
Up Board Class 10 Hindi paper (801 AD) 2022 यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 विषय हिन्दी का पेपर हल सहित
विषय – हिन्दी कोड …………… 801(AD)
समय: तीन घण्टे 15 मिनट [ पूर्णांक : 70]
नोट : प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित है ।
- क) निम्नलिखित कथनों में से कोई एक कथन सही हैं, उसे पहचानकर लिखिए : …….1
i) ‘त्रिवेणी’ रामचन्द्र शुक्ल का कहानी संग्रह है।
ii) ‘इन्द्रजाल’ जयशंकर प्रसाद का प्रसिद्ध उपन्यास है ।
iii) “शिक्षा और संस्कृति’ डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की रचना है ।
iv) ‘अजन्ता’ डॉ० भगवतशरण उपाध्याय का नाटक है ।
ख) निम्नलिखित कृतियों में से किसी एक कृति के एक रचनाकार का नाम लिखिए :
(i) उलुआ क्लब’
(ii) भूले-बिसरे चित्र ‘
iii) ‘आहुति’
(iv) ‘निर्मला’
ग) “आत्मकथा’ विधा की किसी एक रचना का नाम लिखिए ।
घ) कलम का सिपाही’ किस गद्य-विधा पर आधारित रचना है ?
ङ) “निराला की साहित्य-साधना’ के लेखक का नाम लिखिए ।
- क) ‘द्विवेदी-युग’ के किसी एक कवि का नाम लिखिए ।
ख) ‘भारतेन्दु-युग’ की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
ग) प्रयोगवादी – कविता की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए ।
- निम्नांकित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश के नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
क) “विश्वासपात्र मित्र से बड़ी भारी रक्षा रहती है। जिसे ऐसा मित्र मिल जाये, उसे समझना चाहिए कि खजाना मिल गया ।” विश्वासपात्र मित्र जीवन की एक ओषधि है। हमें अपने मित्रों से यह आशा रखनी चाहिए कि वे उत्तम संकल्पों से हमें दृढ़ करेंगे, दोषों और त्रुटियों से हमें बचायेंगे, हमारे सत्य, पवित्रता और मर्यादा के प्रेम को पुष्ट करेंगे, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे, तब वे हमें सचेत करेंगे, जब हम हतोत्साहित होंगे, तब वे हमें उत्साहित करेंगे। सारांश यह है कि वे हमें उत्तमतापूर्वक जीवन निर्वाह करने में हर तरह से सहायता देंगे। सच्ची मित्रता में उत्तम-से-उत्तम वैद्य की-सी निपूणता और परख होती है, अच्छी सी-अच्छी माता का-सा धैर्य और कोमलता होती है । ऐसी ही मित्रता करने का प्रयत्न पुरुष को करना चाहिए ।
i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ii) गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए |
iii) हमें अपने मित्रों से क्या आशा रखनी चाहिए ?
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ख) आज विज्ञान मनुष्यों के हाथों में अद्भुत और अतुल शक्ति दे रहा है, उसका उपयोग एक व्यक्ति और समूह के उत्कर्ष और दूसरे व्यक्ति और समूह के गिराने में होता ही रहेगा। इसलिए हमें उस भावना को जाग्रत रखना है और उसे जाग्रत रखने के लिए कुछ ऐसे साधनों को भी हाथ में रखना होगा, जो उस अहिंसात्मक त्याग-भावना को प्रोत्साहित करें और भोग-वासना को दबाये रखें । नैतिक अंकुश के बिना शक्ति मानव के लिए हितकर नहीं होती । वह नैतिक अंकुश यह चेतना या भावना ही दे सकती है । वही उस शक्ति को परिमित भी कर सकती है और उसके उपयोग को नियंत्रित भी |
उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
iii) लेखक ने गद्यांश में क्या सन्देश देना चाहा है ?
- निम्नांकित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
क) ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाही ।
वृन्दावन गोकुल बन उपवन, सघन कुंज की छाहीं ।।
प्रात समय माता जसुमति अरु नंद देखि सुख पावत ।
माखन रोटी दह्यौ सजायौ, अति हित साथ खबावत ।
गोपी ग्वाल बाल सँग खेलत, सब दिन हँसत सिरात ।
सुरदास धनि धनि ब्रजवासी, जिनसी हित जदु-तात ।।
ख) सच्चा प्रेम वही है जिसकी
तृप्ति आत्म-बलि पर हो निर्भर ।
करो प्रेम पर प्राण निछावर ॥
त्याग बिना निष्प्राण प्रेम है,
देश-प्रेम वह पुण्य-क्षेत्र है
अमल असीम त्याग से बिलसित ।
आत्मा के विकास से जिसमें,
मनुष्यता होती है विकसित ।।
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5 क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय दीजिए एवं उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए :
i) रामचन्द्र शुक्ल
ii) जयशंकर प्रसाद
(iii) डॉ० भगवतशरण उपाध्याय ।
ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय दीजिए तथा उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए :
i) तुलसीदास
ii) मैथिलीशरण गुप्त
iii) सुमित्रानन्दन पंत ।
- निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए :
इयम् नगरी विविध धर्माणां संगमस्थली । महात्मा बुद्धः, तीर्थकरः पार्श्वनाथः शङ्कराचार्यः, कबीरः, गोस्वामी तुलसीदासः, अन्ये च बहवः महात्मनः अनागत्य स्वीयान् विचारान् प्रसारयन् न केवलं दर्शने, साहित्ये, धर्म, अपितु कलाक्षेत्रेऽपि इयं नगरी विविधानां कलानों, शिल्पानाञ्च कृते लोके विश्रुता । कौशेयशाटिकाः देशे-देशे सर्वत्र स्पृह्यन्ते । अत्रत्याः कौशेय शाटिका देशे देशे सर्वत्र स्पृहयंते |
अथवा
माता गुरुतरा भूमेः खात् पितोच्चतरस्तथा ।
मनः शीघ्रतरं वातात् चिन्ता बहुतरी तृणात् ।।
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7 क) अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न पत्र में न आया हो । ………2
ख) निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए :………. 1 + 1
i) वाराणसी नगरी कस्य कूले स्थिता ?
