नदियाँ भूमि पर बहने वाली प्राकृतिक जलमार्ग होती हैं, और वे विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जैसे कि नीचे के उदाहरण से सामझ सकते है ।
सुप्रानदी (या प्रमुख नदी): यह विशाल और मुख्य नदी होती है, जो अक्सर देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है और समुन्दर में मिल जाती है. उदाहरण के लिए, गंगा, यमुना, नील, आमेज़न, आदि ।
सहायक नदी: इन नदियों की जलधाराएँ सुप्रानदी से मिलती हैं और उन्हें संयोजने का कार्य करती हैं. ये छोटी नदियाँ होती हैं और आमतौर पर सुप्रानदी के निकट होती हैं।
प्रवाहमुख नदी: ये नदियाँ समुंदर में मिलती हैं और सुप्रानदी से निकलने वाली होती हैं। उनका प्रमुख आधार नदी की फ्लो में होता है।
अंतर्ग्रामी नदी: इन नदियों की जलधाराएँ सुप्रानदी के साथ मिलती हैं, लेकिन वे समुंदर में नहीं मिलती हैं. इन नदियों की जलधाराएँ किसी अन्य नदी में मिल जाती हैं।
स्थायी नदी: ये नदियाँ बारिश के साथ ही वर्षा करने वाली होती हैं और सदैव पानी से भरी रहती हैं. इनमें नील नदी (नाइलस) एक उदाहरण है।
स्थायक नदी: ये नदियाँ स्थायी पानी के स्रोत से प्राप्त करती हैं, और ये समय-समय पर सूख जाती हैं।
अनयाकुलन नदी: इन नदियों की जलधाराएँ आपसी मिलने वाली होती हैं, जिनका पानी आपसी या अन्य स्रोत से मिलता है.
अचल नदी: इस प्रकार की नदियाँ बहने की जगह पर अपनी गहराई में जल बिचाने वाली होती हैं, जैसे कि अंडरग्राउंड नदियाँ।
ये कुछ प्रमुख प्रकार की नदियाँ हैं, लेकिन दुनिया भर में और भी अनेक प्रकार की नदियाँ होती हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं और विभिन्न भूगोलीय विशेषताओं को प्रकट करती हैं ।
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