Up Board Class 12 Hindi Paper (302 DP) 2022 यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 कक्षा 12 हिंदी का पेपर हल सहित
सामान्य हिन्दी .. 302 (DP)……………..समय : तीन घण्टे 15 मिनट ]………………[पूर्णांक : 100
निर्देश:-
(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) इस प्रश्न पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- (क) ‘डिप्टी कलक्टरी’ के लेखक हैं :
(i) वासुदेवशरण अग्रवाल
(ii) अमरकान्त
(iii) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी
(iv) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी
2- ‘भारत की एकता’ के रचनाकार हैं:
(i) डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
(ii) फणीश्वरनाथ रेणु
(iii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(iv) वासुदेवशरण अग्रवाल
(ग) निम्नलिखित में से हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना है
(i) ‘कल्पवृक्ष’
(ii) ‘पूर्वोदय’
(iii) कल्पलता’
(iv) ‘और अन्त में
(घ) निम्नलिखित में से प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी की रचना है ……..1
(i) ‘मेरे विचार’
(ii) ‘साहित्य और समाज’
(iii) ‘लैंग्वेज प्रोब्लम इन इण्डिया
(iv) ‘धरती के फूल’
(ङ) ‘आरोहण प्रमुख स्वामी जी के साथ मेरा आध्यात्मिक – सफर’ इस पुस्तक के लेखक हैं: –
(i) वासुदेवशरण अग्रवाल
(ii) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
(iii) जैनेन्द्र कुमार
(iv) ‘अज्ञेय’
2 (क) निम्नलिखित में से अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित महाकाव्यात्मक रचना है। : 1
(i) ‘रुक्मिणी परिचय’
(ii) ‘रसकलश’
(iii) ‘वैदेही वनवास’
(iv) ‘अधखिला फूल’
(ख) में से निम्नलिखित में से मैथिलीशरण गुप्त की रचना है :
(i) ‘सिद्धराज
(ii) ‘कानन-कुसुम’
(iii) ‘उत्तरा’
(iv) ‘दीपशिखा’
(ग़)’अज्ञेय’ जी को निम्नलिखित में से किस काव्यकृति पर ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिला था ?
(i) ‘इन्द्रधनु रौंदे हुए ये’
(ii) ‘हरी घास पर क्षण भर’
(iii) ‘आँगन के पार द्वार’
(iv) “कितनी नावों में कितनी बार’
(घ) निम्नलिखित में से ‘दिनकर’ की रचना है :
(i) ‘शिला पंख चमकीले
(ii) परशुराम की प्रतीक्षा’
(iii) ‘अन्धा-युग’
(iv) ‘अनामिका’
(ड) ‘हिमालय’ निम्नलिखित में से किसकी काव्यकृति है ?
(i) सुमित्रानन्दन पन्त
(ii) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(iii) महादेवी वर्मा
(iv) जयशंकर प्रसाद
- दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : …………. 5 x 2 = 10
साहित्य, कला, नृत्य, गीत, आमोद-प्रमोद अनेक रूपों में राष्ट्रीय जन अपने-अपने मानसिक भावों को प्रकट करते हैं । आत्मा का जो विश्वव्यापी आनंद-भाव है, वह इन विविध रूपों में साकार होता है। यद्यपि बाह्य रूप की दृष्टि से संस्कृति के ये बाहरी लक्षण अनेक दिखायी पड़ते हैं, किन्तु आंतरिक आनंद की दृष्टि से उनमें एकसूत्रता है । जो व्यक्ति सहृदय है, वह प्रत्येक संस्कृति के आनंद-पक्ष को स्वीकार करता है और उससे आनन्दित होता है। इस प्रकार की उदार भावना ही विविध जनों से बने हुए राष्ट्र के लिए स्वास्थ्यकर है।
(क) राष्ट्रीय जन अपने-अपने मानसिक भावों को किन रूपों में प्रकट करते हैं ?
(ख) संस्कृति के आनंद-पक्ष को कौन स्वीकार करता है ?
(ग) ‘मानसिक’ और ‘स्वास्थ्यकर’ शब्दों के अर्थ लिखिए
(घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(ड)उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और उसके लेखक का नाम लिखिए ।
अथवा
रमणीयता और नित्य नूतनता अन्योन्याश्रित हैं, रमणीयता के अभाव में कोई भी चीज़ मान्य नहीं होती । नित्य नूतनता किसी भी सर्जक की मौलिक उपलब्धि की प्रामाणिकता सूचित करती है और उसकी अनुपस्थिति में कोई भी चीज़ वस्तुतः जनता व समाज के द्वारा स्वीकार्य नहीं होती। सड़ी-गली मान्यताओं से जकड़ा हुआ जैसे आगे बढ़ नहीं पाता, वैसे ही पुरानी रीतियों और शैलियों की परम्परागत लीक पर चलने वाली भाषा भी जन-चेतना को गति देने में प्राय: असमर्थ ही रह जाती है । भाषा समूची युग चेतना की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है।
(क) नित्य नूतनता क्या सूचित करती है ?
