Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास free

up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास- हिन्दी गद्य साहित्य के विकास पर आधारित प्रश्न ओर उत्तर

Up board class 10 hindi solution: हिंदी गद्य का इतिहास

Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
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प्रश्न – 1-हिन्दी गद्य साहित्य के विकास’ का विभाजन उनके समय के अनुसार कीजिए ।
उत्तर- अध्ययन की दृष्टि से हिन्दी गद्य साहित्य के विकास को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है–
1- पूर्व भारतेंदु युग अथवा प्राचीन युग – 13वीं शताब्दी से सन् 1868 ई0 तक
2- भारतेंदु युग – सन् 1868 ई. से सन् 190 ई. तक
3- द्विवेदी युग – सन् 1900 ई. से सन् 1922 ई0 तक
4- शुक्ल युग (छायावादी युग) – सन् 1919 ई0 से सन् 1938 ई0 तक
(य) शुक्लोत्तर युग (छायावादोत्तर युग) – सन् 1938 ई0 से सन् 1947 ई0 तक
(र) स्वातन्त्र्योत्तर युग – सन् 1947 ई0 से अब तक

प्रश्न – 2- हिन्दी का पहला ग्रंथ कौन -सा है ? Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
उत्तर- देवसेन द्वारा रचित श्रावकाचार, हिन्दी का पहला ग्रंथ है |

प्रश्न – 3- आचार्यरामचंद्र शुक्ल ने खड़ीबोली गद्य का प्रारंभ कौन-सी कृति से माना है ?
उत्तर- आचार्यरामचंद्र शुक्ल ने खड़ीबोली गद्य का प्रारंभ अकबर के दरबारी क गंग द्वारा लिखित ‘चंद-छंद बरनन की
महिमा’ से माना है |

प्रश्न – 4- हिन्दी गद्य के विकास में समाचार-पत्रों की क्या भूमिका है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- हिन्दी गद्य के विकास में समाचार पत्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है समाचार-पत्र हिन्दी साहित्य की प्रत्येक विधा के बारे में अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत कर इनका प्रचार प्रसार करते हैं | सर्वप्रथम दैनिक समाचार-पत्र ‘समाचार सुधावर्षण’ तथा उत्तर प्रदेश से प्रसारित पहला समाचार-पत्र ‘बनारस अखबार’ माना गया है हिन्दी का सर्वप्रथम साप्ताहिक समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तंड’ कोलकाता से प्रकाशित हुआ था ।

प्रश्न – 5 भारतेंदु युग की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए । Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
उत्तर- भारतेंदु युग में लेखकों ने पूर्व लेखकों की एकांगिता और भाषा संबंधी दोषों से बचते हुए हिन्दी गद्य का स्वच्छ, संतुलित और शिष्ट रूप सामने रखा । इन्होंने संस्कृत के सरल शब्दों को लेने के साथ साथ सर्व साधारण में प्रचलित देशी शब्दों को भी ग्रहण किया । तद्भव और देशज शब्द तो इनकी भाषा में थे ही इनके अतिरिक्त कहावतों और मुहावरों के प्रयोग से भी इन्होंने भाषा को सजीवता प्रदान की |
प्रश्न – 6 . द्विवेदी युग कौन-से साहित्यकार के नाम पर पड़ा ? इस युग की समय-सीमा लिखिए ।
उत्तर- भारतेंदु युग के पश्चात आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के महत्वपूर्ण योगदान के कारण इसका नाम द्विवेदी युग पड़ा। इस युग की समयावधि सन् 1900 ई0 से सन् 1922 ई0 तक है |
प्रश्न – 7- नाटक व एकांकी में क्या अंतर है ?
उत्तर – नाटक और एकांकी में निम्नलिखित अंतर हैं–
1- नाटक में अनेक अंक होते हैं, जबकि एकांकी में एक ही अंक होता है |
2- नाटक में मुख्य कथा तथा अनेक अंत: कथाएँ होती हैं, जबकि एकांकी एक घटना पर ही आधारित होता है |
3- नाटक में अधिक पात्र और देश काल विस्तृत होता है, जबकि एकांकी में कम पात्र और देशकाल सीमित होता है |
4- नाटक बड़ा होने के कारण अधिक समय में अभिनीत होता है, जबकि एकांकी संक्षिप्त होने के कारण कम समय में ही अभिनीत हो जाता है |

