Up board class 10 hindi full solution chapter 5 sanskrit khand

Up board class 10 hindi full solution chapter 5 sanskrit khand देशभक्त: चंद्रशेखर:

Up board class 10 hindi full solution chapter 5 देशभक्त: चंद्रशेखर:

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Up board class 10 hindi full solution chapter 5

पाठ 5 देशभक्त: चंद्रशेखर:


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए
(1) चन्द्रशेखरः कः आसीत्? (2016CD,CG, 17AD,19AG, 20MB)
उत्तर – चन्द्रशेखरः प्रसिद्द: क्रांतिकारी देशभक्त: च आसीत् |
(2) चन्द्रशेखरस्य रक्तबिन्दवः अग्निस्फुलिङ्गाः केषां कृते भविष्यन्ति ?
उत्तर – चन्द्रशेखरस्य रक्तबिन्दवः अग्निस्फुलिङ्गाः भारत माताया: शत्रूणां कृते भविष्यन्ति |
(3) कस्य आरक्षकस्य मस्तकं प्रस्तरखण्डेन प्रहारेण आहतम् अभवत् ?
उत्तर – दुर्जय सिंह आरक्षकस्य मस्तकं प्रस्तरखण्डेन प्रहारेण आहतम् अभवत्|
(4) न्यायाधीशः कः आसीत् ?
उत्तर – न्यायाधीशःएकः पारसीक: आसीत्
(5) न्यायाधीशः चन्द्रशेखरं कथम् अदण्डयत् ?
उत्तर – न्यायाधीशः चन्द्रशेखरं पञ्चदश कशाघातान अदण्डयत् |
(6) कारावासाधिकारिणः किं नाम आसीत्?
उत्तर – कारावासाधिकारिणः नाम गंडा सिंह आसीत् |
(7) दुर्मुखः कः आसीत्?
दुर्मुखः चांडाल: आसीत् |
(8) चन्द्रशेखरः कथं बन्दीकृतः ?
उत्तर – चंद्द्रशेखर: आंग्ल शासकै: राजद्रोही घोषित: अत: बंदीकृत: |
(9) चन्द्रशेखरः स्वनाम किम् अकथयत् ?
उत्तर – चन्द्रशेखरः स्वनाम “आजाद” इति अकथयत् |
(10) चन्द्रशेखरः स्वपितुः नाम किम् अकथयत् ? (2020MC,MD)
उत्तर – चन्द्रशेखरः स्वपितुः नाम “स्वतंत्र” इति अकथयत् |
(11) चन्द्रशेखरः स्वगृहं किम् अवदत् ?
अथवा चन्द्रशेखरः स्वगृहं कुत्र किम् अवदत् ? (2016CA)
उत्तर- चन्द्रशेखरः स्वगृहं कारागारम् अवदत्
(12) कशया ताडितः चन्द्रशेखरः पुनः पुनः किम् अवदत् ? (2017AG)
अथवा
प्रतिकशाघात पश्चात् चन्द्रशेखरः किम् अकथयत् ? (2017AE,19AB,AF)
उत्तर – कशया ताडितः चन्द्रशेखरः पुनः पुनः “जयतु भारतम्”’ इति अवदत् |
(13) ‘स्वतन्त्रः’ कस्य पितुः नाम ?
उत्तर- ‘स्वतन्त्रः’ चंद्रशेखरस्य पितुः नाम |
(14) ‘कारागार एव मम् गृहम्’ कस्य वचनम् अस्ति ?
उत्तर- ‘कारागार एव मम् गृहम्’ चंद्रशेखरस्य वचनम् अस्ति |
(15) ‘जयतु भारतम्’ इति कथनम् कस्य कं प्रति च अस्ति ? (2017AB)
उत्तर-‘जयतु भारतम्’ इति कथनम् चंद्रशेखरस्य गंडा सिंहं प्रति च अस्ति |


अनुवादात्मक प्रश्न –

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए
(क) न्यायाधीशः – तं बालकं ……………. नवयुवकः ।
अथवा आरक्षकः………………………. नास्ति चिन्ता।
न्यायाधीशः -(तं बालकं विस्मयेन विलोकयन्) रे बालक! तव किं नाम?
चंद्रशेखर—आजाद (स्थिरीभूय:)
न्यायाधीश: = तव पितु: किं नाम ?
चन्द्रशेखरः : स्वतन्त्रः।
न्यायाधीशः : त्वं कुत्र निवससि? तव गृहं कुत्रास्ति? चन्द्रशेखरः : कारागार एव मम गृहम्। न्यायाधीशः : (स्वगतम्) कीदृशः प्रमत्तः स्वतन्त्रतायै अयम् ? (प्रकाशम्) अतीव धृष्टः, उद्दण्ड: च अयं नवयुवकः।
अहम् इमं पञ्चदश कशाघातान् दण्डयामि।
चन्द्रशेखरः नास्ति चिन्ता।