ii) पुरुराजः केन सह युद्धम् अकरोत् ?
(iii) भारतीय संस्कृतेः मूलं किम् अस्ति ?
(iv) कः ब्रह्मचर्यवासम् अकरोत् ?
- क) ‘करुण’ रस अथवा ‘हास्य’ रस को सोदाहरण परिभाषा दीजिए ।
ख) ‘उपमा अलंकार अथवा ‘उत्प्रेक्षा अलंकार की उदाहरण सहित परिभाषा दीजिए ।
ग) ‘सोरठा’ छन्द अथवा ‘रोला’ छन्द की परिभाषा दीजिए तथा उसका एक उदाहरण दीजिए । ……….2
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- क) निम्नलिखित उपसगों में से किन्हीं तीन के मेल से एक-एक शब्द बनाइए :
(i) अ
(ii) अधि
iii) अनु
iv) सु
v) परि
vi) निर् ।
(ख) निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रत्ययों का करके एक-एक शब्द बनाइए
(i) वा
(ii) वट
iii) आई
iv) ता
ग) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के समास-विग्रह कीनिए :
(i) माता-पिता
ii) त्रिनेत्र
ili) भवानीशंकर
(iv) एकदन्त
v) नरनारी ।
घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के तत्सम रूप लिखिए
(i) कान
ii) महुआ
(iii) हाथ
v) बानर ।
ङ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों के 2-2 पर्यायवाची शब्द लिखिए :
i) चन्द्रमा
ii) कामदेव
iii) कपड़ा
(iv) आकाश
v) गंगा ।
- क) निम्नलिखित में से किन्हीं दो में सन्धि-विच्छेद कीजिए और सन्धि का नाम लिखिए : 1 + 1
(i) इति + आदि
ii) प्रति + उत्तरम्
iii) नारी + उपदेश:
iv) लघु आदाय ।
ख) निम्नलिखित शब्दों के पंचमी विभक्ति बहुवचन में रूप लिखिए :
i) फल अथवा मति
ii) नदी अथवा मधु ।
ग) निम्नलिखित में से किसी एक के धातु, लकार, पुरुष तथा वचन का उल्लेख कीजिए:
i) अपठतम्
ii) अपठत
iii) हसेयम् ।
(घ) निम्नलिखित में से किन्ही दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए:
(i)हम दोनों घर जा रहे हैं।
ii) उसे पढ़ना चाहिए ।
(iii) पेड़ से पत्ते गिरते हैं ।
(iv) विद्या सब धनों में प्रधान है ।
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- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए :
1) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व ।
ii) देशाटन से लाभ
iii) ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ।’
(iv) विज्ञान से लाभ और हानि ।
- अपने पठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर दीजिए:
क) (i) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्रांकन कीजिए ।
ii) ‘तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर मेघनाद लक्ष्मण युद्ध की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
ख) i) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कुन्ती’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
( ii) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के पंचम सर्ग की कथा लिखिए ।
ग) i) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कृष्ण’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
ii) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य के ‘आयोजन’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए ।
घ (i) कर्मवीर भरत खण्डकाव्य के आधार पर ‘भरत’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।
ii) ‘कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के पंचम सर्ग ‘वनगमन’ की कथा अपने शब्दों लिखिए ।
ङ) i) ‘मेवाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘महाराणा प्रताप’ का चरित्रांकन कीजिए ।
ii) ‘मेवाड़ मुकुट’ का चतुर्थ खण्ड ‘दौलत’ की कथावस्तु लिखिए ।
(च) i) ‘मुक्ति दूत’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
ii) ‘मुक्ति दूत’ खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग की कथा लिखिए ।
छ) i) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘सुभाषचन्द्र बोस’ का चरित्रांकन कीजिए ।
ii) ‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के ‘तृतीय सर्ग’ की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
ज) i) मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘चन्द्रशेखर आजाद का चरित्र चित्रण कीजिए ।
ii) ‘मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के प्रथम सर्ग ‘संकल्प’ की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
झ) i) ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य की कथा संक्षेप में, अपने शब्दों में लिखिए ।
ii) ‘ज्योति जवाहर’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्रांकन कीजिए ।