प्रश्न -8 निम्नलिखित में से एक कथन सत्य है, उसे पहचानकर लिखिए-
1- ‘वे सात और हम’ संस्मरण विधा की रचना है | (सत्य कथन )
2- ‘अजातशत्रु’ जयशंकर प्रसाद का प्रसिद्ध उपन्यास है |
3- ‘तितली’ प्रेमचंद जी की प्रसिद्ध कहानी है |
4- ‘सरयूपार की यात्रा’ राहुल सांकृत्यायन की प्रसिद्ध रचना है Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास

प्रश्न -9- शुक्ल युग के किन्हीं पाँच गद्यकारों के नाम लिखिए ।
उत्तर- शुक्ल युग के प्रमुख पाँच गद्यकार हैं 1- महादेवी वर्मा, 2- जयशंकर प्रसाद, 3- वियोगी हरि, 4- रामकृष्णदास,
(य) रामधारी सिंह ‘दिनकर’।

प्रश्न -10 शुक्लोत्तर युग की भाषा-शैली कैसी थी ?
उत्तर- शुक्लोत्तर युग में शुद्ध, परिष्कृत और परिमार्जित साहित्यिक भाषा का प्रयोग किया गया । इस युग में लोकोक्तियों, मुहावरों एवं तद्भव शब्दों का प्रयोग कर भाषा को सरस, सरल एवं व्यावहारिक रूप प्रदान किया गया है | शुक्लोत्तर युग में विवेचनात्मक, वर्णनात्मक और भावात्मक शैली के दर्शन होते हैं |

प्रश्न -11 शुक्लोत्तर युग के कुछ प्रमुख साहित्यकारों के नाम लिखिए । |
उत्तर- शुक्लोत्तर युग के प्रमुख साहित्यकार हैं आचार्यहजारी प्रसाद, अमृतलाल नागर, द्विवेदी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, उपेंद्रनाथ ‘अश्क’,
भगवतीचरण वर्मा, हरिशंकर परसाई, फणीसंसाररनाथ ‘रेणु’, धर्मवीर भारती आदि ।

प्रश्न -12 शुक्ल युग व शुक्लोत्तर युग की भाषा-शैली में क्या अंतर था ?
उत्तर- शुक्ल युग में कवियों ने अपनी अनोखी प्रतिभा और सृजनशक्ति से उसके लाक्षणिक, अलंकृत, प्रतीकात्मक और वक्रतापूर्ण स्वरूपों को उद्घाटित किया । इन्होंने अपने काव्य ग्रंथों की भूमिकाओं व स्वतंत्र लेखों में नए आकर्षक गद्य का स्वरूप सामने रखा। इस युग में भावुकताप्रदान गद्य के दर्शन भी हुए । शुक्लोत्तर युग में हिन्दी गद्य काल्पनिक संसार से उतरकर यथार्थ की भूमि पर आ गया। हिन्दी गद्य में अनेक विधाओं का जन्म हुआ तथा अनेक शैलियाँ भी प्रकाश में आईं। गद्य साहित्य की अभिव्यंजना शक्ति अत्यंत परिष्कृत हो गई |

प्रश्न -13 भारतेंदु युग की पाँच विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर- भारतेंदु युग की पाँच विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1- इस युग में लेखकों ने पूर्व लेखकों की एकांगिता और भाषा संबंधी दोषों से बचते हुए हिन्दी-गद्य का स्वच्छ,
संतुलित और शिष्ट रूप सामने रखा ।
2- भारतेंदु युग का गद्य अत्यंत सजीव है |
3- इस युग के लेखकों में अपनी भाषा, अपनी जाति और अपने राष्ट्र के उत्थान के लिए बड़ी अकुलाहट थी |
4- भारतेंदु युग ने नवयुग की नई लहर को घर-घर पहँुचाने का अथक प्रयास किया था ।
(5) कहावतों व मुहावरों के प्रयोग से भी इन्होंने भाषा को सजीवता प्रदान की |

