
Madhu ke roop sanskrit men मधु के रूप संस्कृत में
मधु के शब्द रूप संस्कृत में-madhu ke roop (मधु के शब्द रूप ) मधु शब्द उकारांत नपुंसकलिंग होता है और उकारांत नपुंसकलिंग सभी शब्दों के रूप एक समान चलते हैं आज इस आर्टिकल में हम मधु के शब्द रूप सीखेंगे । मधु शब्द के रूप उकारांत् नपुंसकलिंग सभी शब्दों के रूप इसी प्रकार से चलते है | जैसे- अम्बु, अश्रु, दारू, वस्तु, जानु, तालु, सानु, वसु ।
मधु शब्द रूप उकारांत नपुंसकलिंग में सातों विभक्तियों में चलते हैं। मधु शब्द रूप याद करने का संस्कृत में सबसे सरल तरीका यहाँ पर दिया जा रहा है। आप मधु की तरह ही अम्बु, अश्रु, दारू, वस्तु, जानु, तालु, सानु, वसु आदि के रूप बना सकते हैं। संस्कृत में मधु शब्द के रुप सातों विभक्तियों व तीनों वचनों में चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
चतुर्थी | मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
पंचमी | मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
षष्ठी | मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् |
सप्तमी | मधुनि | मधुनोः | मधुषु |
सम्बोधन | हे मधु/ मधो ! | हे मधुनी ! | हे मधूनि ! |
प्रिय दोस्तों हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा ।। मधु शब्द के रूप (madhu ke Roop) अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। जिसकी तैयारी करके आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपकों मधु शब्द के रूप (madhu ke Roop) की जानकारी कैसा लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। धन्यवाद!
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