अनुवाद – न्यायाधीशः – रे बालक तेरा क्या नाम है
चन्द्रशेखर – (स्थिर होकर )आजाद!
न्यायाधीशः- तुम्हारे पिता का क्या नाम है
चन्द्रशेखर- स्वतन्त्र |
न्यायाधीश – तुम कहाँ पर रहते हो ? तुम्तुहारा घर कहाँ पर है?
चन्द्रशेखर—कारागार ही मेरा घर है |
न्यायाधीश – (मन में) यह स्वतन्त्रता के लिए कैसा पागल है | (प्रकट रूप में) यह नव युवक अत्यंत दुष्ट और उद्दंड है
मैं इसे 15 कोड़े मारे जाने का दंड देता हूँ|
चन्द्रशेखर- कोई चिंता नहीं |

Up board class 10 hindi full solution chapter 5 sanskrit khand देशभक्त: चंद्रशेखर:

(ख) दुर्मख! मम……………………… इति वदति।
दुर्मुख! मम आदेशसमकालमेव कशाघातः कर्त्तव्यः। चंद्रशेखर प्रति रे दुर्विनीत युवक लभस्व इदानीं स्वविनयस्य फलम् । कुरु राजद्रोहम । दुर्मुख ! कशाघात एक: (दुर्मुख चंद्रशेखरम् कशया ताडयति ) |
चंद्रशेखर: – जयतु भारतं |
गंडासिंह: – दुर्मुख ! द्वितीय कशाघात ! (दुर्मुख पुन:: ताडयति) | तदित: चंद्रशेखर: पुन: पुन: जयतु भारतं इति बदति |
अनुवाद- गंडा सिंह – हे दुर्मुख मेरा आदेश पाते ही एक कोड़ा लगाना | (चन्द्रशेखर की ओर) अरे दुष्ट युवक ले अपनी दुष्टता का फल | कर राजद्रोह | हे दुर्मुख एक कोड़े का प्रहार करो | दुर्मुख चंद्रशेखर को कोड़े से पीटता है
चंद्रशेखर – भारत माता की जय हो|
गंडा सिंह – दुर्मुख दूसरा कोड़े का प्रहार करो| दुर्मुख पुन: पीटता है पीटा गया चंद्रशेखर बार-बार भारत माता की जय हो ऐसा बोलता है |

(ग) ताडितः चन्द्रशेखरः …………… अभिनन्दयन्ति च।
ताडितः चन्द्रशेखरः पुनः पुनः ‘भारतं जयतु’ इति वदति। (एवं स पञ्चदशकशाघातैः ताडितः) यदा चन्द्रशेखरः कारागारात् मुक्तः बहिः आगच्छति, तदैव सर्वे जनाः तं परितः वेष्टयन्ति, बहवः बालकाः तस्य पादयोः पतन्ति, तं मालाभिः अभिनन्दयन्ति च|
अनुवाद – पीटा गया चंद्रशेखर बार बार भारत माता की जय बोलता है (इस प्रकार वह पंद्रह कोडो से पीटा जाता है) जब चंद्रशेखर जेल से छूट कर बाहर आता है, तब सभी लोगों उसे चारों ओर से घेर लेते है बहुत से बालक उसके पैरों में गिरते हैं और उनका मालाओं से सम्मान करते हैं |

(घ) यदा चन्द्रशेखरः………………………………….. भविष्यन्ति।
यदा चंद्रशेखर: कारगरत मुक्त: बहि: आगच्छति , तदैव सर्वे जाना: तं परित: वेष्ट यन्ति , बहब: बालका: तस्य पादयो: पतन्ति , तं मालाभी: अभिनंदयन्ति च |
चंद्रशेखर: – किमिदं क्रियते भवद्भि ? वयंसर्वे भारतमातु: अनन्य भक्ता: | तस्या: शत्रूणां कृते मदीया: रक्त विन्दव: अग्नि स्फुलिंगा भविष्यन्ति |
अनुवाद ==जब चंद्रशेखर जेल से छूट कर बाहर आता है, तब सभी लोगों उसे चारों ओर से घेर लेते है बहुत से बालक उसके पैरों में गिरते हैं और उनका मालाओं से सम्मान करते हैं |
चंद्रशेखर– आप लोग यह क्या कर रहे हैं? हम सब भारत माता के अनन्य भक्त हैं उसके शत्रुओं के लिए हमारी रक्त की बूँदें अग्नि की चिंगारियां होंगी |

