UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 6 FULL SOLUTION

UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 6 FULL SOLUTION

UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 6
UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 4 FULL SOLUTION
रूसी क्रांति- कारण तथा परिणाम

* लघुउत्तरीय प्रश्न

1. रूस में क्रांति कब हुई? उसके नायक कौन थे? उसका योगदान स्पष्ट कीजिए।

उ०- रूस में सन् 1917 ई० को क्रांति हुई। इस क्रांति का नायक लेनिन था। लेनिन का पूरा नाम ब्लादिमिर इलिच यूलियनाव था। वह निकोलाई लेनिन के नाम से प्रसिद्ध था। लेनिन रूस का प्रसिद्ध राजनीतिक विचारक और क्रांतिकारी था। वह कार्ल मार्क्स के समाजवादी विचारों से बहुत प्रभावित था। उसने रूस के जारों के निरंकुश तथा अत्याचारी शासन का घोर विरोध किया तथा जनता में समाजवादी विचारों का जमकर प्रचार किया। सन् 1917 में रूसी क्रांति के सफल हो जाने पर लेनिन के नेतृत्व में ‘पीपुल्स कमीसार्स को कौंसिल’ नामक नई समाजवादी सरकार का गठन किया। इस प्रकार लेनिन का रूस की क्रांति में अद्वितीय योगदान रहा।

2. रूस में 22 फरवरी, 1905 ई० की घटना खूनी रविवार क्यों कहलाती है? यह घटना भारत के किस हत्याकांड का स्मरण कराती है और क्यों?

उ०- रूस में जार (सम्राट) पूरी निरंकुशता के साथ शासन करते थे। उनके अधिकारी साधारण जनता पर अनेक प्रकार के अत्याचार करते थे। जार के निरंकुश शासन के विरोध में 22 जनवरी, 1905 ई० रविवार को सेन्ट पीटरबर्ग के मजदूर जार के सामने अपनी मांगें पेश करने गए। उनकी कठिनाइयाँ सुनी तक नहीं गईं। जार की आज्ञा से सैनिकों ने उन पर गोलियाँ चला दीं। राजमहल के सामने लाशों का ढेर लग गया। यह घटना रविवार को घटी थी, इसलिए रूस के इतिहास में इसे ‘खूनी रविवार’ के नाम से जाना जाता है। इस घटना के बाद ही रूस में प्रथम क्रांति प्रारंभ हो गई। यह घटना भारत के जलियाँवाला बाग हत्याकांड का स्मरण कराती है क्योंकि जलियाँवाला बाग हत्याकांड में रूस की खूनी रविवार घटना की तरह हजारों निर्दोष एवं निहत्थे लोगों को गोलियों से भून दिया गया था।

3. रूस की क्रांति के देश पर क्या प्रभाव पड़े? किन्ही दो प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -रूस की क्रांति 20वीं शताब्दी के इतिहास की एक युगांतरकारी घटना थी। इस क्रांति ने पूँजीवाद को पतन के गर्त में धकेलकर रूस में वास्तविक समाजवाद की स्थापना की। रूस की क्रांति के दो प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं-

(i) रूस की क्रांति ने रूस में शताब्दियों से चली आ रही जार शासकों की स्वेच्छाचारिता और निरंकुशता का अंत कर दिया।

(ii) रूस की क्रांति के फलस्वरूप रूस में शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई।

4. रूस की क्रांति के परिणाम किस प्रकार दूरगामी और युगांतरकारी थे?

उ०- रूस की क्रांति एक युगांतरकारी घटना थी क्योंकि रूस की क्रांति ने यूरोप के राजनीतिक मानचित्र में आमूलचूल परिवर्तन करके एक नवीन विचारधारा को विकसित किया। इस क्रांति द्वारा समाजवाद को बढ़ावा देने से विश्व के अनेक देशों में मैत्री, एकता तथा भाईचारा पनपने से अंतर्राष्ट्रीयता का भाव जागृत हो गया तथा किसानों और श्रमिकों को सामंतों और पूँजीपतियों के शोषण से मुक्त करा दिया। अत: हम कह सकते है कि रूस की क्रांति के परिणाम दूरगामी और युगांतरकारी थे।