(ख)युग चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति का साधन क्या है ?
(ग) ‘अन्योन्याश्रित’ और ‘परम्परागत’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
(घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और उसके लेखक का नाम लिखिए ।
4 दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :………………..5 x 2 = 10
कहते आते थे यही अभी नरदेही,
‘माता न कुमाता, पुत्र कुपुत्र भले ही ।’
अब कहें सभी यह हाय ! विरुद्ध विधाता,
‘है पुत्र पुत्र ही रहे कुमाता माता ।’
बस मैंने इसका बाह्य मात्र ही देखा,
दृढ़ हृदय न देखा, मृदुल गात्र ही देखा,
परमार्थ न देखा, पूर्ण स्वार्थ ही साधा,
इस कारण ही तो हाय आज यह बाधा !
युग-युग तक चलती रहे कठोर कहानी
‘रघुकुल में भी थी एक अभागिन रानी ।’
(क) नरदेही अभी तक क्या कहते आ रहे थे ?
(ख) युग-युग तक क्या कठोर कहानी चलती रहेगी ?
(ग) ‘गात्र’ तथा ‘परमार्थ’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(घ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(ङ) उपर्युक्त कविता का शीर्षक तथा कवि का नाम लिखिए |
अथवा
यह मनुज, जो सृष्टि का शृंगार
ज्ञान का विज्ञान का, आलोक का आगार ।
‘व्योम से पाताल तक सब कुछ इसे है ज्ञेय’
पर, न यह परिचय मनुज का, यह न उसका श्रेय ।
श्रेय उसका बुद्धि पर चैतन्य उर की जीत,
श्रेय मानव की असीमित मानवों से प्रीत,
एक नर से दूसरे के बीच का व्यवधान
तोड़ दे जो, बस, वही ज्ञानी, विद्वान्
(क) इस सृष्टि में मनुष्य का क्या महत्त्व है ?
(ख) मानव जीवन का क्या श्रेय होना चाहिए ?
(ग)’आगार’ और ‘व्यवधान’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(ड) उपर्युक्त कविता का शीर्षक तथा कवि का नाम लिखिए।
5- (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) ………………3+2=5
(i) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी
(ii) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी
(iii) डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द) 3+2=3
(i) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(ii) सुमित्रानन्दन पन्त
(iii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ग) ‘ध्रुवतारा’ अथवा ‘बहादुर’ कहानी का सारांश लिखिए (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
अथवा
‘पंचलाइट’ अथवा ‘बहादुर’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
7 स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्डकाव्य के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए :
(अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
(क) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर नमक आन्दोलन’ से सम्बन्धित कथा अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘गांधी जी का चरित्र चित्रण कीजिए |
(ख) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दुर्योधन’ का चरित्रांकन कीजिए ।
अथवा
‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के ‘तृतीय’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए ।
(ग) ‘आलोक वृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘आलोक वृत्त’ खण्डकाव्य के ‘चतुर्थ’ सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
(घ) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘द्रौपदी’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए ।
(ड)’त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर सम्राट हर्षवर्धन’ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के ‘द्वितीय’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए ।
(च) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘संदेश’ सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर दशरथ’ का चरित्रांकन कीजिए ।
(क) दिए गए संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससंदर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए : ………………. 2+5=7
