
Pita ke roop sanskrit men पिता के रूप संस्कृत में
पिता/पितृ के शब्द रूप संस्कृत में-pita / pitra ke roop (पिता/पितृ के शब्द रूप ) पिता/पितृ शब्द ओकारांत स्त्रीलिंग होता है और ऋकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम पिता/पितृ के शब्द रूप सीखेंगे । पिता/पितृ शब्द के रूप ऋकारांत पुल्लिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे – भ्रातृ, जामातृ, देवृ आदि।
पिता/पितृ शब्द रूप ऋकारांत पुल्लिंग में सातों विभक्तियों में चलते हैं। पिता/पितृ शब्द रूप याद करने का संस्कृत में सबसे सरल तरीका यहाँ पर दिया जा रहा है। आप पिता/पितृ की तरह ही भ्रातृ, जामातृ, देवृ आदि। आदि के रूप बना सकते हैं। संस्कृत में पिता/पितृ शब्द के रुप सातों विभक्तियों व तीनों वचनों में चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | पिता | पितरौ | पितरः |
द्वितीया | पितरम् | पितरौ | पितृन् |
तृतीया | पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभि |
चतुर्थी | पित्रे | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
पंचमी | पितुः | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
षष्ठी | पितुः | पित्रोः | पितृणाम् |
सप्तमी | पितरि | पित्रोः | पितृषु |
सम्बोधन | हे पितः ! | हे पितरौ ! | हे पितरः ! |
प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। पिता/पितृ शब्द के रूप (pita ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों पिता/पितृ शब्द के रूप (pita ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!
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