‘प्रश्न – 14 सरस्वती’ पत्रिका के प्रमुख संपादक का नाम लिखिए ।
उत्तर- सरस्वती’ पत्रिका के प्रमुख संपादक आचार्यमहावीर प्रसाद द्विवेदी हैं |

प्रश्न -जयशंकर प्रसाद के नाटकों की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर – नाटकों के क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद के ऐतिहासिक नाटकों का महत्वपूर्ण योगदान है उनके नाटकों में देश के प्राचीन गौरव के चित्र हैं और उनमें संस्कृति और राष्ट्र-प्रेम की भावनाओं के रंग पर्याप्त गहरे हैं चरित्र-चित्रण, कथोपकथन व उद्देश्य की दृष्टि से प्रसाद के नाटकों की महत्ता असंदिग्ध है इनके नाटक अभिनेयता की दृष्टि से कठिन हैं |

प्रश्न -द्विवेदी युग में ‘सरस्वती’ पत्रिका के अतिरिक्त और कौन-कौन सी महत्वपूर्ण पत्रिकाओं का योगदान रहा ?
उत्तर- द्विवेदी युग में ‘सरस्वती’ पत्रिका के अतिरिक्त इंदु, माधुरी, मर्यादा, सुधा, जागरण, प्रभा, कर्मवीर, हंस व शाल भारत आदि पत्र-पत्रिकाओं का हिन्दी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

प्रश्न -शुक्लोत्तर युग का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर- शुक्लोत्तर युग का दूसरा नाम छायावादोत्तर युग (प्रगतिवादी युग) है 18. शुक्लोत्तर युग में कौन-कौन सी धाओं का विकास हुआ ?
18- शुक्लोत्तर युग में किन् किन् विधाओं का विकास हुआ।
उत्तर- शुक्लोत्तर युग में रिपोर्ताज और इंटरव्यू विधाओं का विकास हुआ।

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प्रश्न -निबंध का क्या अर्थ है ?
उत्तर- निबंध का अर्थ है– अच्छी तरह बँधा हुआ। संक्षेप में निबंध वह गद्य रचना कहलाती है, जिसमें लेखक किसी विषय पर अपने विचारों को सजीव, सीमित, स्वच्छंद और सुव्यवस्थित रूप से व्यक्त करता है |

प्रश्न -निबंध लेखन की परंपरा का आरंभ कब से माना जाता है ?
उत्तर- निबंध लेखन की परंपरा का आरंभ भारतेंदु हरिश्चंद्र से माना जाता है |

प्रश्न -निबंध के प्रमुख चार भेद कौन-से हैं? उत्तर-निबंध के प्रमुख चार भेद हैं
1- विचारात्मक निबंध 2- भावात्मक निबंध 3- वर्णनात्मक निबंध 4- वरणात्मक निबंध

प्रश्न -हिन्दी की पहली कहानी किसे माना जाता है ?
उत्तर- किशोरीलाल गोस्वामी द्वारा लिखित ‘इंदुमती’ को हिन्दी की पहली कहानी माना जाता है

प्रश्न -प्रेमचंद जी ने कितनी कहानियाँ लिखीं ? इनकी प्रथम और अंतिम कहानियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर- प्रेमचंद जी ने लगभग 300 कहानियाँ लिखीं, जिनमें सबसे पहली कहानी ‘सौत’ तथा अंतिम कहानी ‘कफन’ है |

प्रश्न -उपन्यास का अर्थ क्या है ?
उत्तर- उपन्यास का अर्थ है ‘उप’ अर्थात् निकट या सामने, ‘न्यास’ अर्थात् रखना; अर्थात् सामने रखना ।

प्रश्न -कुछ प्रमुख हिन्दी उपन्यासकारों के नाम लिखिए ।
उत्तर- प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, चतुरसेन शास्त्री, शम्भरनाथ शर्मा‘कौशिक’, वृंदावनलाल वर्मा, जैनेंद्र, इलाचंद्र जोशी,
देवकीनंदन खत्री, धर्मवीर भारती, उपेंद्रनाथ ‘अश्क’, शिवानी, शैलेश मटियानी, उषा प्रियम्वदा आदि ।

प्रश्न -देवकीनंदन खत्री के तीन उपन्यासों के नाम लिखिए ।
उत्तर-देवकीनंदन खत्री के तीन उपन्यास हैं– चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति और भूतनाथ ।