5. रूस की क्रांति के दो प्रमुख कारण क्या थे?
1905 ई० की क्रांति की असफलता ने रूस की जनता को स्वतंत्रता पाने के लिए जागरूक बना दिया। रूस में जनाक्रोश भीतर ही भीतर धधक रहा था, जो 1917 ई० की क्रांति के रूप में अचानक आग का गोला बनकर फट गया। इस क्रांति के लिए दो प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

(i) जार की निरंकुशता- निकोलस द्वितीय ने पिछले जार शासकों से भी अधिक निरंकुशता दिखाई, अतः जनता ने उसकी निरंकुशता से बचने के लिए क्रांति का मार्ग चुन लिया।

(ii) जार की अयोग्यता- निकोलस द्वितीय में राजनीति और कूटनीति का अभाव था। रूस की जनता ने उसकी अयोग्यता__ और दैवी सिद्धांतों से सुरक्षा पाने के लिए क्रांति करना उचित समझा।

6. रूसी क्रांतिकारियों के कोई तीन उद्देश्य लिखिए।

उ०- रूसी क्रांतिकारियों के तीन उद्देश्य निम्न प्रकार हैं
(i) रूसी क्रांतिकारी जनता को राजतंत्र और सामंतवाद के शोषण से मुक्त करना चाहते थे। (ii) क्रांतिकारी रूस को निकोलस द्वितीय की साम्राज्यवादी नीतियों से मुक्ति दिलाकर वहाँ शांति स्थापित करना चाहते थे। (iii) क्रांतिकारियों का लक्ष्य किसानों को भूमि का स्वामी बनाना था। 7. 1917 ई० की क्रांति के कारण रूस में कौन-कौन से तीन परिवर्तन हुए? उ०- 1917 ई० की क्रांति के कारण रूस में हुए तीन परिवर्तन निम्नलिखित हैं
(i) जार शासकों की निरंकुशता का अंत हो गया। (ii) पूँजीवादी व्यवस्था का अंत और समाजवाद की स्थापना। (iii) रूस की क्रांति ने किसानों और श्रमिकों को सामंतों और पूँजीपतियों के शोषण से मुक्त कर दिया।

8. रूस के झंडे का रंग कैसा है? इस पर बना हथौड़ा और हँसिया किसका प्रतीक है?

उ०- रूस की क्रांति के बाद सरकार ने राष्ट्रीय झंडे का रंग लाल कर दिया, जिस पर हथौड़ा और हँसिया बना हुआ है, लाल रंग क्रांति का प्रतीक है। हँसिया किसानों का तथा हथौड़ा श्रमिकों का प्रतीक है। इस प्रकार रूस का राष्ट्रीय झंडा समाजवादी सिद्धांतों, समानता और एकता का प्रतीक है।

UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 6 FULL SOLUTION

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

1- 1917 ई० की रूस की क्रांति के क्या कारण थे?

उ०- रूस में 1917 ई0 में हुई क्रांति के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे

(i) जार की निरंकुशता- निकोलस द्वितीय ने पिछले जार शासकों से भी अधिक निरंकुशता दिखाई, अतः जनता ने उसकी निरंकुशता से बचने के लिए क्रांति का मार्ग चुन लिया।

(ii) जार की अयोग्यता- निकोलस द्वितीय में राजनीति और कूटनीति का अभाव था। रूस की जनता ने उसकी अयोग्यता और दैवी सिद्धांतों से सुरक्षा पाने के लिए क्रांति करना उचित समझा।

(iii) किसानों की दयनीय दशा- रूस में अधिकतर लोग खेती कर जीवन-व्यापन कर रहे थे, किंतु उनकी दशा अत्यंत दयनीय थी। निर्धन किसान रोटी और कपड़े से भी वंचित थे। अतः कृषकों ने जार के विरुद्ध क्रांति का हल्ला बोल दिया।

(iv) मजदूरों की हीन दशा- रूस में मजदूरों को सर्वहारा वर्ग कहा जाता था। यह वर्ग निर्धनता, भुखमरी और असंतोष से जूझ रहा था, अतः दु:खों से बचने के लिए मजदूर वर्ग क्रांतिकारियों के साथ जुड़ गया। (v) खूनी रविवार की घटना- रूस में 1905 ई० में घटी खूनी रविवार की जनसंहार की घटना ने रूस की क्रांति को जन्म
देने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

(vi) दार्शनिकों का प्रभाव- रूस में कार्ल मार्क्स, टालस्टाय, तुर्गनेव तथा दोस्तोवस्की आदि विचारकों तथा लेखकों ने समाजवाद का प्रचार और अराजकता का विरोध कर जनता में जागृति पैदा करके क्रांति की अग्नि को भड़काया।

