Shishu ke roop sanskrit mein शिशु के रूप संस्कृत में
शिशु के शब्द रूप संस्कृत में-Shishu ke roop (शिशु के शब्द रूप ) शिशु शब्द इकारांत पुल्लिंग होता है और इकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम शिशु के शब्द रूप सीखेंगे । शिशु शब्द के रूप अकारांत् पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- भानु, गुरु , साधु, इन्दु, रिपु, शत्रु, शम्भु, विष्णु,पशु ।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | शिशुः | शिशू | शिशवः |
द्वितीया | शिशुम् | शिशू | शिशून् |
तृतीया | शिशुना | शिशुभ्याम् | शिशुभिः |
चतुर्थी | शिशवे | शिशुभ्याम् | शिशुभ्यः |
पंचमी | शिशोः | शिशुभ्याम् | शिशुभ्यः |
षष्ठी | शिशोः | शिश्वोः | शिशूनाम् |
सप्तमी | शिशौ | शिश्वोः | शिशुषु |
सम्बोधन | हे शिशो ! | हे शिशू ! | हे शिशवः ! |
शिशु शब्द रूप उकारांत पुल्लिंग में चलते हैं। शिशु शब्द रूप याद करने का संस्कृत में सबसे सरल तरीका है। शिशु के समान रूप भानु, शिशु, साधु, इन्दु, रिपु, शत्रु, शम्भु, विष्णु,पशु आदि के चलते हैं। संस्कृत में शब्दरुपाणि सातों विभक्तियों व तीनों वचनों में रुप चलते हैं।
नोट- जितने भी उकारांत पुल्लिंग शब्द हैं उन सभी शब्दों के रूप शिशु की तरह ही चलते हैं । जैसे भानु, शिशु, साधु, इन्दु, रिपु, शत्रु, शम्भु, विष्णु,पशु।
प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। शिशु शब्द के रूप (Shishu ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों शिशु शब्द के रूप (Shishu ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!
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