MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 5 लघु कथाएँ (लघुकथा, संकलित)

MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 5 लघु कथाएँ (लघुकथा, संकलित)


लघु कथाएँ पाठ्य-पुस्तक पर आधारित प्रश्न
लघु कथाएँ लघु उत्तरीय प्रश्न

Laghu Katha Class 12 MP Board

प्रश्न 1- बालक ने दयालु महिला से क्या सवाल किया?
उत्तर:- बालक ने दयालु महिला से सवाल किया कि “इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा।”

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प्रश्न 2- रोगग्रस्त महिला को देखकर डॉक्टर की आँख में चमक-सी क्यों आ गई?
उत्तर:- रोगग्रस्त महिला को डॉक्टर ने पहचान लिया था। ‘दूध का मूल्य’ चुकाने का समय आया देखकर डॉक्टर की आँखों में चमक-सी आ गई।

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प्रश्न 3- रवींद्रनाथ टैगोर क्या जानने के लिए उत्सुक थे?
उत्तर:- रवींद्रनाथ टैगोर ‘सौंदर्य क्या है?’ यह जानने के लिए उत्सुक थे।

प्रश्न 4- मोमबत्ती बुझाने पर चाँदनी कहाँ-कहाँ फैल गई?
उत्तर:- मोमबत्ती बुझाने पर चाँदनी दरवाजे और खिड़की से होती हुई कमरे में फैल गई।

लघु कथाएँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1- दयालु महिला ने बालक को क्या उत्तर दिया?
उत्तर:- बालक ने दयालु महिला से सवाल किया था कि वह इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाएगा। इस पर महिला ने बालक को उत्तर दिया कि इस दूध के लिए उसे कुछ भी नहीं चुकाना होगा; क्योंकि सद्भाव से किए गए काम से कीमत की अपेक्षा नहीं की जाती।

प्रश्न 2- डॉक्टर ने महिला को पत्र में क्या लिखा?
उत्तर:- डॉक्टर ने महिला को पत्र में लिखा-“बिल का भुगतान वर्षों पहले हो चुका, एक गिलास दूध ।” नीचे हस्ताक्षर थे-आपका दूधवाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है।

प्रश्न 3- मोमबत्ती बुझाने के बाद परिवेश में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर:-मोमबत्ती बुझाने के बाद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी दरवाजे और खिड़की से झाँकती हुई पूरे कमरे में फैल गई। सारा परिवेश प्रकाशमय हो गया। चाँद यह कहता जान पड़ा कि “मैं बहुत देर से तुम्हें याद कर रहा था।” चाँदनी की दूधिया रोशनी में सारा परिवेश जगमगा उठा था।

प्रश्न 4- रवींद्रनाथ टैगोर को सौंदर्य की अनुभूति कैसे हुई?
उत्तर:-ठंडी हवा का झोंका आया और रवींद्रनाथ टैगोर का पूरा शरीर चंद्रमा की चाँदनी में नहा गया। वे प्राकृतिक सौंदर्य में इतने डूब गए कि उनके मुख से निकल पड़ा कि “यह है सौंदर्य!” इस प्रकार से उन्हें सौंदर्य की अनुभूति हुई।

लघु कथाएँ भाव-विस्तार/पल्लवन

प्रश्न 1- सदाशयता किसी कीमत की अपेक्षा नहीं करती।
उत्तर:- भारतीय संस्कृति की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है कि सद्भाव के लिए किए गए किसी कार्य के लिए किसी प्रकार के मूल्य की अपेक्षा नहीं की जाती है। यह जीवन का आदर्श मूल्य है। मानव की प्रवृत्ति है कि वह इस प्रकार के कार्य करता रहता है। दीन-दुखियों की सेवा करना, भूखे को रोटी खिलाना आदि कार्य इसी श्रेणी में आते हैं। परोपकार के लिए किए गए कार्यों के पीछे भी यही भावना सक्रिय रहती है।

प्रश्न 2- केवल शब्द पर ठहरकर अनुभूति नहीं होती।
उत्तर:- केवल शब्दों में लिखित सौंदर्य को पढ़कर सुंदरता की अनुभूति संभव नहीं है। शब्द तो सौंदर्य को व्यक्त करने के साधन मात्र हैं। शब्द अनुभूति कराने में असमर्थ हैं। सौंदर्य की अनुभूति तो अनुभव करने से होती है। मनःस्थिति बदलकर यह अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

लघु कथाएँ भाषा-अनुशीलन

प्रश्न 1- निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों के वाक्य बनाइए –
अंक, मूल्य, कर, वर्ण, रस।
उत्तर:–

अंक – परीक्षा में तुम्हें कुल कितने अंक प्राप्त हुए?
इस नाटक में पाँच अंक हैं।
मूल्य – इस रेडियो का मूल्य कितना है?
सत्य बोलना आदर्श जीवन का मूल्य है।
कर – हमें समय पर कर चुकाना चाहिए।
श्रीकृष्ण के कर में मुरली शोभायमान है।
वर्ण – पहले भारतीय सामाजिक व्यवस्था चार वर्णों पर आधारित थी।
हिंदी में वर्ण दो प्रकार के होते हैं-स्वर और व्यंजन।
रस – भारतीय काव्य-शास्त्र में नौ रस माने गए हैं।
मौसमी का रस रोगी के लिए लाभप्रद होता है।


प्रश्न 2- निम्नलिखित भिन्नार्थक समोच्चरित शब्दों का अंतर स्पष्ट कीजिए।
दिन-दीन, उतर-उत्तर, शांत-श्रांत, नींद-निन्द्य।
उत्तर:

दिन – दिन में तारे दिखाई नहीं देते।
दीन – हमें दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए।
उतर – स्टेशन आने पर सवारियाँ गाड़ी से उतर गयीं।
उत्तर – भारत की उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है।
शांत – कृपया शांत होकर नाटक का आनंद लीजिए।
श्रांत – श्रमिक श्रांत होकर आराम कर रहा है।
नींद – चिंता में नींद नहीं आती।
निन्द्य – दुराचार निन्य कर्म होता है।


प्रश्न 3-अहा! यह है सौंदर्य’ यह विस्मयादिबोधक वाक्य है। इस वाक्य को निषेधवाचक और प्रश्नवाचक वाक्यों में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:- निषेधवाचक – यह सौंदर्य नहीं है।
प्रश्नवाचक – क्या यही सौंदर्य है?

लघु कथाएँ योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1- ऐसे महापुरुषों की सूची बनाइए जो अभावों में पलकर महान् बने। उनके आदर्शों पर चलने का प्रयत्न कीजिए।
उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2- लघुकथाओं की प्रायोजना पुस्तिका बनाइए।
उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3- किसी घटना को आधार मानकर एक लघुकथा लिखिए।
उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

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