(vii) प्रथम विश्वयुद्ध- रूस ने मित्र देशों के साथ प्रथम विश्वयुद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई। उसके असंख्य सैनिक इस युद्ध में मारे गए तथा राष्ट्र को भारी क्षति उठानी पड़ी। इसीलिए रूस की जनता के साथ-साथ सैनिक भी क्रांति करने के लिए कटिबद्ध हो उठे।

(viii) शोचनीय आर्थिक दशा- रूस की जनता युद्धों में पराजय, खेती की खराब दशा, करों के भार तथा उद्योगों की असंतोषजनक दशा के कारण आर्थिक दृष्टि से टूट चुकी थी। जनता ने इन सभी समस्याओं का हल ढूँढ़ने के लिए क्रांति करना ठीक समझा।

2. रूस की क्रांति के परिणामों की व्याख्या कीजिए।

उ०- रूस की क्रांति के परिणाम- रूस की क्रांति 20 वीं शताब्दी के इतिहास की एक युगांतरकारी घटना थी। इस क्रांति ने पूँजीवाद को पतन के गर्त में धकेलकर रूस में वास्तविक समाजवाद की स्थापना की। इसीलिए कहा जाता है, “1917 ई० की रूस की क्रांति साम्यवादियों की अद्भुत संगठन-क्षमता का सफल प्रदर्शन थी।” रूस की क्रांति के प्रमुख परिणामों (प्रभावों) को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है(i) रूस की क्रांति ने रूस में शताब्दियों से चली आ रही जार शासकों की स्वेच्छाचारिता और निरंकुशता का अंत कर दिया।

(ii) रूस की क्रांति ने किसानों और श्रमिकों को सामंतों और पूँजीपतियों के शोषण से मुक्त कर दिया।

(iii) रूस की क्रांति ने रूस से पूँजीवादी व्यवस्था को जड़ से उखाड़कर समाजवाद के जनक कार्ल मार्क्स के सामाजिक सिद्धांतों को समाजवाद के रूप में प्रतिस्थापित कर दिया।

(iv) रूस के कर्णधारों ने क्रांति के बाद आर्थिक नियोजन को अपनाकर तथा आर्थिक विकास के नए-नए मार्ग खोलकर
अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बना दिया।

(v) रूस की क्रांति के फलस्वरूप रूस में शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई।

(vi) रूस की सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग जनहित और जनकल्याण के कार्यों में करना प्रारंभ कर दिया।

(vii) रूस सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक, शैक्षिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रगति करते हुए 1932 ई० में सोवियत संघ के रूप में विश्वशक्ति बनकर उभर आया।

(viii) क्रांति के बाद वोल्शेविक दल ने 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को मताधिकार दे दिया।

(ix) क्रांति के बाद सरकार ने राष्ट्रीय झंडे का रंग लाल कर दिया, जिस पर हँसिया तथा हथौड़ा बना था। (x) हँसिया किसानों की सत्ता तथा हथौड़ा श्रमिकों की सत्ता का प्रतीक चिह्न बन गया।

(xi) रूस की क्रांति ने एशिया और अफ्रीका के शोषित लोगों में नई चेतना जगा दी, जिस कारण उन्होंने यूरोपीय उपनिवेशों से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष छेड़ दिया।

(xii) रूसी क्रांति द्वारा समाजवाद को बढ़ावा देने से विश्व के अनेक देशों में मैत्री, एकता तथा भाईचारा पनपने से
अंतर्राष्ट्रीयता का भाव जागृत हो गया। रूस की क्रांति एक युगांतरकारी घटना थी क्योंकि, “रूस की क्रांति ने यूरोप के राजनीतिक मानचित्र में आमूलचूल परिवर्तन करके एक नवीन विचारधारा विकसित कर दी।” विश्वभर में लाल रंग का ध्वज क्रांति का प्रतीक ही बन गया।

3. रूस की क्रांति के परिणाम किस प्रकार और युगांतरकारी सिद्ध हुए।

उ०- उत्तर के लिए विस्तृत उततरीय प्रश्न संख्या-2 के उत्तर का अवलोकन कीजिए।

UP BOARD CLASS 10 SOCIAL SCIENCE CHAPTER 2 FULL SOLUTION धर्म-सुधार आंदोलन

Leave a Comment