Stree ke roop sanskrit men स्त्री के रूप संस्कृत में
स्त्री के शब्द रूप संस्कृत में-Stree ke roop (भानु के शब्द रूप ) स्त्री शब्द ईकारांत स्त्रीलिंग होता है और ईकारांत स्त्रीलिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम स्त्री के शब्द रूप सीखेंगे । स्त्री शब्द के रूप उकारांत् स्त्रीलिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- गृहिणी, गौरी, जगती, गोपी, जननी, तरी, देवी, काली।
स्त्री शब्द रूप ईकारांत स्त्रीलिंग में सातों विभक्तियों में चलते हैं। स्त्री शब्द रूप याद करने का संस्कृत में सबसे सरल तरीका यहाँ पर दिया जा रहा है। स्त्री की तरह ही लक्ष्मी, देवी, श्री, गौरी, जननी, स्त्री, पृथ्वी, गृहिणी, सखी, नारी, भगिनी, शैली, नगरी आदि के रूप चलते हैं। संस्कृत में स्त्री शब्द रुप सातों विभक्तियों व तीनों वचनों में चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | स्त्री | स्त्रियौ | स्त्रियः |
द्वितीया | स्त्रियम् / स्त्रीम् | स्त्रियौ | स्त्रीः |
तृतीया | स्त्रिया | स्त्रीभ्याम् | स्त्रीभिः |
चतुर्थी | स्त्रियै | स्त्रीभ्याम् | स्त्रीभ्यः |
पंचमी | स्त्रियाः | स्त्रीभ्याम् | स्त्रीभ्यः |
षष्ठी | स्त्रियाः | स्त्रियोः | स्त्रीणाम् |
सप्तमी | स्त्रियाम् | स्त्रियोः | स्त्रीषु |
सम्बोधन | हे स्त्रि! | हे स्त्रियौ! | हे स्त्रियः! |
नोट- जितने भी ईकारांत स्त्रीलिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप स्त्री की तरह ही चलते हैं । जैसे लक्ष्मी, देवी, श्री, गौरी, जननी, स्त्री, पृथ्वी, गृहिणी, सखी, नारी, भगिनी, शैली, नगरी गृहिणी, गौरी, जगती, गोपी, जननी, तरी, देवी, काली आदि ।
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