‘प्रश्न -जहाज का पंछी’ व ‘नदी के द्वीप’ के लेखकों के नाम लिखिए ।
उत्तर- जहाज का पंछी’ के लेखक इलाचंद्र जोशी व ‘नदी के द्वीप’ के लेखक अज्ञेय हैं

प्रश्न -भारतेंदु हरिश्चंद्र व जयशंकर प्रसाद के प्रमुख नाटकों के नाम लिखिए ।
उत्तर- भारतेंदु हरिश्चंद्र वैदिक हिन्सा हिन्सा न भवति, अँधेर नगरी, भारत दुर्दशा, नीलदेवी आदि । जयशंकर प्रसाद- चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, अजातशत्रु, करुणालय आदि ।

अन्योक्तिविलास पाठ 2 संस्कृत खंड का हिन्दी अनुवाद तथा प्रश्न ओर उत्तर

प्रश्न -भारतेंदु युग के किन्हीं पाँच नाटककारों के नाम लिखिए ।
उत्तर- भारतेंदु युग के पाँच नाटककार हैं– 1- श्रीनिवासदास, 2- राधाकृष्णदास, 3- बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’,
4- सीताराम वर्मा, (5) प्रतापनारायणमिश्र । 31. डॉ. रामकुमार वर्मा के प्रथम एकांकी संग्रह का नाम लिखिए । यह कब प्रकाशित हुआ ?
उत्तर- डॉ. रामकुमार वर्मा का एकांकी नाटकों का प्रथम संग्रह ‘पृथ्वीराज की आँखें’ है यह सन् 1936 ई. में प्रकाशित हुआ।

प्रश्न -पाँच प्रमुख एकांकीकारों के नाम लिखिए। उत्तर-पाँच प्रमुख एकांकीकार हैं– 1- रामकुमार वर्मा, 2- सेठ गोµवंददास, 3- उदयशंकर भट्ट, 4- उपेंद्रनाथ
‘अश्क’, (य) ष्णु प्रभाकर ।

‘प्रश्न -आलोचना’ वि धा की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर- किसी वस्तु का सूक्ष्म अध्ययन करना, जिससे उसके गुण-दोष प्रकट हो जाएँ, आलोचना के क्षेत्र में आता है अत: जब किसी साहित्यकार की किसी रचना का अध्ययन करके उसके गुण-दोष प्रकट किए जाते हैं, उसे आलोचना कहते हैं |

प्रश्न -कुछ प्रमुख आलोचना लेखकों के नाम लिखिए ।
उत्तर- आचार्यरामचंद्र शुक्ल, बाबू श्यामसुंदर दास, पदमसिंह शर्मा, आचार्यमहावीर प्रसाद द्विवेदी, डॉ. नगेन्द्र, रामस्वरूप चतुवे&दी, डॉ. रामलास शर्मा, नंद दुलारे वाजपेयी, हजारी प्रसाद द्विवेदी तथा नामवर सिंह आदि हिन्दी साहित्य के प्रमुख आलोचक हैं |

‘प्रश्न -आत्मकथा’ व ‘जीवनी’ में क्या अंतर है ?
उत्तर- आत्मकथा लेखक के स्वयं के जीवन पर आधारित होती है, जिसमें लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा को पाठकों के समक्ष आत्मीयता के साथ रखता है किसी महान व्यक्ति के जीवन की जन्म से मृत्यु तक सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को जब कोई लेखक प्रस्तुत करता है, तब वह विधा जीवनी कहलाती है |

‘प्रश्न -रेखाचित्र’ व ‘संस्मरण’ में क्या अंतर है ?
उत्तर- रेखाचित्र व संस्मरण में मूल अंतर यह है कि रेखाचित्र में कलात्मक रेखाओं के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के बाह्य तथा आंतरिक स्वरूप का शब्द-चित्र इस प्रकार व्यक्त किया जाता है कि पाठक के हृदय में उसका सजीव तथा यथार्थ चित्र अंकित हो जाए। इसमें चित्रकला व साहित्य का सुंदर समन्वय दिखाई पड़ता है संस्मरण उस विधा को कहा जाता है जिसमें लेखक द्वारा अपनी स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति, परिस्थिति अथवा विषय पर कोई लेख लिखा जाता है |