यथैवोपकरणवतां जीवनं तथैव ते जीवनं स्यात् । अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन इति । सा मैत्रेयी उवाच – येनाहं नामृता स्याम् किमहं तेन कुर्याम् । यदेव भगवान् केवलममृतत्वसाधनं जानाति, तदेव मे ब्रूहि । याज्ञवल्क्य उवाच – प्रिया नः सती त्वं प्रियं भाषसे । एहि, उपविश व्याख्यास्यामि ते अमृतत्वसाधनम् । याज्ञवल्क्य उवाच – न वा अरे मैत्रेयि ! पत्युः कामाय पतिः प्रियो भवति आत्मनस्तु वै कामाय पतिः प्रियो भवति ।
अथवा
अतीते प्रथमकल्पे जना: एकमभिरूपं सौभाग्यप्राप्तं सर्वाकार परिपूर्णं पुरुष राजानमकुर्वन् । चतुष्पदा अपि सन्निपत्य एक सिहं राजानमकुर्ववन् । ततः शकुनिगणा: हिमवत्-प्रदेशे एकस्मिन् पाषाणे सन्निपत्य ‘मनुष्येषु राजा प्रज्ञायते तथा चतुष्पदेषु च । अस्माकं पुनरन्तरे राजा नास्ति । अराजको वासो नाम न वर्तते । एको राजस्थाने स्थापयितव्यः’ इति उक्तवन्तः । अथ ते परस्परमवलोकयन्त्र: एकमुलूकं दृष्ट्वा ‘अयं नो रोचते’ इत्यवोचन ।
(ख) दिए गए श्लोकों में से किसी एक का ससंदर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए : ……..2+5=7
विद्या विवादाय धनं मदाय शक्ति परेषां परिपीडनाय ।
खलस्य साधो: विपरीतमेतज्ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय ।।
अथवा
जयन्ति ते महाभागा जन सेवा-परायणा: ।
जरामृत्युभयं नास्ति येषां कीर्तितनो: क्वचित् ||
9.. निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(क) अपने पैर पर खड़े होना
(ख) मक्खन लगाना
(ग) पिया चाहे सोई सुहागिन
(घ) सावन हरे न भादों सूखे
- (क) निम्नलिखित शब्दों के सन्धि विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए :
(i) ‘अन्तरात्मा’ का सही सन्धि विच्छेद है
(अ) अन्तः + आत्मा
(ब) अन्ता + आत्मा
(स) अन्तर आत्मा
(द) अन्त + रात्मा
(ii) ‘नरेन्द्रः’ का सही सन्धि-विच्छेद है
(अ) नर + ईन्द्रः
(ब) नर + इन्द्रः
(स) नर् + इन्द्रः
(द) नरे+न्द्रः
(iii) ‘पवित्रम्’ का सही सन्धि विच्छेद है :
(अ) पौ+ इत्रम्
(ब) पव + इत्रम्
(स) पव + वित्रम्
(द) पो+इत्रम्
(ख) दिए गए निम्नलिखित शब्दों की ‘विभक्ति’ और ‘वचन’ के अनुसार सही विकल्प का चयन कीजिए:
(i) ‘आत्मना’ शब्द में विभक्ति और वचन है।
(अ) चतुर्थी विभक्ति, बहुवचन
(ब) तृतीया विभक्ति एकवचन
(स) पंचमी विभक्ति, द्विवचन
(द) द्वितीया विभक्ति, बहुवचन
(ii) ‘नामनि’ शब्द में विभक्ति और वचन है:
(अ) द्वितीया विभक्ति, द्विवचन
(ब) चतुर्थी विभक्ति, बहुवचन
(स) विभक्ति, पंचमी विभक्ति एकवचन
(द) सप्तमी विभक्ति एकवचन
- (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करके लिखिए : ……1
(i) अभय उभय
(अ) निडर और चारों
(ब) डरपोक और दोनों
(स) निडर और दोनों
(द) निडर और भयभीत
(ii) अंश अंशु
(अ) भाग और सूर्य
(ब) • सूर्य और भाग
(स) भाग और किरण
(द) भाग और वरुण
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए :
(i) काल
(ii) चपला
(iii) नाग
(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द का चयन करके लिखिए :
(i) जिसकी गणना न की जा सके
(अ) अगणित
(स) अगणक
(ब) अगणनीय
(द) अगणीत
(ii) जंगल की अग्नि
(अ) जठराग्नि
(ब) बाडवाग्नि
(स) दावाग्नि
(द) वनानली
(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए : 1+1=2
(i) यह किताब पाँच रुपये की है।
(ii) तुलसीदास पक्के ईश्वर के भक्त थे।
(iii) इलाहाबाद जाने के अनेकों रास्ते हैं।
(iv) आप पधारकर हमें अनुग्रहीत करें ।
- (क) ‘वीर’ अथवा ‘हास्य रस का लक्षण और उदाहरण लिखिए ।
(ख) ‘अनुप्रास’ अथवा ‘उपमा’ अलंकार का लक्षण और उदाहरण लिखिए । (1+1=2)
ग) ‘दोहा’ अथवा ‘चौपाई छन्द का लक्षण और उदाहरण लिखिए |
- किसी विद्यालय के प्रबन्धक के नाम प्रवक्ता पद पर अपनी नियुक्ति हेतु एक आवेदन-पत्र लिखिए
अथवा
होजरी की दुकान खोलने के लिए किसी बैंक के शाखा प्रबन्धक को एक आवेदन पत्र लिखिए, जिसमें ऋण की माँग की गई हो । - निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए :
(क) भ्रष्टाचार समस्या और समाधान
(ख) वन-सम्पदा और उसकी उपयोगिता
(ग) दहेज प्रथा अतीत और वर्तमान
(घ) भारत में आतंकवाद : कारण और निवारण
(ङ) जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन का महत्त्व
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