परिवारकल्याणम् पर संस्कृत निबंध || Essay on parivarkalyan in Sanskrit language

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परिवारकल्याणम् पर संस्कृत निबंध || Essay on parivarkalyan in Sanskrit language

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परिवारकल्याणम् पर संस्कृत निबंध

परिवारकल्याणम् पर संस्कृत निबंध || Essay on Our Prim minister in Sanskrit language

Essay on  FAMILY PLANNING  in Sanskrit

परिवारकल्याणम् पर निबंध [2006]

[सम्बद्ध शीर्षकः- जनसङ्ख्या – समस्या [11,14),] जनसङ्ख्या – विस्फोटः (2007, 10,] परिवार नियोजन

१-कल्याणार्थम् आवश्यक यत् व्ययः आयात् अल्पतरो भवेत्।

2- यदि सदस्यानां सङ्ख्या विशाला स्यात् तर्हि तेषां पालनाय महान्यः अपि अल्पतरः एव ।

3- अतः परिमित-सदस्यानां परिवारः एव सुखी भवति ।

4- परिवारस्य परिमित्यर्थ प्राचीनकालेऽपि अनेक उपायाः प्रचलिताः आसन्। तेषु इन्द्रियसंयमः मुख्यः आसीत् ।

5- अस्मिन् भोगविलासयुगे इन्द्रिय-संयमः नास्ति सुकरः ।

6- अतएव अस्मिन् युगे परिवार परिमित्यर्थं बहवः वैज्ञानिकाः उपायाः आविष्कृताः सन्ति।

7- तेषु गर्भ: रोधकानाम् ओषधीनां प्रयोग: वन्ध्याकरणं च उपायौ मुख्यौ स्तः।

8- किन्तु शिक्षाभावात् सामान्यजना: परिवार नियोजन नाङ्गीकुर्वन्ति। 9- केचित् राजनीतिक नेतारः अपि अस्मिन् विषये बाधकाः भवन्ति ।

10- यदि अस्माकं देशवासिन: परिवार-निरोधं स्वेच्छया न स्वीकुर्वन्ति तर्हि प्रकृतिः अस्माकं नियोजनं करिष्यति ।

11- अत: अस्माकं सर्वेषाम् इदं कर्त्तव्यं यद् वयं परिवार निरोधाय मनुष्यान् प्रेरयाम।

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