प्रश्न -दो रेखाचित्र लेखकों व दो संस्मरण लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर- रेखाचित्र लेखक– 1- महादेवी वर्मा 2- अमृतराय
संस्मरण लेखक– 1- रामवृक्ष बेनीपुरी 2- देवेंद्र सत्यार्थी

डायरी वि धा की विशेषताएँ बताइए । Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
उत्तर- यथार्थ चित्रण, तिथिवार क्रमबद्धता, लेखक के निजी दृष्टिकोणों की घटना से संबंधित अभिव्यक्ति आदि डायरी साहित्य की विशेषताएँ हैं यह लेखक के स्वयं के जीवन से संबंधित होती है |

प्रश्न -रिपोर्ताज वि धा की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर- रिपोर्ताज लेखक के लिए स्वयं घटना का प्रत्यक्ष निरीक्षण करना आवश्यक है , इसमें कल्पना का कोई स्थान नहीं होता। इसका उपयोग पत्रकारिता के क्षेत्र में अधिक होता है घटना का यथार्थ चित्रण, कुशल अभिव्यक्ति, प्रभावोत्पादकता आदि रिपोर्ताज की शेषताएँ हैं |

‘प्रश्न – लघु कथा’वि धा के दो लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर- लघु कथा’ के दो लेखक हैं– 1- विष्णु नागर 2- चित्रा मुद्गल।
४१- हिंदी गद्य का प्राचीनतम प्रयोग किस भाषा में हुआ है ?
उत्तर- हिंदी गद्य का प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी भाषा में हुआ है |
42- भारतेंदु से पूर्व कौन से दो राजाओं ने हिंदी के विकास में योगदान दिया ?
उत्तर- भारतेंदु से पूर्व राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद व् राजा लक्ष्मण सिंह ने हिंदी गद्य के विकास में योगदान दिया |
४३- भारतेंदु से पूर्व हिंदी गद्य के चार प्रवर्तक और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए |
उत्तर- मुंशी सदा सुख लाल – सुख सागर, इंशाअल्लाह खां – रानी केतकी की कहानी, लल्लू लाल – प्रेम सागर, सदल मिश्र – नासिकेतोपाख्यान |
44- हिंदी की कोई दो बोली लिखिए |
उत्तर- वृज भाषा और अवधी |
45- हिंदी की 8 boबोलियां कौन-कौन सी हैं |
उत्तर- ब्रजभाषा, बुंदेली, हरियाणवी, अवधी, कन्नौजी, छत्तीसगढ़ी, बघेली, और खड़ी बोली |
46- हिंदी में राजस्थानी गीत का आरंभ कब हुआ |
उत्तर- हिंदी में राजस्थानी गीत का आरंभ तेरहवीं शताब्दी में हुआ |
47- ब्रजभाषा गद्य में सर्वप्रथम कौन सी रचना प्राप्त होती है ?
उत्तर- ब्रज भाषा की सर्वप्रथम गोरखपंक्ति रचनाएं प्राप्त होती हैं |
48- सितारे हिंद की भाषा शैली किस रूप में थी | Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
उत्तर- सितारे हिंद खड़ी बोली गद्य को अधिक नफीस बनाकर उर्दू जैसा रूप था |
49- लक्ष्मण सिंह गद्य भाषा के किस रूप के पक्ष में थे |
उत्तर- राजा लक्ष्मण सिंह संस्कृतनिष्ट हिंदी के पक्ष में थे |
50- भारतेंदु हरिश्चंद्र की गद्य भाषा की कोई दो कमियां बताइए |
उत्तर- भारतेंदु हरिश्चंद्र की भाषा में दो कमियां हैं व्याकरण की त्रुटियां और ब्रजभाषा का अभाव |
51- हिंदी गद्य के विकास में सबसे ज्यादा योगदान करने वाली पत्रिकाओं के नाम लिखिए |
उत्तर- हिंदी गद्य के विकास में सबसे ज्यादा योगदान करने वाली पत्रिका हैं सरस्वती पत्रिका संपादन महावीर प्रसाद द्विवेदी |
52- ब्रजभाषा की प्राचीन गद्य की प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए |
उत्तर- ब्रजभाषा की प्राचीन रचना निम्नलिखित हैं
चौरासी वैष्णवन की वार्ता एवं डो सो वावन वैष्णवन की वार्ता, गोकुलनाथ,
अष्टयाम -नाभादास, श्रृंगार रस मंडन – विट्ठलनाथ, अगहन – महामात्य बैकुंठ शुक्ल , माधव विलास – लल्लू लाल |
53- रानी केतकी की कहानी तथा चंद छंद वरदन की महिमा के लेखक के नाम लिखिए |
उत्तर- रानी केतकी की कहानी लेखक का नाम इंशा अल्लाह खां, चंद छंद वरनन की महिमा – कवि गंग |
54- लल्लू लाल और मथुरा शुक्ल की एक रचना का नाम लिखिए |
उत्तर- लल्लू लाल की गद्य रचना प्रेम सागर तथा मथुरा शुक्ल की गद्य रचना पंचांग दर्शन है |
55- भारतेंदु युगीन गद्य लेखकों के नाम लिखिए |
उत्तर- भारतेंदु युग के प्रमुख गद्य लेखको में भारतेंदु हरिश्चंद्र देवकीनंदन खत्री, किशोरी लाल, गोस्वामी बालकृष्ण भट्ट, प्रताप नारायण मिश्र आदि महत्वपूर्ण हैं|
56- द्विवेदी युग के प्रमुख लेखकों के नाम लिखिए |
उत्तर- द्विवेदी युग के प्रमुख लेखकों में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, अध्यापक पूर्ण सिंह, श्याम सुंदर दास, पदम सिंह, चंद्रधर शर्मा गुलेरी, गोपाल राम, है |
57- महावीर प्रसाद द्विवेदी ने किस हिंदी मासिक पत्रिका का संपादन करके हिंदी गद्य के विकास को प्रोत्साहित किया ?
उत्तर- महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने सरस्वती पत्रिका का संपादन करके हिंदी गद्य के विकास को प्रोत्साहित किया |
58- शुक्ल युग के प्रमुख लेखकों के नाम लिखिए | Up board class 10 hindi solution: हिन्दी गद्य का इतिहास
उत्तर- शुक्ल युग के प्रमुख लेखकों में आचार्य रामचंद्र शुक्ल, जयशंकर प्रसाद, प्रेमचंद, राय कृष्णदास, माखनलाल चतुर्वेदी आदि प्रमुख हैं |
59- स्वतंत्रता के उपरांत गद्य के प्रमुख लेखकों के नाम बताइए |
उत्तर- स्वतंत्रता के उपरांत गद्य भाषा के प्रमुख लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी रामविलास शर्मा वासुदेव शरण अग्रवाल महादेवी वर्मा रामधारी सिंह दिनकर जैनेंद्र कुमार नंददुलारे वाजपेई शिवदान सिंह चौहान विद्यानिवास मिश्र राहुल सांकृत्यायन कुबेरनाथ राय आदि प्रमुख हैं |
60- हिंदी गद्य में विकसित सभी विधाओं के नाम बताइए |
उत्तर- हिंदी गद्य में अब तक विकसित विधा में निबंध नाटक कहानी उपन्यास आलोचना जीवनी इंटरव्यू आत्मकथा रेखाचित्र एकांकी रेडियो रूपक रिपोर्ताज यात्रा वृत्त गद्य काव्य साहित्य डायरी आदि महत्वपूर्ण हैं |
61- छायावादी युग के गद्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- छायावादी गद्य की प्रमुख विशेषताएं- अलंकारिकता भावात्मकता चित्रात्मकता आदि हैं |
62- प्रगतिवादी युग की गद्य की दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए |
उत्तर- प्रगतिवादी युग के गद्य की दो विशेषताएं हैं सहज व्यवहारिक भाषा और अलंकार विहीन भाषा सतेज और चुटीली युक्तियां |
63- प्रगतिवादी युग के दो लेखकों के नाम बताइए |
उत्तर- रामविलास शर्मा शिवदान सिंह चौहान |
64- प्रगतिवादी युग की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए |
उत्तर- बाबा बटेश्वर नाथ और रतिनाथ की चाची |

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