(ङ) आरक्षकः श्रीमन्! . ……………………………………….. स्वतन्त्रः। ‘
आरक्षकः : श्रीमन्! अयम् अस्ति चन्द्रशेखरः। अयं राजद्रोही। गतदिने अनेनैव असहयोगिनां सभायाम् एकस्य आरक्षकस्य दुर्जयसिंहस्य मस्तके प्रस्तरखण्डेन प्रहारः कृतः येन दुर्जयसिंहः आहतः।
न्यायाधीशः : (तं बालकं विस्मयेन विलोकयन्) रे बालक! तव किं नाम? चन्द्रशेखरः : आजादः (स्थिरीभूय)।
न्यायाधीशः : तव पितुः किं नाम?
चन्द्रशेखरः : स्वतन्त्रः।
अनुवाद- सिपाही – श्रीमान जी यह चंद्रशेखर है यह राजद्रोही है पिछले दिनों इसने ही असहयोगियों की सभा में एक सिपाही दुर्जयसिंह के मस्तक पर पत्थर के टुकड़े से प्रहार किया जिससे दुर्जन सिंह घायल हो गया |
न्यायाधीश – (उस बालक को आश्चर्य से देखते हुए) अरे बालक तुम्हारा क्या नाम है
चंद्रशेखर – (दृढ़ता से) –आजाद
न्यायाधीश- तुम्हारे पिता का क्या नाम है
चंद्रशेखर- स्वतंत्र

(च) गण्डासिंहः ………………………………………. अभिनन्दयन्ति च।
अनुवाद –
गंडा सिंह – है दुर्मुख मेरा आदेश पाते ही एक कोड़ा लगाना | (चन्द्रशेखर की ओर) अरे दुष्ट युवक ले अपनी दुष्टता का फल | कर राजद्रोह | हे दुर्मुख एक कोड़े का प्रहार करो | दुर्मुख चंद्रशेखर को कोड़े से पीटता है |
चंद्रशेखर – भारत माता की जय हो|
गंडा सिंह – दुर्मुख दूसरा कोड़े का प्रहार करो| दुर्मुख पुन: मारता है पीटा गया चंद्रशेखर बार-बार भारत माता की जय हो ऐसा बोलता है |
जब चंद्रशेखर जेल से छूट कर बाहर आता है, तब सभी लोगों उसे चारों ओर से घेर लेते है बहुत से बालक उसके पैरों में गिरते हैं और उनका मालाओं से अभिवादन करते हैं |

(छ) ततः दृष्टिगोचरो…………………………………….. कुरु राजद्रोहम्।
तब लंगोटी मात्र पहने हुए हथकड़ी से मजबूत बने हुए चंद्रशेखर और हाथ में कोडा लिए हुए चांडाल के पीछे चलता हुआ जेल अधिकारी गंडा सिंह दिखाई देते हैं
गंडा सिंह– जल्लाद की ओर है दुर्मुख मेरा आदेश पाते ही एक कोड़ा लगाना (चन्द्रशेखर की ओर) अरे दुष्ट युवक ले अपनी दुष्टता का फल | कर राजद्रोह |

  1. निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
    (क) हमें देशभक्त होना चाहिए।
    वयम देशभक्ता: भवेम:|
    (ख) देशभक्त निर्भीक होते हैं।
    देशभक्ता: निर्भीका: भवन्ति |
    (ग) भगतसिंह भी चतुर व निर्भीक राष्ट्रभक्त थे।
    भगतसिंह: अपि चतुर: निर्भीक: च राष्ट्रभक्त: आसीत् |
    (घ) देशभक्तों का बलिदान प्रेरणाप्रद होता है।
    देशभक्तानाम बलिदान प्रेरणाप्रद भवति |
    (ङ) आजाद को बच्चों ने घेर लिया।
    बालका: आजादं परित: वेष्टयन्ति
    (च) हमें अपना कर्त्तव्य करना चाहिए।
    वयं स्व कर्तव्यं कुर्याम |
    (छ) सदा सत्य की जीत होती है
    सदा सत्यम जयते |
  2. व्याकरणात्मक प्रश्न
    (1) निम्नलिखित शब्दों में सन्धि-विच्छेद कीजिए—
    पुष्टाङ्गः, कुत्रास्ति, मात्रावशेषः, नास्ति।
    पुष्टाङ्गः= पुष्ट+ अङ्गः|
    कुत्रास्ति= कुत्र+अस्ति|
    मात्रावशेषः= मात्र+अवशेषः|
    (2) निम्न धातुओं में लकार, पुरुष एवं वचन बताइए |
    तिष्ठति, दण्डयामि, जयतु, भविष्यन्ति।
    तिष्ठति— लट् लकार…..प्रथम पुरुष …………….एकवचन
    दण्डयामि—- लट् लकार…..उत्तम पुरुष …………….एकवचन
    जयतु—- लोट् लकार…..प्रथम पुरुष …………….एकवचन
    भविष्यन्ति– लृट् लकार…..प्रथम पुरुष ……………बहुवचन
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1 thought on “Up board class 10 hindi full solution chapter 5 sanskrit khand”

  1. आपने व्याकरण वाले हिस्से में नास्ति का संधि विच्छेद नहीं किया। उसका भी बताए श्रीमान।

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