट्रेजरी ऑफिस से किया जाता है नई पेंशन में शेयर मार्केट पर आधारित है इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कितनी पेंशन मिलेगी |
पुरानी पेंशन में अंतिम बेसिक सैलरी के लगभग 50 परसेंट पेंशन मिलती है नई पेंशन में इसकी कोई गारंटी नहीं है|
पुरानी पेंशन में हर छह माह में महंगाई भत्ता मिलता है तथा नई पेंशन में ऐसी कोई सुविधा नहीं है |
पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख तक ग्रेच्युटी मिल सकती है नई पेंशन में इसका अस्थाई प्रावधान हैं |
पुरानी पेंशन में कर्मचारी या अधिकारी की मृत्यु होने पर फैमिली को पेंशन मिलती है तथा नई पेंशन में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली को पेंशन हैं और जमा राशि को सरकार जप्त कर लेती है |
पुरानी पेंशन के जीपीएफ राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है जब एनपीएस की राशि पर मार्केट के आधार पर टैक्स लगता है |
पुरानी पेंशन में जीपीएस की राशि निवेश करने की आवश्यकता नहीं है एनपीएस में 40 फ़ीसदी राशि को निवेश करना अनिवार्य है |
इसके अतिरिक्त पुरानी पेंशन के कई अन्य लाभ हैं जो नई पेंशन में नहीं है |
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