UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 18 एत: बालका:

UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 1 aashram आश्रमः
UP Board Solution for Class 8 Sanskrit

UP Board Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 18 एत: बालका:


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पाठ 18 एत: बालका: पाठ का सम्पूर्ण हल

शब्दार्थाः – एत = आओ, नयाम = ले आएँ, अन्धकारकम् = अंधकार को परिमाम= नाप लें, जहाम = त्याग करें, विभराम = पूर्ण करें, भरें, अतुलिताम् = अतुलनीय, अपरिमित, लब्ध्वा = प्राप्त कर, बद्ध्वा = बाँधकर, विदध्म = विधान करें, पूरयेम = पूर्ण करें, वाञ्छाकमनीयम् = इच्छित सुन्दर कामना को, सेवामहै = सेवा करें, निकामम् = पर्याप्त, सुधीपा:= अमृतपान करने वाले, कामम् = कामना के अनुसार, इह = यहाँ, विकुर्मः= दूर करते हैं, दर्शयेम = दिखाएँ, नवमार्गारोहम् =नए मार्ग पर चलना, अनल्पम् = सम्पूर्ण, कलयेम= बनावें ।

कठिनाई (परेशानी दूर करें। आओ! आकाश के तारे ले आएँ और अन्धकार को दूर करें।

आओ! पर्वतों को भी नापें और एकता का त्याग न करें।

आओ! सागर की ओर चलें। जीवन रूपी कलश को मिश्रित रूप में भरें।

आओ! अतुलित शक्ति प्राप्त करके पुरुषार्थ से

आओ बालक! स्वयं चलें, निश्चय ही भाग्य को बाँध लें ।


आओ! नवीन तप का विधान करें, इच्छित सुन्दर कामना को पूर्ण करें। अमृतपान करने वाली कामना के अनुसार और वि लोभ के लोगों की सेवा करें।


आओ! इस जीवन में सकल नर-नारी के मनों को जीत लें।


आओ! भ्रान्ति-समूह (भ्रान्तियाँ) को दूर करें ! चढ़ने का नया मार्ग दिखाएँ ।

आओ! बहुत कल्याण (भलाई) करें और विश्व की कमी दूर करें।

अभ्यासः प्रश्न

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2. एकपदेन उत्तरत

(क) काठिन्यं किं करवाम ?
उत्तर- दूरे

(ख) वयं किं परिमाम ?
उत्तर- पर्वतान।

(ग) किं दूरे कुर्मः ?
उत्तर – अन्धकारम् |

(घ) किं विभराम ?
उत्तर- जीवनक्लेशं ।
प्रश्न 3. एकवाक्येन उत्तरत
(क) काठिन्यं दूरं कर्तुं वयं किं करवाम ?

उत्तर- काटिन्यं दूरं कर्तुं वयं स्वयं चलाम ।

(ख) वयं किं नैव जहाम ? |
उत्तर- वयं शक्ति समुदयं नैव जहाम।।

(ग) तपः कृत्वा किं पूरयेम ?
उत्तर- तपः कृत्वा वाञ्छाकमनीयं पूरयेम।।

(घ) भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा वयं किं दर्शयेम ?
उत्तर- भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा वयं नवमार्गारोहं दर्शयेम।

प्रश्न 4. रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) जनानां मनांसि जयेम।।
उत्तर- जनानां किम् जयेम?

(ख) मङ्गलं बहु वितरेम ।।
उत्तर- किम् बहु वितरेम?

(ग) वयं नभस्तारकं नयाम ।।
उत्तर – वयं कर्म नयाम?

प्रश्न 5. मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत (पूरा करके) –

उत्तर:- (क) अहं काठिन्यं दूरे करवाणि ।
(ख) त्वं नभस्तारकम् नय ।
(ग) सः सागरं प्रति गच्छतु।।
(घ) ते जनानां मनांसि जयन्तु ।

प्रश्न 6. संस्कृते अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) कठिनता को हम दूर करें।
अनुवाद – वयं काठिन्यं दूरे करवाम ||

(ख) हम सब अन्धकार को दूर करें।
अनुवाद – वयं सर्वे-अन्धकारमू दूरे कुर्म ।।

(ग) सागर की ओर चलें।
अनुवाद – सागरं प्रति गच्छाम ।।

(घ) हम भ्रान्तियों को दूर करें।
अनुवाद – वयं भ्रान्तिसमूहाः दूरे कुर्म ।

प्रश्न 7- धातु पुरुष लकार च लिखत
उत्तर –
यथा करवाम = कृ धातु लोट् लकार उत्तम पुरुष
नयाम = नी धातु लोट् लकार उत्तम पुरुष
गच्छाम = गंम् धातु लोट् लकार उत्तम पुरुष
पूरयेत् = पूर्ण धातु लोट् लकार उत्तम पुरुष

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